महुआ फूल में स्टॉकिस्टों की घबराहट पूर्ण बिकवाली से 3/4 रुपए किलो की गिरावट नवंबर के महीने में जरूर आ गई है, लेकिन इन भाव में घबराने की बिलकुल जरुरत नहीं है, क्योंकि नई फसल इस बार लेट आने की संभावना है तथा दिसंबर जनवरी में प्रोसेसिंग का पीक समय रहेगा। अत: नई माल से पहले 5/6 रुपए प्रति किलो बढ़ सकते हैं। नया महुआ फूल सूखा हुआ महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ में मार्च के महीने में आएगा तथा यूपी बिहार में अप्रैल में आता है। हम मानते हैं कि बाजारों में रुपए की तंगी होने तथा नवंबर में दिवाली बाद स्टॉकिस्टों की घबराहट पूर्ण बिकवाली से बाजार में चार-पांच रुपए प्रति किलो की गिरावट आ गई है। शहडोल जगदलपुर लाइन में बाजार ढाई तीन रुपए घट गया है, लेकिन वहां माल छोटे स्टॉकिस्टों के निकल चुके हैं। रायपुर में जो महुआ फूल 58 रुपए किलो बिका था, उसके भाव 55 रुपए रह गए हैं तथा महाराष्ट्र की मंडियों में 53/54 रुपए तक बोलने लगे हैं, लेकिन इन भावों में घबराकर स्टॉकस्टों को माल काटने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अभी दो-ढाई महीने पीक सीजन है तथा कुछ मंदाडिय़े टाइप के कारोबारी जो आगे के सौदे किशोर मात्रा में बेच चुके हैं, उनको माल की डिलीवरी देना है, इसलिए माल को कटवाने में लगे हैं। यद्यपि बाजारों में रुपए की तंगी जरूर है, लेकिन वाइन की खपत सर्दियों में और बढ़ जाती है तथा बिहार में चुनाव के चलते स्टॉक कंपनियां लेकर नहीं चल रही थी, जबकि खपत अधिक हुई है, इसलिए चुनाव बाद अचानक बाजार में मंदा आ चुका है। गौरतलब है कि एमपी महाराष्ट्र में हल्के माल कट चुके हैं, अब स्टोरों में लालसुर्ख माल ही पड़ा है। इधर बिहार में ज्यादा माल नहीं है, यूपी के कानपुर महोबा इटावा ललितपुर झांसी लाइन में भी ज्यादा माल नहीं है, गोरखपुर सिद्धार्थ नगर लाइन का माल काफी कट चुका है। अत: जैसे ही कंपनियों की मांग निकलेगी, बाजार इसमें बढऩे लगेगा। अत: इन भावों में थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत है, जो बाजार घटे हैं, वह दिसंबर जनवरी में बढ़ जाएगा तथा आने वाले समय में एक बार फिर लाल सुर्ख महुआ फूल रायपुर में 60 रुपए प्रति किलो बन जाने की संभावना है। इस बार सर्दी आगे तक रहने वाली है, इसलिए महुआ की फसल मौसम विभाग के अनुसार एक महीने लेट हो जाएगी। इसलिए वर्तमान भाव में थोड़ा रुक कर माल बेचना लाभदायक रहेगा।