सबसे बड़े निवेश बैंकरों में एक जेपी मॉर्गन ने मंगलवार को कहा कि प्रति वर्ष 20 बिलियन डॉलर की आईपीओ भारत के लिए नई सामान्य बात हो गई है। आने वाले कुछ सालों में इस रेट के स्टेबल होने की उम्मीद है। बैंक ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में आईपीओ की बाढ़ के बीच बाजार में अब तक 2025 में 20 बिलियन डॉलर के आईपीओ हो चुके हैं जो पिछले साल के बराबर है। यदि कुछ बड़े निर्गम जैसे आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी का प्रस्ताव सफल होता है, तो साल के अंत तक यह राशि 23 बिलियन डॉलर से भी ऊपर जा सकती है। जेपी मॉर्गन के अनुसार भारत के लिए सालाना 20 बिलियन डॉलर जारी करना नई सामान्य बात है। यह नया मापदंड है और आगे से यह हमारे लिए सालाना दर बन जाएगा। उन्होंने कहा कि कम से कम 20 स्टार्टअप, जिनका निजी बाजार में करोड़ों का वेल्यूएशन है, वर्तमान में आईपीओ लाने की तैयारी कर रहे हैं। भारती ने कहा कि मांग का लगभग पांचवां हिस्सा कंज्यूमर टेक और न्यू एज बिजनसेज के व्यवसायों द्वारा संचालित हो रहा है।