राजस्थान में कोचिंग को लेकर नया विवाद सामने आ गया है। दरअसल हाल ही में कोटा में आयोजित ट्रिपल आईटी कोटा के दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कोचिंग कल्चर को खतरनाक बताते हुए कहा था कि यह बच्चों को रोबोट बना रहा है। उपराष्ट्रपति धनखड़ द्वारा दिए गए बयान पर पूर्व मंत्री, कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने आपत्ति दर्ज करवाई है और इस बयान को गैर जिम्मेदारा बताया है। शांति धारीवाल ने कहा कि जगदीप धनखड़ को मैं व्यक्तिगत रूप से भी जानता हूं। उनकी हमेशा उल्टे-सीधे बयान देने की आदत है, दुख: की बात यह है कि कोटा में ट्रिपल आईटी के दीक्षांत समारोह में वो कोटा कोचिंग पर उलूल-जलूल बोलते रहे और राजस्थान सरकार के कोटा से दो मंत्री और विधायक सामने बैठे कोटा कोचिंग के बारे में सुनते रहे। धारीवाल ने बयान जारी कर कहा है कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, तब से कोचिंग में गिरावट आई है। भाजपा के मंत्री और नेता हमेशा कोचिंग के खिलाफ रहे हैं। इसका सबूत भी समय-समय पर सामने आया है, जबकि कोटा की कोचिंग इंडस्ट्री ने देश को लाखों डॉक्टर और इंजीनियर दिए हैं। दुनिया के बेहतरीन संस्थानों में कोटा से कोचिंग करके गए निर्धन वर्ग के कई छात्र प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति द्वारा दीक्षांत समारोह के दौरान कोचिंग पर दिए गए बयानों से लगता है कि वह कोटा कोचिंग पर ताले लगवाना चाह रहे हैं। गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ट्रिपल आईटी कोटा के दीक्षांत समारोह में कहा था कि कोचिंग सेंटर अब ‘पोचिंग सेंटर’ बन चुके हैं। यह बच्चों के विकास में रुकावट पैदा कर रहे हैं, इसलिए यह कल्चर खतरनाक है। उनके मुताबिक कोचिंग सेंटर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रवाह के खिलाफ हैं। ये सुदृढ़ सांचों में प्रतिभा को जकडऩे वाले काले छिद्र बन गए हैं। उन्होंने शिक्षा को फैक्टरी बनाने और विज्ञापनों पर भारी खर्च की आलोचना भी की थी।