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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

09-09-2025

फेस्टिव मार्केट में हाई स्पीड ट्रेक का रोलआउट

  •  सेंटिमेंट रिवाइवल के ग्रीन शूट्स दिखने लगे हैं शायद। जीएसटी कट के भयंकर ब•ा और परचेज टलने की रिस्क के बावजूद एक भी मेनस्ट्रीम सैगमेंट रैड •ाोन में नहीं फिसला। कन्सल्टेंट रिपोर्ट कहती हैं कि जुलाई के बाद से ही कंज्यूमर सेंटिमेंट में रिकवरी दिख रही है। यूपीआई ट्रांजेक्शन के डेटा से पता चलता है कि होटल, रेस्त्रां, बार, पब आदि डिस्क्रीशनरी सैगमेंट में दो महीनों में ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़े हैं। फाडा का कहना है कि फेस्टिव सीजन के दौरान ऑटो सेल्स में फायदा होगा। जिन बायर्स ने जुलाई-अगस्त में अपनी परचेज टाली है वो फेस्टिव सीजन में कन्वर्ट होंगे। अगस्त महीने में कार की रिटेल सेल्स 2.84 परसेंट बढ़ी। फाडा के प्रेसिडेंट सी. एस. विग्नेश्वर के अनुसार डीलर्स सेंटिमेंट पॉजिटिव है और सितम्बर से ग्रोथ का दौर शुरू होगा। बैंक ऑफ अमेरिका ने कहा है कि जीएसटी कट के कारण ऑटो इंडस्ट्री के अलग-अलग सैगमेंट्स में अलग-अलग ग्रोथ पैटर्न दिखेगा। टू-व्हीलर मार्केट ...अपग्रेडर मार्केट... में बदल रहा है। अपग्रेडर मार्केट हायर सैगमेंट की गाड़ी खरीदने वाले। आमतौर पर टू-व्हीलर इंडस्ट्री रूरल मार्केट में एंट्री लेवल मॉडलों की डिमांड में रिकवरी पर चलती है लेकिन इस इंडस्ट्री के ग्रोथ डायनामिक्स बदल रहे हैं और अपग्रेड करने वालों का दखल बढ़ रहा है। बैंक ऑफ  अमेरिका ने कहा है कि इसके उलट पैसेंजर वेहीकल में कंपनियों का फोकस प्रीमियमाइजेशन से पेनीट्रेशन यानी पहुंच बढ़ाने पर शिफ्ट हो रहा है। ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट कहती है कि जीएसटी कट से एंट्री-लेवल सेगमेंट (टू-व्हीलर और पीवी दोनों) में प्राइस घटेगी जिसका डिमांड ग्रोथ पर सीधा असर होगा।  क्रिसिल ने अपने नोट में कहा है कि ऑटो इंक में 90 परसेंट शेयर टू-व्हीलर और पीवी का है और जीएसटी कट से इनमें क्रमश: 2 परसेंट और 1 परसेंट एक्स्ट्रा डिमांड ग्रोथ हो सकती है। दोपहिया की सेल्स इस वित्तीय वर्ष 5-6 परसेंट बढऩे की उम्मीद है, जबकि यात्री वाहनों की सेल्स 2-3 परसेंट सकती है। दूसरी ओर हेवी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री ने कहा है कि जीसटी कट से  पुरानी गाडिय़ों का रिप्लेसमेंट बढ़ेगा और क्लीनर मोबिलिटी को सपोर्ट मिलेगा। कंपोनेंट और स्पेयर पार्ट्स पर भी जीएसटी कट से एमएसएमई सैक्टर के लिए मल्टीप्लायर इफेक्ट पैदा होगा। सरकार को उम्मीद है कि सेल्स में ग्रोथ होने से क्रेडिट ग्रोथ में सुधार होगा। प्राइस और ईएमआई घटने से गिग वर्कर्स को भी फायदा होगा।

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फेस्टिव मार्केट में हाई स्पीड ट्रेक का रोलआउट

 सेंटिमेंट रिवाइवल के ग्रीन शूट्स दिखने लगे हैं शायद। जीएसटी कट के भयंकर ब•ा और परचेज टलने की रिस्क के बावजूद एक भी मेनस्ट्रीम सैगमेंट रैड •ाोन में नहीं फिसला। कन्सल्टेंट रिपोर्ट कहती हैं कि जुलाई के बाद से ही कंज्यूमर सेंटिमेंट में रिकवरी दिख रही है। यूपीआई ट्रांजेक्शन के डेटा से पता चलता है कि होटल, रेस्त्रां, बार, पब आदि डिस्क्रीशनरी सैगमेंट में दो महीनों में ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़े हैं। फाडा का कहना है कि फेस्टिव सीजन के दौरान ऑटो सेल्स में फायदा होगा। जिन बायर्स ने जुलाई-अगस्त में अपनी परचेज टाली है वो फेस्टिव सीजन में कन्वर्ट होंगे। अगस्त महीने में कार की रिटेल सेल्स 2.84 परसेंट बढ़ी। फाडा के प्रेसिडेंट सी. एस. विग्नेश्वर के अनुसार डीलर्स सेंटिमेंट पॉजिटिव है और सितम्बर से ग्रोथ का दौर शुरू होगा। बैंक ऑफ अमेरिका ने कहा है कि जीएसटी कट के कारण ऑटो इंडस्ट्री के अलग-अलग सैगमेंट्स में अलग-अलग ग्रोथ पैटर्न दिखेगा। टू-व्हीलर मार्केट ...अपग्रेडर मार्केट... में बदल रहा है। अपग्रेडर मार्केट हायर सैगमेंट की गाड़ी खरीदने वाले। आमतौर पर टू-व्हीलर इंडस्ट्री रूरल मार्केट में एंट्री लेवल मॉडलों की डिमांड में रिकवरी पर चलती है लेकिन इस इंडस्ट्री के ग्रोथ डायनामिक्स बदल रहे हैं और अपग्रेड करने वालों का दखल बढ़ रहा है। बैंक ऑफ  अमेरिका ने कहा है कि इसके उलट पैसेंजर वेहीकल में कंपनियों का फोकस प्रीमियमाइजेशन से पेनीट्रेशन यानी पहुंच बढ़ाने पर शिफ्ट हो रहा है। ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट कहती है कि जीएसटी कट से एंट्री-लेवल सेगमेंट (टू-व्हीलर और पीवी दोनों) में प्राइस घटेगी जिसका डिमांड ग्रोथ पर सीधा असर होगा।  क्रिसिल ने अपने नोट में कहा है कि ऑटो इंक में 90 परसेंट शेयर टू-व्हीलर और पीवी का है और जीएसटी कट से इनमें क्रमश: 2 परसेंट और 1 परसेंट एक्स्ट्रा डिमांड ग्रोथ हो सकती है। दोपहिया की सेल्स इस वित्तीय वर्ष 5-6 परसेंट बढऩे की उम्मीद है, जबकि यात्री वाहनों की सेल्स 2-3 परसेंट सकती है। दूसरी ओर हेवी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री ने कहा है कि जीसटी कट से  पुरानी गाडिय़ों का रिप्लेसमेंट बढ़ेगा और क्लीनर मोबिलिटी को सपोर्ट मिलेगा। कंपोनेंट और स्पेयर पार्ट्स पर भी जीएसटी कट से एमएसएमई सैक्टर के लिए मल्टीप्लायर इफेक्ट पैदा होगा। सरकार को उम्मीद है कि सेल्स में ग्रोथ होने से क्रेडिट ग्रोथ में सुधार होगा। प्राइस और ईएमआई घटने से गिग वर्कर्स को भी फायदा होगा।


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