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23-10-2025

फेस्टिव सीजन में हुआ रिकॉर्ड कारोबार

  • नवरात्री से लेकर दीपावली तक चलने वाले फेस्टिव सीजन में गुड्स की बिक्री रिकॉर्ड 5.40 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। इस दौरान करीब 65,000 करोड़ रुपए की सर्विसेज भी ग्राहकों की ओर से खरीदी गई हैं। यह जानकारी इंडस्ट्री द्वारा जारी आंकड़ों में दी गई। देश के फेस्टिव सीजन के इतिहास में यह बिक्री का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) की रिसर्च विंग, कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी के अनुसार, यह पिछले साल नवरात्रि से दीपावली की अवधि में हुई 4.25 लाख करोड़ रुपए की फेस्टिव सेल्स की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। सर्वेक्षण में बताया गया कि इसमें रिटेल की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत रही है। ऑफलाइन मार्केट में भी मांग अच्छी रही है। कन्फेक्शनरी, होम डेकोर, जूते-चप्पल, रेडीमेड कपड़े, टिकाऊ उपभोक्ता सामान और दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसी प्रमुख उपभोक्ता और खुदरा श्रेणियों में जीएसटी दरों में कमी से मूल्य प्रतिस्पर्धा में काफी सुधार हुआ, जिससे खरीदारी में इजाफा हुआ है। सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 72 प्रतिशत व्यापारियों ने बताया कि उनकी बिक्री में वृद्धि सीधे तौर पर जीएसटी में कमी के कारण हुई। आंकड़ों से मुताबिक, दीपावली के व्यापार में उछाल से लॉजिस्टिक्स, परिवहन, खुदरा सहायता, पैकेजिंग और डिलीवरी जैसे क्षेत्रों में लगभग 50 लाख लोगों के लिए अस्थायी रोजगार पैदा होने का अनुमान है। बढ़ी हुई ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्रय शक्ति ने कुल बिक्री में लगभग 28 प्रतिशत का योगदान दिया, यह दिखाता है कि देश में मांग व्यापक स्तर पर बनी हुई है। कैट ने कहा, 2025 की दीपावली भारत की खुदरा और व्यापारिक अर्थव्यवस्था में एक नया मानदंड स्थापित करेगी, जो परंपरा, तकनीक और भारतीय उद्यम में विश्वास के सम्मिश्रण का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष की दीपावली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एक प्रमुख मील का पत्थर है।

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फेस्टिव सीजन में हुआ रिकॉर्ड कारोबार

नवरात्री से लेकर दीपावली तक चलने वाले फेस्टिव सीजन में गुड्स की बिक्री रिकॉर्ड 5.40 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। इस दौरान करीब 65,000 करोड़ रुपए की सर्विसेज भी ग्राहकों की ओर से खरीदी गई हैं। यह जानकारी इंडस्ट्री द्वारा जारी आंकड़ों में दी गई। देश के फेस्टिव सीजन के इतिहास में यह बिक्री का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) की रिसर्च विंग, कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी के अनुसार, यह पिछले साल नवरात्रि से दीपावली की अवधि में हुई 4.25 लाख करोड़ रुपए की फेस्टिव सेल्स की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। सर्वेक्षण में बताया गया कि इसमें रिटेल की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत रही है। ऑफलाइन मार्केट में भी मांग अच्छी रही है। कन्फेक्शनरी, होम डेकोर, जूते-चप्पल, रेडीमेड कपड़े, टिकाऊ उपभोक्ता सामान और दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसी प्रमुख उपभोक्ता और खुदरा श्रेणियों में जीएसटी दरों में कमी से मूल्य प्रतिस्पर्धा में काफी सुधार हुआ, जिससे खरीदारी में इजाफा हुआ है। सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 72 प्रतिशत व्यापारियों ने बताया कि उनकी बिक्री में वृद्धि सीधे तौर पर जीएसटी में कमी के कारण हुई। आंकड़ों से मुताबिक, दीपावली के व्यापार में उछाल से लॉजिस्टिक्स, परिवहन, खुदरा सहायता, पैकेजिंग और डिलीवरी जैसे क्षेत्रों में लगभग 50 लाख लोगों के लिए अस्थायी रोजगार पैदा होने का अनुमान है। बढ़ी हुई ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्रय शक्ति ने कुल बिक्री में लगभग 28 प्रतिशत का योगदान दिया, यह दिखाता है कि देश में मांग व्यापक स्तर पर बनी हुई है। कैट ने कहा, 2025 की दीपावली भारत की खुदरा और व्यापारिक अर्थव्यवस्था में एक नया मानदंड स्थापित करेगी, जो परंपरा, तकनीक और भारतीय उद्यम में विश्वास के सम्मिश्रण का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष की दीपावली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एक प्रमुख मील का पत्थर है।


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