नगर विकास न्यास ने शहर की सात प्रमुख आवासीय कॉलोनियों के शेष बचे तीन हजार आवासीय भूखण्डों को रियायती दरों पर लॉटरी के जरिये आवंटित करने की घोषणा के बाद करीब सवा लाख लोगों ने दो-दो हजार रुपये देकर आवेदन के लिए फार्म खरीदे हैं। इससे न्यास को करीब 20 करोड़ रुपये की आय हुई है। न्यास ने इन्वेस्टरों को योजना से दूर रखने के लिए आवेदन शुल्क की राशि प्रति फार्म दो हजार रुपये निर्धारित की थी। सवा लाख लोगों ने फार्म क्रय करने में उत्साह दिखाया। उत्साह को देखते हुए योजना की तारीख भी बढ़ाकर 15 जुलाई कर दी। इसी बीच न्यास द्वारा प्रकाशित सभी फार्म बिक जाने से दुबारा फार्म छपवाये गए, लेकिन योजना पर न्यायालय से स्थगन आदेश आने से फिलहाल रोक लग गई है। योजना के लिए कई आवेदकों ने अपना आवेदन जमा कराने के साथ मांगी गई राशि भी बैंकों में न्यास के खाते में जमा दी है। न्यास के खाते में इस तरह करीब 30 से 35 करोड़ रुपये जमा हो गये हैं। यूआईटी द्वारा प्रस्तावित भूखंड लॉटरी प्रक्रिया को जिला न्यायालय ने आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया है। यह फैसला जिला अभिभाषक संस्था की ओर से दायर याचिका पर यूआईटी द्वारा जवाब प्रस्तुत नहीं किए जाने के चलते आया। बार एसोसिएशन अध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि संस्था द्वारा लॉटरी प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के विरोध में याचिका दायर की गई थी।