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14-07-2025

क्या मोटापे की गिरफ्त में हैं आपके नन्हें-मुन्ने?

  •  आज के दौर में बच्चों में बढ़ता मोटापा चिंता का विषय बन गया है। स्क्रीन टाइम, गैजेट्स पर निर्भरता और आउटडोर गेम्स से दूरी के कारण छोटी उम्र में ही बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं। बच्चों को मोटापे से बचाने के लिए स्वस्थ आदतें अपनाना जरूरी है। आजकल के बच्चों में मोटापा एक बड़ी समस्या है और इसका मुख्य कारण शारीरिक गतिविधि में कमी है। मोटापे से बचाव के लिए शुरुआती कदम उठाना जरूरी है। एक्सपर्ट का मानना है कि स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम और जागरूकता से बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि आज की पीढ़ी में बच्चों की आदतों में आए बदलावों के कारण वे अपनी पिछली पीढ़ी की तुलना में बीमारियों और मोटापे के बड़े जोखिम से घिर चुके हैं। असल में पिछली पीढ़ी की जीवनशैली बच्चों को मोटापे से बचाने में बहुत सक्षम थी। पुराने समय में इंटरनेट की दुनिया से बच्चे दूर रहते थे और कई खेल खेले जाते थे, जैसे कबड्डी, खो-खो, गेटिस, पकड़ा-पकड़ी, लंगड़ी, गिल्ली-डंडा, परछाई पर पशु-पक्षियों की आकृति बनाना आदि। ये सब बच्चों को भरपूर शारीरिक गतिविधि प्रदान करते थे, जिससे उनका वजन नियंत्रित रहता था और वे स्वस्थ रहते थे। हालांकि, आज के समय में बच्चों की दुनिया, मोबाइल, लैपटॉप जैसे गैजेट्स में उलझकर रह गई है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, भारत में 1.4 करोड़ से ज्यादा बच्चे मोटापे से प्रभावित हैं, जो विश्व में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। आमतौर पर मोटे बच्चों को स्वस्थ माना जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है और बच्चों में बढ़ाता मोटापा एक बड़ी चिंता है। नेशनल हेल्थ मिशन सुझाव देता है कि बच्चों में मोटापे की समस्या को कैसे नियंत्रित कर उनके भविष्य को संवारा जा सकता है। इनके अनुसार, स्क्रीन टाइम सीमित कर बच्चों को खेल के मैदान में भेजें, प्रोसेस्ड फूड की जगह घर का ताजा खाना, फल और विशेष तौर पर हरी सब्जियां खिलाएं। चीनी और मैदा कम करें, बाहर का खाना बंद करें और परिवार के साथ बैठकर खाने की आदत डालें। न केवल भारत, बल्कि अमेरिका में भी बच्चों में मोटापा बड़ी समस्या है। जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, गत दो दशक में अमेरिकी बच्चों में मोटापा बढ़ा है, जिससे बीमारियां और मृत्यु का खतरा बढ़ गया है। वर्ष 2002 से अब तक 170 से ज्यादा स्वास्थ्य पहलुओं पर आठ नेशनल डेटा सेट के विश्लेषण से यह बात सामने आई है। मोटापा भारतीयों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम है।

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क्या मोटापे की गिरफ्त में हैं आपके नन्हें-मुन्ने?

 आज के दौर में बच्चों में बढ़ता मोटापा चिंता का विषय बन गया है। स्क्रीन टाइम, गैजेट्स पर निर्भरता और आउटडोर गेम्स से दूरी के कारण छोटी उम्र में ही बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं। बच्चों को मोटापे से बचाने के लिए स्वस्थ आदतें अपनाना जरूरी है। आजकल के बच्चों में मोटापा एक बड़ी समस्या है और इसका मुख्य कारण शारीरिक गतिविधि में कमी है। मोटापे से बचाव के लिए शुरुआती कदम उठाना जरूरी है। एक्सपर्ट का मानना है कि स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम और जागरूकता से बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि आज की पीढ़ी में बच्चों की आदतों में आए बदलावों के कारण वे अपनी पिछली पीढ़ी की तुलना में बीमारियों और मोटापे के बड़े जोखिम से घिर चुके हैं। असल में पिछली पीढ़ी की जीवनशैली बच्चों को मोटापे से बचाने में बहुत सक्षम थी। पुराने समय में इंटरनेट की दुनिया से बच्चे दूर रहते थे और कई खेल खेले जाते थे, जैसे कबड्डी, खो-खो, गेटिस, पकड़ा-पकड़ी, लंगड़ी, गिल्ली-डंडा, परछाई पर पशु-पक्षियों की आकृति बनाना आदि। ये सब बच्चों को भरपूर शारीरिक गतिविधि प्रदान करते थे, जिससे उनका वजन नियंत्रित रहता था और वे स्वस्थ रहते थे। हालांकि, आज के समय में बच्चों की दुनिया, मोबाइल, लैपटॉप जैसे गैजेट्स में उलझकर रह गई है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, भारत में 1.4 करोड़ से ज्यादा बच्चे मोटापे से प्रभावित हैं, जो विश्व में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। आमतौर पर मोटे बच्चों को स्वस्थ माना जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है और बच्चों में बढ़ाता मोटापा एक बड़ी चिंता है। नेशनल हेल्थ मिशन सुझाव देता है कि बच्चों में मोटापे की समस्या को कैसे नियंत्रित कर उनके भविष्य को संवारा जा सकता है। इनके अनुसार, स्क्रीन टाइम सीमित कर बच्चों को खेल के मैदान में भेजें, प्रोसेस्ड फूड की जगह घर का ताजा खाना, फल और विशेष तौर पर हरी सब्जियां खिलाएं। चीनी और मैदा कम करें, बाहर का खाना बंद करें और परिवार के साथ बैठकर खाने की आदत डालें। न केवल भारत, बल्कि अमेरिका में भी बच्चों में मोटापा बड़ी समस्या है। जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, गत दो दशक में अमेरिकी बच्चों में मोटापा बढ़ा है, जिससे बीमारियां और मृत्यु का खतरा बढ़ गया है। वर्ष 2002 से अब तक 170 से ज्यादा स्वास्थ्य पहलुओं पर आठ नेशनल डेटा सेट के विश्लेषण से यह बात सामने आई है। मोटापा भारतीयों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम है।


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