इंडियन पेंट इंडस्ट्री की रेवेन्यू में 2024-25 में पिछले 20 वर्षों में पहली बार गिरावट दर्ज की गई है। ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2024-25 में इंडियन पेंट इंडस्ट्री की रेवेन्यू में सालाना आधार पर 2 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह गिरावट चिंताजनक कही जा सकती है क्योंकि कोविड पीरियड में भी पेंट इंडस्ट्री की रेवेन्यू में ग्रोथ दर्ज की गई थी। असल में 2024-25 में जनरल डिमांड स्लोडाउन व बिड़ला ओपस की एंट्री के कारण संभवतया पेंट इंडस्ट्री की रेवेन्यू इंपैक्ट हुई है। मार्च 2025 क्वार्टर में ग्रासिम इंडस्ट्रीज लि. के मेनेजमेंट ने कहा था कि ऑर्गेनाइज्ड डेकोरेटिव पेंट सेगमेंट में कंपनी का रेवेन्यू मार्केट शेयर 10 प्रतिशत से अधिक हो गया है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में कमजोर प्राइसिंग ग्रोथ से भी पेंट इंडस्ट्री की रेवेन्यू प्रभावित हुई है। इस दौरान प्रोडक्ट की कीमतों में बढ़ोतरी जहां न के बराबर रही वहीं कंपनियों को ट्रेड स्कीमों व ऑफर्स में बढ़ोतरी करनी पड़ी। इसके अलावा इंडस्ट्री के सामने कंज्यूमर डाउनट्रेडिंग (कंज्यूमर द्वारा सस्ते ब्रांड्स खरीदना) व अर्बन डिमांड स्लोडाउन जैसी चुनौतियां भी रही। ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि फेवरेबल बेस के क्रिएशन से फ्यूचर में पेंट इंडस्ट्री मजबूत ग्रोथ रिपोर्ट करते देखी गई है। यह पैटर्न 2015-16 से 2019-20 (2 कमजोर वर्षों के बाद 2 मजबूत वर्ष) व 2019-20 से 2022-23 (2 कमजोर वर्षों के बाद 2 मजबूत वर्ष) के दौरान देखा गया है। ब्रोकिंग हाउस 5 प्रतिशत से कम की रेवेन्यू ग्रोथ वाले वर्ष को ‘कमजोर वर्ष’ व 12 प्रतिशत से अधिक की रेवेन्यू ग्रोथ वाले वर्ष को ‘मजबूत वर्ष’ मानता है। 2023-24 व 2024-25 में रेवेन्यू ग्रोथ के कमजोर रहने के कारण उम्मीद जताई जा रही है कि 2026-27 में पेंट इंडस्ट्री की रेवेन्यू ग्रोथ में रिवाइवल देखने को मिल सकता है। हालांकि डिमांड रिलेटेड चुनौतियों के बने रहने के कारण यह रिकवरी धीमी रह सकती है। पेंट डिमांड चूंकि डिस्क्रीशनरी होती है, ऐसे में कंज्यूमर्स द्वारा इनकी परचेज़ को पोस्टपोन किया जा सकता है। यह सभी फेक्टर पेंट सेक्टर की कंपनियों में इंवेस्टेड इंवेस्टरों के धैर्य का भी टेस्ट लेते नजर आएंगें। गौरतलब है कि देश की सबसे बड़ी डेकोरेटिव पेंट कंपनी एशियन पेंट्स लि. के शेयरों में पिछले 1 वर्ष में 22 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
