सरकार ने मंगलवार को कहा कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना ‘उड़ान’ अप्रैल, 2027 के बाद भी जारी रहेगी। इस योजना ने नौ वर्षों में 93 अप्रयुक्त और अधूरे हवाई अड्डों को जोडऩे वाले 649 मार्गों को चालू करने में मदद की है। उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) पहली उड़ान 27 अप्रैल, 2017 को शिमला और दिल्ली के बीच संचालित की गई थी। नागर विमानन मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘इस योजना के तहत 15 हेलिपोर्ट और दो जल हवाई अड्डों सहित 93 अप्रयुक्त और अधूरे हवाई अड्डों को जोडऩे वाले 649 मार्गों का संचालन शुरू किया गया है। इससे 3.23 लाख उड़ानों से 1.56 करोड़ से अधिक यात्रियों को सुविधा मिली है।’’ एयरलाइन कंपनियों को व्यवहार्यता अंतर निधि (वीजीएफ) के रूप में 4,300 करोड़ रुपये से अधिक वितरित किए गए हैं। क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के तहत हवाई अड्डों के विकास के लिए 4,638 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। नागर विमानन सचिव समीर कुमार सिन्हा ने पहाड़ी, पूर्वोत्तर और आकांक्षी क्षेत्रों के साथ संपर्क और लगभग 120 नए गंतव्यों के विकास को केंद्र में रखते हुए अप्रैल, 2027 के बाद भी इस योजना को जारी रखने की पुष्टि की है।