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12-07-2025

अब 2 घंटे के हॉस्पिटलाइजेशन पर भी मिलेगा क्लेम, रात भर ठहरने की शर्त खत्म

  •  अब वह जमाना नहीं रहा जब मोतियाबिंद के ऑपरेशन, कीमोथेरेपी या एंजियोग्राफी के लिए रात भर हॉस्पिटल में रुकने की जरूरत पड़ती थी। मेडिकल टेक्नोलॉजी 10 सालों में काफी आगे बढ़ चुकी है। हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए 24 घंटे अस्पताल में एडमिट रहने की शर्त भी अब खत्म हो गई है। कई बीमा कंपनियां सिर्फ 2 घंटे के हॉस्पिटलाइजेशन पर भी मेडिक्लेम दे रही हैं। यह बदलाव नए जमाने के साथ मेडिकल टेक्नोलॉजी में हो रहे बदलाव के साथ तालमेल बिठाने के लिए किया जा रहा है। पहले हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए 24 घंटे अस्पताल में एडमिट रहने की जरूरत पड़ती थी। हालांकि, अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि कई इंश्योरेंस कंपनियां अब इस शर्त को माने बिना सिर्फ 2 घंटे के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर ही क्लेम करने की सुविधा दे रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पॉलिसीबाजार में हेल्थ इंश्योरेंस के हेड सिद्धार्थ सिंघल ने कहा, बीते दस सालों में मेडिकल के क्षेत्र में हुए विकास ने ट्रीटमेंट और सर्जरी के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है जिससे हॉस्पिटल में रहने की जरूरत भी घटी है। पहले मोतियाबिंद के ऑपरेशन, कीमोथेरेपी या एंजियोग्राफी के लिए रात भर हॉस्पिटल में रूकने की जरूरत पड़ती थी। इसे देखते हुए कई इंश्योरेंस कंपनियां अपनी पॉलिसीज में 2 घंटे के हॉस्पिटलाइजेशन को भी कवर कर रही हैं ताकि सिर्फ हॉस्पिटल में रात भर न ठहरने की वजह से किसी पॉलिसीहोल्डर का क्लेम रिजेक्ट न हो जाए। इसे कवर करने वाली कंपनियों में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड एलिवेट प्लान, केयर-सुप्रीम प्लान और निवा बूपा शामिल हैं।

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अब 2 घंटे के हॉस्पिटलाइजेशन पर भी मिलेगा क्लेम, रात भर ठहरने की शर्त खत्म

 अब वह जमाना नहीं रहा जब मोतियाबिंद के ऑपरेशन, कीमोथेरेपी या एंजियोग्राफी के लिए रात भर हॉस्पिटल में रुकने की जरूरत पड़ती थी। मेडिकल टेक्नोलॉजी 10 सालों में काफी आगे बढ़ चुकी है। हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए 24 घंटे अस्पताल में एडमिट रहने की शर्त भी अब खत्म हो गई है। कई बीमा कंपनियां सिर्फ 2 घंटे के हॉस्पिटलाइजेशन पर भी मेडिक्लेम दे रही हैं। यह बदलाव नए जमाने के साथ मेडिकल टेक्नोलॉजी में हो रहे बदलाव के साथ तालमेल बिठाने के लिए किया जा रहा है। पहले हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए 24 घंटे अस्पताल में एडमिट रहने की जरूरत पड़ती थी। हालांकि, अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि कई इंश्योरेंस कंपनियां अब इस शर्त को माने बिना सिर्फ 2 घंटे के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर ही क्लेम करने की सुविधा दे रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पॉलिसीबाजार में हेल्थ इंश्योरेंस के हेड सिद्धार्थ सिंघल ने कहा, बीते दस सालों में मेडिकल के क्षेत्र में हुए विकास ने ट्रीटमेंट और सर्जरी के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है जिससे हॉस्पिटल में रहने की जरूरत भी घटी है। पहले मोतियाबिंद के ऑपरेशन, कीमोथेरेपी या एंजियोग्राफी के लिए रात भर हॉस्पिटल में रूकने की जरूरत पड़ती थी। इसे देखते हुए कई इंश्योरेंस कंपनियां अपनी पॉलिसीज में 2 घंटे के हॉस्पिटलाइजेशन को भी कवर कर रही हैं ताकि सिर्फ हॉस्पिटल में रात भर न ठहरने की वजह से किसी पॉलिसीहोल्डर का क्लेम रिजेक्ट न हो जाए। इसे कवर करने वाली कंपनियों में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड एलिवेट प्लान, केयर-सुप्रीम प्लान और निवा बूपा शामिल हैं।


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