केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 2018 से 2024 तक एकत्र किए गए पर्यावरण मुआवजे का केवल 0.2% ही पर्यावरण की सुरक्षा पर खर्च किया। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर एक आवेदन में यह जानकारी सामने आई है। सामाजिक कार्यकर्ता अमित गुप्ता द्वारा दायर आरटीआई से सामने आया कि सीपीसीबी ने इस अवधि के दौरान पर्यावरण मुआवजे (ईसी) के तहत जुर्माने और दंड के रूप में 45.81 करोड़ रुपये एकत्र किए लेकिन केवल नौ लाख रुपये खर्च किए, जो कुल राशि के पचासवें हिस्सा से भी कम है। सीपीसीबी के पास केवल 2024-25 में नौ लाख रुपये के इस्तेमाल का रिकॉर्ड है। सीपीसीबी को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा एकत्र किए गए पर्यावरण मुआवजे का 25' प्राप्त होता है और विभिन्न मामलों में प्रदूषण करने वालों पर सीधे जुर्माना लगाता है। सीपीसीबी को मिलने वाली जुर्माना रााशि का उपयोग पर्यावरण संरक्षण के लिए किया जाता है, जिसमें प्रयोगशालाओं के लिए संसाधन जुटाना, नेटवर्क की निगरानी करना, अनुपालन अध्ययन, क्षमता निर्माण और राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा नियुक्त समितियों द्वारा किए जाने वाले खर्च शामिल हैं।