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11-07-2025

सेमीकंडक्टर कंपनी एनवीडिया 4 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ बनी वल्र्ड की सबसे वेल्यूएबल कंपनी

  •  दिग्गज सेमीकंडक्टर कंपनी एनवीडिया निवेशकों का समर्थन जारी रहने से बुधवार को 4,000 अरब डॉलर का मूल्यांकन हासिल करने वाली पहली सार्वजनिक कंपनी बन गई। बुधवार को शुरुआती कारोबार में एनवीडिया के शेयरों के दाम 2.5 प्रतिशत चढक़र 164 डॉलर प्रति शेयर के पार पहुंच गए। यह इस लिहाज से खासा अहम है कि वर्ष 2023 की शुरुआत में एनवीडिया के शेयर सिर्फ 14 डॉलर प्रति शेयर के भाव पर थे। एनवीडिया की ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू), चिपसेट और संबंधित सॉफ्टवेयर के डिजाइन और निर्माण में महारत है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में इसका ध्यान कृत्रिम मेधा (एआई) और हाई-परफॉरमेंस कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में काफी बढ़ा है। पिछले कुछ वर्षों में एआई को लेकर दुनिया भर में मची हलचल के दम पर एनवीडिया अमेरिकी शेयर बाजार की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। इसने प्रौद्योगिकी कंपनियों माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, अमेजन और गूगल को पीछे छोड़ दिया है। स्थिति यह है कि अब इसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव का एसएंडपी 500 एवं अन्य सूचकांकों पर एप्पल को छोडक़र किसी भी दूसरी कंपनी से ज्यादा असर पड़ता है। दो साल पहले एनवीडिया का बाजार मूल्य 600 अरब डॉलर से भी कम था। लेकिन एआई को लेकर दुनिया भर में जारी गतिविधियों ने सेमीकंडक्टर चिप कंपनी के भाव काफी ऊंचे स्तर पर पहुंचा दिए। एनवीडिया एआई से लाभान्वित होने वाली कुछ प्रमुख कंपनियों में शामिल है। एआई पर केंद्रित इन कंपनियों के शेयरों के भाव चढऩे से ही एसएंडपी 500 सूचकांक ने लगातार नए रिकॉर्ड स्तर छुए हैं। इन कंपनियों के लाभ बढऩे से अमेरिकी शेयर बाज़ार को नई ऊंचाई मिली है। ऐसा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतिगत अनिश्चितता और लगातार बढ़ती हुई मुद्रास्फीति के बावजूद हुआ है।

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सेमीकंडक्टर कंपनी एनवीडिया 4 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ बनी वल्र्ड की सबसे वेल्यूएबल कंपनी

 दिग्गज सेमीकंडक्टर कंपनी एनवीडिया निवेशकों का समर्थन जारी रहने से बुधवार को 4,000 अरब डॉलर का मूल्यांकन हासिल करने वाली पहली सार्वजनिक कंपनी बन गई। बुधवार को शुरुआती कारोबार में एनवीडिया के शेयरों के दाम 2.5 प्रतिशत चढक़र 164 डॉलर प्रति शेयर के पार पहुंच गए। यह इस लिहाज से खासा अहम है कि वर्ष 2023 की शुरुआत में एनवीडिया के शेयर सिर्फ 14 डॉलर प्रति शेयर के भाव पर थे। एनवीडिया की ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू), चिपसेट और संबंधित सॉफ्टवेयर के डिजाइन और निर्माण में महारत है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में इसका ध्यान कृत्रिम मेधा (एआई) और हाई-परफॉरमेंस कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में काफी बढ़ा है। पिछले कुछ वर्षों में एआई को लेकर दुनिया भर में मची हलचल के दम पर एनवीडिया अमेरिकी शेयर बाजार की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। इसने प्रौद्योगिकी कंपनियों माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, अमेजन और गूगल को पीछे छोड़ दिया है। स्थिति यह है कि अब इसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव का एसएंडपी 500 एवं अन्य सूचकांकों पर एप्पल को छोडक़र किसी भी दूसरी कंपनी से ज्यादा असर पड़ता है। दो साल पहले एनवीडिया का बाजार मूल्य 600 अरब डॉलर से भी कम था। लेकिन एआई को लेकर दुनिया भर में जारी गतिविधियों ने सेमीकंडक्टर चिप कंपनी के भाव काफी ऊंचे स्तर पर पहुंचा दिए। एनवीडिया एआई से लाभान्वित होने वाली कुछ प्रमुख कंपनियों में शामिल है। एआई पर केंद्रित इन कंपनियों के शेयरों के भाव चढऩे से ही एसएंडपी 500 सूचकांक ने लगातार नए रिकॉर्ड स्तर छुए हैं। इन कंपनियों के लाभ बढऩे से अमेरिकी शेयर बाज़ार को नई ऊंचाई मिली है। ऐसा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतिगत अनिश्चितता और लगातार बढ़ती हुई मुद्रास्फीति के बावजूद हुआ है।


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