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17-06-2025

इंडिया आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा, पर नौकरी, सुधारों के मोर्चे पर स्थिति अच्छी नहीं : सुब्बाराव

  •  भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल के दौरान मजबूत आर्थिक वृद्धि, राजकोषीय स्थिति और महंगाई दर में नरमी के साथ भारत आज आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है, लेकिन अच्छी नौकरी सृजित करने, मेन्यूफेक्चरिंग और अगली पीढ़ी के सुधारों को आगे बढाने के मोर्चे पर स्थिति अच्छी नहीं है। सुब्बाराव ने कहा, ‘‘आज, 11 साल बाद, आर्थिक वृद्धि मजबूत है, मुद्रास्फीति नरम हुई है, रुपया स्थिर है, बाह्य क्षेत्र मजबूती दिखा रहा है, राजकोषीय स्थिति बेहतर है और फंसे कर्ज की समस्या समाप्त हो गयी है। हालांकि, शुल्क बाधाओं और बिगड़ते भू-राजनीतिक तनावों से कई वैश्विक बाधाएं और अनिश्चितताएं उत्पन्न हुई हैं, बावजूद इसके भारत एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है जो महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 11 वर्षों में यह एक उल्लेखनीय बदलाव है, यह खुशी का कारण है, लेकिन जश्न मनाने का नहीं...। अन्य बातों के साथ हम रोजगार, मेन्यूफेक्चरिंग और आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने में विफल रहे हैं।’’ एक सवाल के जवाब में सुब्बाराव ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) बढ़ रही है, और हम आगे बढ़े हैं। आज हम चार ट्रिलियन (4,000 अरब डॉलर) की अर्थव्यवस्था हैं। जब मोदी सरकार ने सत्ता संभाली थी तब हम 11वें स्थान पर थे। आज हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम इस साल चौथी सबसे बड़ी और 2027 में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जीडीपी सिर्फ एक पैमाना है। आप जानते हैं, हम एक बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, हमारी आबादी 1.4 अरब है। लेकिन सचाई है कि प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से, हम अब भी एक गरीब देश हैं, जो किसी देश की बेहतरी का एक मापदंड है। प्रति व्यक्ति आय लगभग 2,800 डॉलर (2,878 डॉलर) है, हम इस मामले में 136वें (196 देशों में) स्थान पर हैं। हम ब्रिक्स में सबसे गरीब हैं। हम जी-20 में सबसे गरीब हैं। और हमारे पास दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक गरीब लोग हैं।’’ रोजगार की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर वर्ष 2008 से 2013 तक आरबीआई के गवर्नर रहे सुब्बाराव ने कहा, ‘‘...पिछले 11 साल में रोजगार में कोई सुधार नहीं हुआ है। नौकरियां तो सृजित हो रही हैं, लेकिन वे असंगठित क्षेत्र में अनुत्पादक, कम उत्पादकता वाली, अंशकालिक नौकरियां हैं। संगठित क्षेत्र में पर्याप्त उत्पादक नौकरियां सृजित नहीं हो पा रही हैं, और यह मौजूदा सरकार की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक है।’’ एक सवाल के जवाब में सुब्बाराव ने कहा, ‘‘ हमें नौकरियां सृजित करने के लिए मेन्यूफेक्चरिंग पर ध्यान देना होगा। विशेष रूप से लघु और मझोले उद्योगों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वह रोजगार गहन क्षेत्र हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन मेन्यूफेक्चरिंग क्षेत्र में स्थिति पिछले 11 साल में खास सुधरी नहीं है।’’

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इंडिया आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा, पर नौकरी, सुधारों के मोर्चे पर स्थिति अच्छी नहीं : सुब्बाराव

 भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल के दौरान मजबूत आर्थिक वृद्धि, राजकोषीय स्थिति और महंगाई दर में नरमी के साथ भारत आज आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है, लेकिन अच्छी नौकरी सृजित करने, मेन्यूफेक्चरिंग और अगली पीढ़ी के सुधारों को आगे बढाने के मोर्चे पर स्थिति अच्छी नहीं है। सुब्बाराव ने कहा, ‘‘आज, 11 साल बाद, आर्थिक वृद्धि मजबूत है, मुद्रास्फीति नरम हुई है, रुपया स्थिर है, बाह्य क्षेत्र मजबूती दिखा रहा है, राजकोषीय स्थिति बेहतर है और फंसे कर्ज की समस्या समाप्त हो गयी है। हालांकि, शुल्क बाधाओं और बिगड़ते भू-राजनीतिक तनावों से कई वैश्विक बाधाएं और अनिश्चितताएं उत्पन्न हुई हैं, बावजूद इसके भारत एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है जो महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 11 वर्षों में यह एक उल्लेखनीय बदलाव है, यह खुशी का कारण है, लेकिन जश्न मनाने का नहीं...। अन्य बातों के साथ हम रोजगार, मेन्यूफेक्चरिंग और आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने में विफल रहे हैं।’’ एक सवाल के जवाब में सुब्बाराव ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) बढ़ रही है, और हम आगे बढ़े हैं। आज हम चार ट्रिलियन (4,000 अरब डॉलर) की अर्थव्यवस्था हैं। जब मोदी सरकार ने सत्ता संभाली थी तब हम 11वें स्थान पर थे। आज हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम इस साल चौथी सबसे बड़ी और 2027 में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जीडीपी सिर्फ एक पैमाना है। आप जानते हैं, हम एक बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, हमारी आबादी 1.4 अरब है। लेकिन सचाई है कि प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से, हम अब भी एक गरीब देश हैं, जो किसी देश की बेहतरी का एक मापदंड है। प्रति व्यक्ति आय लगभग 2,800 डॉलर (2,878 डॉलर) है, हम इस मामले में 136वें (196 देशों में) स्थान पर हैं। हम ब्रिक्स में सबसे गरीब हैं। हम जी-20 में सबसे गरीब हैं। और हमारे पास दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक गरीब लोग हैं।’’ रोजगार की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर वर्ष 2008 से 2013 तक आरबीआई के गवर्नर रहे सुब्बाराव ने कहा, ‘‘...पिछले 11 साल में रोजगार में कोई सुधार नहीं हुआ है। नौकरियां तो सृजित हो रही हैं, लेकिन वे असंगठित क्षेत्र में अनुत्पादक, कम उत्पादकता वाली, अंशकालिक नौकरियां हैं। संगठित क्षेत्र में पर्याप्त उत्पादक नौकरियां सृजित नहीं हो पा रही हैं, और यह मौजूदा सरकार की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक है।’’ एक सवाल के जवाब में सुब्बाराव ने कहा, ‘‘ हमें नौकरियां सृजित करने के लिए मेन्यूफेक्चरिंग पर ध्यान देना होगा। विशेष रूप से लघु और मझोले उद्योगों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वह रोजगार गहन क्षेत्र हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन मेन्यूफेक्चरिंग क्षेत्र में स्थिति पिछले 11 साल में खास सुधरी नहीं है।’’


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