आप जानते हैं कोविड के दौर में स्ट्रीट वेंडर को मदद देने के लिए सरकार को पीएम-स्वनिधि स्कीम को मिशन मोड में लागू करना पड़ा था। पिछले वित्त वर्ष में इस योजना के तहत 94 लाख लोगों ने 13422 करोड़ रुपये का कोलेटरल फ्री लोन लिया। इसी तरह से माइक्रो यूनिट्स के लिए मुद्रा लोन स्कीम लाई गई थी। आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि एमएसएमई सैक्टर के लिए बैंक लोन की ग्रोथ रेट घटकर 14.8 परसेंट रह गई। वित्त वर्ष 24 में यह 20.9 परसेंट थी। भारत सरकार और आरबीआई लगातार एमएसएमई सैक्टर के लिए फंडिंग बढ़ाने की अपील करते रहे हैं। इसके बावजूद इस सैक्टर के लिए क्रेडिट ग्रोथ में गिरावट को चिंताजनक माना जा रहा है। आप जानते हैं भारत के कुल मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी में एमएसएमई सैक्टर का शेयर 35-36 परसेंट है। साथ में लगी टेबल से पता चलता है कि वित्त वर्र्ष 2023 में 2.13 करोड़ एमएसएमई पर 22.6 लाख करोड़ रुपये का लोन आउटस्टेंडिंग था। जो वित्त वर्र्ष 2024 में 2.57 करोड़ अकाउंट में 27.3 लाख करोड़ हो गया। लेकिन वित्त वर्ष 2025 में 2.45 करोड़ अकाउंट्स में आउटस्टेंडिंग अमाउंट स्लो ग्रोथ के साथ 31.3 लाख करोड़ ही हो पाया। दिलचस्प बात यह है कि उधार लेने वालों की संख्या में कमी आई जबकि आउटस्टेंडिंग राशि बढ़ी है। वित्त वर्ष 2025 में लोन लेने वाले एमएसएमई की संख्या 17 लाख घटकर 2.45 करोड़ रह गई जबकि आउटस्टेंडिंग लोन 14.8 परसेंट बढक़र 31.3 लाख करोड़ हो गया। इसका सीधा अर्थ है कि अधिकांश नए लोन मौजूदा उधार लेने वालों को ही दिए गए। एमएसएमई को दिए गए ने लोन और वेटेड लैंडिंग रेट (औसत भारित ब्याज दर) में मामूली ही कमी आई। वित्त वर्ष 2024 के मार्च में यह 9.99 परसेंट थी जो वित्त वर्ष 2025 के मार्च में 9.69 परसेंट थी। जबकि सभी आउटस्टेंडिंग लोन के लिए ब्याज दर पिछले वर्ष के 10.31 परसेंट की तुलना में 10.1 परसेंट रह थी। हालांकि एमएसएमई के लिए ब्याज की दर में 30 बेसिस पॉइंट की गिरावट बड़ी कंपनियों को दिए गए नए लोन की तुलना में अधिक स्पष्ट थी। बड़ी कंपनियों को लोन में यह केवल 6 बेसिस पॉइंट ही घटी थी। जून 2024 में, आरबीआई ने बैंकों के लिए 25 लाख रुपये तक के लोन के लिए 14 दिन में फैसला करने को कहा था। साथ ही उन्हें यह भी बताने को कहा गया था कि उनका लोन क्यों रिजेक्ट किया गया। पिछले वर्ष के बजट में सरकार ने क्रेडिट गारंटी की योजना, सरकारी बैंकों के इंटरनल असैसमेंट सिस्टम, सरकार के सपोर्ट वाले एमरजेंसी फंड, चालानों की ऑनलाइन छूट के लिए पात्रता अधिक आसान बनाने के साथ ही क्लस्टर द्वारा वित्तपोषण के लिए गाइडलाइंस जारी कर एमएसएमई सैक्टर को लोन को आसान बनाने के कदम उठाए हैं। इसके बावजूद वित्तीय वर्ष 25 में एमएसएमई को लोन ग्रोथ की रफ्तार में कमी आई है। फरवरी 2025 में प्रस्तुत पिछले बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्यम पोर्टल पर रजिस्टर्ड माइक्रो यूनिट्स के लिए 5 लाख रुपये की लिमिट के साथ 10 लाख क्रेडिट कार्ड जारी करने की घोषणा की थी।
