इंडिया-यूएस ट्रेड डील को अंतिम रूप देने की दिशा में चर्चा है कि भारत ने पशु चारे के लिए जीएम क्रॉप के इंपोर्ट को मंजूरी देने पर सहमति जता दी है। माना जा रहा है जीएम एनीमल फीड में सोयाबीन मील और मक्का आधारित एथेनॉल निर्माण के उप-उत्पाद जैसे डिस्टिलर्स ड्राइड ग्रेन्स विद सोल्युबल्स (डीडीजीएस) को भी शामिल किया जा सकता है। हालांकि भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह पशुचारे के अलावा किसी भी जीएम क्रॉप के इंपोर्ट को मंजूरी नहीं देगा। भारत और अमेरिका के बीच मिनी ट्रेड डील की इसी सप्ताह घोषणा की जा सकती है। अमेरिकी प्रेसिडेंट डॉनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि जिन देशों के साथ ट्रेड डील नहीं हो पा रही है उन पर 1 अगस्त से बढ़े हुए इंपोर्ट टैरिफ लागू हो जाएंगे। देश में जीएम मक्का और सोयाबीन की खेती या खाद्य उपयोग के लिए मंजूरी नहीं है। लेकिन ट्रेड डील में डैडलॉक (गतिरोध) को तोडऩे के लिए भारत ने पशुचारे के लिए जीएम क्रॉप के इंपोर्ट को खोलने का प्रस्ताव दिया है। भारत में सिर्फ जीएम कॉटन (बीटी कॉटन) ही अकेली जेनेटिकली मॉडिफाइड वेरायटी है जिसके कॉमर्शियल कल्टीवेशन की अनुमति है। हालांकि भारत सरकार ने जीएम मस्टर्ड के लिए प्रयास किया था लेकिन इसे अप्रूवल कमेटी की मंजूरी नहीं मिल पाई। भारत अपनी 60 परसेंट एडिबल ऑइल का इंपोर्ट करता है। इसके बावजूद जीएम मस्टर्ड को मंजूरी नहीं दी गई है। इसी तरह जीएम बैंगन के प्रस्ताव को भी 2010 में ही रिजेक्ट किया जा चुका है।