स्मार्ट फोन के लिए चीन से टेंपर्ड ग्लास का इंपोर्ट रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मोबाइल गैजेट्स के लिए ग्लास का इंपोर्ट अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 तक 4,035.73 करोड़ रुपये का रहा। जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में हुए 2224.13 करोड़ रुपये के इंपोर्ट के मुकाबले 81.45 परसेंट की ग्रोथ दिखाता है। लेकिन एनेलिस्ट कहते हैं कि यह आंकड़ा भी बहुत कम है। यदि इसमें ग्रे मार्केट को जोड़ दिया जाए तो मामला बहुत बड़ा हो सकता है। भारत में दुनिया के सभी बड़े स्मार्टफोन ब्रांड्स के मैन्युफैक्चरिंग हब हैं और कुछ कंपनियां इस ग्लास की आपूर्ति के लिए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाना चाहती हैं। आप जानते हैं वेदांता वाले अनिल अग्रवाल ने एवांसस्ट्रेट इंक नाम की डिस्प्ले ग्लास कंपनी का अधिग्रहण किया है। और वेदांत ग्रुप इस सैक्टर में बड़ा निवेश करने का प्लान कर रहा है। चीन के स्मार्टफोन ब्रांड भारत के लिए भी अपने सप्लायरों से ही स्क्रीन प्रॉटेेक्टर खरीद रहे हैं। रिपोर्ट कहती हैं कि सरकार इस इंपोर्ट पर लगाम लगाने के लिए बीआईएस सर्टिफिकेशन को जरूरी कर रही है। हालांकि इसमें कम से कम छह महीने लगने की उम्मीद है। 2022 में इंडिया एसोसिएशन ऑफ सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स ने एक रिपोर्ट में कहा था कि स्क्रीन गार्ड मोबाइल एक्सेसरी के ग्लोबल इकोसिस्टम का जरूरी हिस्सा है और जो 2025 तक 25,000 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।