आयकर विभाग द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में 19 जून तक ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (कॉर्पोरेट टैक्स, गैर-कॉर्पोरेट टैक्स, प्रतिभूति लेनदेन टैक्स और अन्य शुल्क) 4.86 प्रतिशत बढक़र 5.45 लाख करोड़ रुपए हो गया है। हालांकि, रिफंड में वृद्धि के कारण नेट कलेक्शन में मामूली गिरावट देखी गई। नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में पिछले वर्ष के 4,65,275 करोड़ रुपए से 1.39 प्रतिशत की मामूली गिरावट देखी गई और यह 4,58,822 करोड़ रुपए रहा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सरकार ने 19 जून तक 86,385 करोड़ रुपए का डायरेक्ट टैक्स रिफंड जारी किया है, जो 2024-25 की इसी अवधि की तुलना में 58.04 प्रतिशत की वृद्धि है। केंद्रीय डायरेक्ट टैक्स बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार, नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 1.72 लाख करोड़ रुपए का कॉर्पोरेट टैक्स (रिफंड के बाद नेट), 2.72 लाख करोड़ रुपए का गैर-कॉर्पोरेट टैक्स और 13,013 करोड़ रुपए का प्रतिभूति लेनदेन टैक्स (रिफंड के बाद नेट) शामिल है। गैर-कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन में अग्रिम टैक्स में 2.68 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि कॉर्पोरेट टैक्स में 5.68 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कुल अग्रिम टैक्स प्राप्तियां 3.87 प्रतिशत बढक़र 1,55,533 करोड़ रुपए हो गईं। किसी व्यक्ति की आय या लाभ पर लगाया जाने वाला डायरेक्ट टैक्स, व्यक्ति द्वारा सीधे सरकार को भुगतान किया जाता है। आयकर विभाग ने हाल ही में ई-पे टैक्स सुविधा शुरू की है, जिसका उद्देश्य करदाताओं के लिए टैक्स-संबंधी प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। केंद्रीय बजट में आयकर अधिनियम, 1961 को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए इसमें व्यापक बदलाव का प्रस्ताव किया गया है। इस बीच, मई 2025 के लिए भारत का ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 2.01 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो मई 2024 में एकत्र 1.72 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 16.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। यह लगातार दूसरा महीना है जब जीएसटी राजस्व 2 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े से ऊपर रहा है, जो स्वस्थ आर्थिक गतिविधि और स्थिर खपत वृद्धि का संकेत देता है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन 2.37 लाख करोड़ रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया था, जो मार्च से 13 प्रतिशत की वृद्धि थी।