क्रेस्ट फॉलन...तो सुना होगा आपने। जैसे पहाड़ से गिर जाना। पीक पर से लुढक़ जाना। टू-व्हीलर इंडस्ट्री के हालात ऐसे ही हैं। वित्त वर्ष 2018-19 में भारत में 2.11 करोड़ टू-व्हीलर बिके थे। लेकिन कोविड वाले वित्त वर्ष 2021-22 के साल में डीप करेक्शन के साथ सेल्स वॉल्यूम केवल 1.35 करोड़ यूनिट्स ही रह गया था। बाद के तीन साल में तेज रिकवरी हुई और वित्त वर्ष 2024-25 में करीब 5 परसेंट की स्लो ग्रोथ के साथ कुल सेल्स 1.88 करोड़ यूनिट्स तक पहुंच गई। हालांकि टू-व्हीलर सेल्स में ग्रोथ के सभी ड्राइवर बरकरार हैं और इनमें लगातार सुधार हो रहा है लेकिन अगले साल (वित्त वर्ष 2026-27) में एक बड़े करेक्शन का बेस तैयार हो रहा है। यानी इंडस्ट्री की वित्त वर्ष 2018-19 की पीक लेवल को टच कर लेने की उम्मीदों के रास्ते में बड़ा रोड़ा आ रहा है। आप जानते हैं भारत सरकार 1 जनवरी 2026 से सभी टू-व्हीलर में एबीएस (एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम) को मैंडेटरी करने के प्लान पर काम कर रही है। हालांकि एबीएस के जरिए सरकार का मकसद टू-व्हीलर एक्सीडेंट्स को कम करना है लेकिन इन प्लान से टू-व्हीलर के क्रेश लैंड होने का खतरा खड़ा हो गया है। एबीएस अचानक ब्रेक लगने पर व्हील्स को लॉक होने से रोकते है, जिससे गाड़ी की स्टेबिलिटी और कंट्रोल में सुधार होता है, और सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। माना जा रहा है कि नितिन गडक़री की अगुवाई वाला सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय जल्द ही इस नियम को नोटिफाई कर सकता है। ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस नॉमुरा का मानना है कि एबीएस का नियम लागू हो जाने से टू-व्हीलर की सेल्स में 2-4 परसेंट का करेक्शन आ सकता है। नॉमुरा का कहना है कि एबीएस अनिवार्य हो जाने से टू-व्हीलर की कॉस्ट करीब 3 हजार रुपये (2 हजार रुपये एबीएस+1 हजार रुपये डिस्क ब्रेक) बढ़ जाएगी। कंपनियां इस कॉस्ट को खुद उठाने की स्थिति में हैं नहीं इसलिए गाडिय़ों की रिटेल प्राइस 3 से 5 परसेंट बढ़ जाने की की आशंका है। नॉमुरा ने कहा है कि पहले भी ऐसे नियमों से — जैसे बीमा लागत बढऩे और बीएस-6 एमिशन नॉम्र्स लागू हो जाने से डिमांड पर असर पड़ा और टू-व्हीलर सेल्स वॉल्यूम में करेक्शन देखा गया है। एबीएस नियम की फायरिंग लाइन में एंट्री-लेवल सेगमेंट होगा जिसमें कम्यूटर मोटरसाइकल, स्कूटर्स और मोपेड्स आदि प्राइस सेंसिटिव मॉडल शामिल हैं। हालांकि ज्यादातर प्रीमियम मॉडलों में एबीएस और डिस्क ब्रेक पहले से आते हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में, 125सीसी से कम वाले मॉडलों का कुल डॉमेस्टिक टू्-व्हीलर मार्केट में लगभग 85 परसेंट शेयर है। इसका सीधा अर्थ है कि एबीएस के नियम का पूरी टू-व्हीलर इंडस्ट्री की परफॉर्मेन्स पर असर पड़ेगा।
