मसूर में ऑपरेशन सिंदूर के समय में आई भारी तेजी के बाद 250 रुपए प्रति क्विंटल का करेक्शन आ गया है लेकिन अब यहां से फिर खरीद लाभदायक होगी तथा आगे चलकर बाजार पुन: 7000 रुपए प्रति क्विंटल को बिल्टी में पार कर जाएगा। वर्तमान में मसूर मध्य प्रदेश के मुंगावली गंज बासौदा सागर भोपाल एवं बीनागंज लाइन में आ रही है।सभी राज्यों में फसल आकर निबट चुकी है। मध्य प्रदेश की मंडियों में मसूर का दबाव बनने से वहां दागी के हिसाब से मोटी मसूर 6000/6350 रुपए प्रति क्विंटल के बीच लूज में बिक रही है। दिल्ली में इसके भाव 6750/6800 रुपए प्रति क्विंटल बिल्टी में चल रहे हैं। यह पिछले पखवाले में 7000/7050 रुपए तक उपर में बिकी थी, जबकि कनाडा की मसूर के भाव 6540/6550 रुपए प्रति कुंतल यहां देख आई है। तत्पश्चात सिन्दूर ऑपरेशन के अन्तर्गत माल काफी बिके हुए थे, जिससे बाजार घट कर कनाडा के माल के 6200/6250 रुपए तथा मुंगावली बीनागंज लाइन के बिल्टी में यहां 6750/6800 रुपए प्रति कुंतल रह गए हैं। अब इसमें मंदा नहीं लग रहा है, क्योंकि कनाडा में हाल ही में 25-30 डॉलर प्रति टन भाव बढ़ गए थे, जिससे वह माल मुंदड़ा पोर्ट पर 6000 रुपए प्रति क्विंटल से नीचे का पड़ता नहीं लग रहा है। इस वजह से देश-विदेशी माल में कोई मंदे की धारणा नहीं है। इस बार मसूर की बोई हुई फसल को देखते हुए घरेलू उत्पादन 16.50 लाख मीट्रिक टन आने का अनुमान लगाया जा रहा है, लेकिन हमारी घरेलू खपत 28 लाख मीट्रिक टन की है। वर्तमान के परिदृश्य में मसूर की वास्तविक तेजी मंदी अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर निर्भर करेगी तथा सरकार के आयात निर्यात नीति पर चलेगी। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में ऊंचे भाव होने से विदेशी माल में मंदे की गुंजाइश नहीं है तथा देसी विदेशी माल में जो अंतर 600 रुपए प्रति क्विंटल का हो गया है, इससे विदेशी माल में ज्यादा तेजी आएगी। देसी माल में भी 50 रुपए प्रति क्विंटल से और घटने की गुंजाइश नहीं लग रही है। गत वर्ष की तरह इस बार अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में मसूर के भाव नीचे नहीं है तथा मुंदड़ा सहित अन्य बंदरगाहों पर उतरे हुए माल भी काफी निकल चुके निपट चुके हैं। अत: मसूर इस बार आगे चलकर बिल्टी में 7000 रुपए प्रति क्विंटल बिल्टी में देसी मसूर पार कर जाएगी।