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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

07-06-2025

डेरिवेटिव ट्रेडिंग में लगा घाटा तो कर्मचारी ने 110 स्नष्ठ अकाउंट्स से निकाल लिए 4.58 करोड़ रुपए

  •  राजस्थान के कोटा के उद्योग नगर में श्रीरामनगर स्थित आईसीआईसीआई बैंक शाखा में साक्षी गुप्ता नाम की महिला कर्मचारी ने 41 बुजुर्गों के 110 खातों से लगभग 4.58 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की और उस राशि को शेयर बाजार में निवेश कर ऑप्शंस एवं फ्यूचर ट्रेडिंग के जरिए गवां दिया। जानकारी के मुताबिक, साक्षी ने बैंकिंग सिस्टम का दुरुपयोग करते हुए खाताधारकों की जानकारी के बिना एफडी को समय से पहले बंद कर दिया और ओवरड्राफ्ट सुविधाओं को चालू कर दिया और डिजिटल बैंकिंग माध्यमों से खातों में मौजूद रकम को अपने परिवारजनों को खातों में ट्रांसफर कर दिया । इस वारदात को साक्षी गुप्ता ने साल 2020 से 2023 के बीच अंजाम दिया। इस ठगी का खुलासा तब हुआ जब एक ग्राहक अपनी एफडी की जानकारी लेने आया। मामले का पता लगते ही बैंक ने फरवरी 2025 में उद्योग नगर थाने में शिकायत में दर्ज कराई थी। आईसीआईसीआई बैंक ने स्पष्ट किया है कि ग्राहकों के सभी वास्तविक दावों का निपटान कर दिया गया है और किसी को भी आर्थिक तौर पर नुकसान नहीं हुआ है। एक्सपर्ट्स ने आरबीआई से बैंकिंग सिस्टम की इन खामियों को दूर करने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है।  एक्सपर्ट्स का कहना है कि आरबीआई को एफडी में टोकनाइजेशन जैसा सिस्टम लाना चाहिए, जिससे एफडी आदि की जानकारी केवल ग्राहक के पास हो और बैंक कर्मचारी कोई गलत इस्तेमाल न कर सकें। इसके अलावा एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि इस तरह के फ्रॉड को रोकने के लिए केंद्रीय बैंक को अपने निगरानी तंत्र को और मजबूत करना चाहिए ,जिससे इस तरह के फ्रॉड आसानी से पकड़े जा सकें। 

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डेरिवेटिव ट्रेडिंग में लगा घाटा तो कर्मचारी ने 110 स्नष्ठ अकाउंट्स से निकाल लिए 4.58 करोड़ रुपए

 राजस्थान के कोटा के उद्योग नगर में श्रीरामनगर स्थित आईसीआईसीआई बैंक शाखा में साक्षी गुप्ता नाम की महिला कर्मचारी ने 41 बुजुर्गों के 110 खातों से लगभग 4.58 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की और उस राशि को शेयर बाजार में निवेश कर ऑप्शंस एवं फ्यूचर ट्रेडिंग के जरिए गवां दिया। जानकारी के मुताबिक, साक्षी ने बैंकिंग सिस्टम का दुरुपयोग करते हुए खाताधारकों की जानकारी के बिना एफडी को समय से पहले बंद कर दिया और ओवरड्राफ्ट सुविधाओं को चालू कर दिया और डिजिटल बैंकिंग माध्यमों से खातों में मौजूद रकम को अपने परिवारजनों को खातों में ट्रांसफर कर दिया । इस वारदात को साक्षी गुप्ता ने साल 2020 से 2023 के बीच अंजाम दिया। इस ठगी का खुलासा तब हुआ जब एक ग्राहक अपनी एफडी की जानकारी लेने आया। मामले का पता लगते ही बैंक ने फरवरी 2025 में उद्योग नगर थाने में शिकायत में दर्ज कराई थी। आईसीआईसीआई बैंक ने स्पष्ट किया है कि ग्राहकों के सभी वास्तविक दावों का निपटान कर दिया गया है और किसी को भी आर्थिक तौर पर नुकसान नहीं हुआ है। एक्सपर्ट्स ने आरबीआई से बैंकिंग सिस्टम की इन खामियों को दूर करने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है।  एक्सपर्ट्स का कहना है कि आरबीआई को एफडी में टोकनाइजेशन जैसा सिस्टम लाना चाहिए, जिससे एफडी आदि की जानकारी केवल ग्राहक के पास हो और बैंक कर्मचारी कोई गलत इस्तेमाल न कर सकें। इसके अलावा एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि इस तरह के फ्रॉड को रोकने के लिए केंद्रीय बैंक को अपने निगरानी तंत्र को और मजबूत करना चाहिए ,जिससे इस तरह के फ्रॉड आसानी से पकड़े जा सकें। 


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