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 | सौंठ, इमली, काली मिर्च, जायफल, जावित्री, मगज, तरबूज एवं सुपारी में तेजी |  |
गत सप्ताह हाजिर माल की कमी होने से सौंठ इमली काली मिर्च मगज तरबूज एवं सुपारी में तेजी का रुख बना रहा। वहीं सट्टेबाजी के दौर में जीरा धनिया बादाम गिरी के भाव टूट गए। अन्य किराना मेवे में मिला-जुला रख रहा। आलोच्य सप्ताह सौंठ के निचले भाव में लोकल एवं चालानी मांग बढ़ गई, क्योंकि दक्षिण भारत में भी लगातार बरसात होने से सौंठ की फसल में खतरा का संदेह पैदा हो गया है। यही कारण है कि जो सौंठ 225/230 रुपए प्रति किलो सागर लाइन की बिक रही थी, उसके भाव 235/240 रुपए प्रति किलो हो गए। बढिय़ा बेस्ट माल भी इसी अनुपात में तेज बोला गया। इधर इमली फसल कम होने तथा खपत वाले उद्योगों की चौतरफा लिवाली चलने से धीरे-धीरे लगातार बढ़ती जा रही है। उक्त अवधि के अंतराल भी दो-तीन रुपए बढक़र रांची लाइन की 55/56 रुपए एवं जगदलपुर लाइन की 58/60 रुपए प्रति किलो हो गई। चपाती मुक्तसर माल भी 8/10 रुपए तेज बोला गया। काली मिर्च भी एवरेज क्वालिटी की 715/725 से बढक़र 725/735 रुपए प्रति किलो हो गई। गौरतलब है कि दक्षिण भारत में स्टॉक कम है तथा वियतनाम में काली मिर्च के ऊंचे भाव चल रहे हैं, जिससे स्टॉकिस्ट भी माल पकडऩे लगे हैं। इधर जायफल में नीचे वाले भाव पर लगातार लिवाली बनी हुई है। यही कारण है कि 35-40 रुपए और बढक़र 670/680 रुपए प्रति किलो भाव हो गए। इसके साथ-साथ जावित्री भी 50 रुपए बढक़र लाल फ्लावर 1950 रुपए ऊपर में बिक गई। नीचे वाले माल भी 1750/1800 रुपए तक बोले गए। सिंगापुरी पीली के भाव भी 1980 रुपए हो गए । इधर मगज तरबूज नीचे में 600 रुपए सूडान का बिकने के बाद हाजिर में माल नहीं मिलने से 625 रुपए प्रति किलो हो गया। गौरतलब है कि सूडान से तरबूज बीज का आयात बंद है, इसलिए भविष्य में इसमें 50 रुपए प्रति किलो की और तेजी आ सकती है। सुपारी के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंचे होने तथा दक्षिण भारत की मंडियों में माल की कमी से लगातार बढ़ते जा रहे हैं। उक्त अवधि के अंतराल भी 8/10 रुपए किलो की तेजी दर्ज की गई। दूसरी ओर जीरा दो वर्षों का पुराना स्टॉक उत्पादक व वितरक मंडियों में जमा हो जाने से घबराहट पूर्ण विकवाली बनी हुई है। उधर वायदा बाजार लगातार तोड़ता जा रहा है, जिसके चलते सात-आठ रूपए टूटकर नीचे क्वालिटी के भाव 202/208 रुपए प्रति किलो रह गए। बढिय़ा माल भी उसी अनुपात में लुढक़ कर 230/235 रुपए के बीच रह गया। धनिया भी दो-तीन रुपए घटकर बादामी 85/87 रुपए प्रति किलो रह गया। ईगल माल भी 89/90 रुपए पर आ गया। ग्रीन मालों में भी बाजार सुस्त रहे। इधर सौंफ भी ग्राहकी कमजोर होने से दो-तीन रुपए घटकर नीचे क्वालिटी की मोटी 128/138 रुपए प्रति किलो रह गई। मीडियम मालों एवं ऊपर वाले मालों में भी सुस्ती बनी रही। चीनी में गिरावट, गुड़ में कारोबार कमजोर : ग्राहकी कमज़ोर होने से गत सप्ताह के दौरान स्थानीय बाजार में चीनी के भाव 50 रूपये प्रति क्विंटल घट गए। लिवाली घटने से गुड़ में कारोबार कमजोर रहा। बरसाती मौसम के कारण ग्राहकी कमजोर होने एवं स्टॉकिस्टों की बिकवाली के कारण चीनी 40-50 रुपए घटकर मिल डिलीवरी 3990/4120 रुपए तथा हाजिर में इसके भाव 4275/ 4375 रुपए प्रति कुंतल रह गए। हालांकि ब्राजील में चीनी उत्पादन में कमी आने की आशंका एवं सटोरिया लिवाली से लंदन सफेद चीनी वायदा अक्टूबर डिलवरी 462.10 से बढक़र 481.20 डॉलर प्रति टन हो गया। स्टॉकिस्टों की बिकवाली घटने एवं मुजफ्फरनगर में आवक कमज़ोर होने से रीमेड गुड़ पेड़ी के भाव 4300/4400 तथा बताशा के भाव 4500/4600 रुपए प्रति कुंतल पर टिके रहे। जबकि यहां पर मांग कमज़ोर होने के कारण यहां पर गुड़ पेड़ी के भाव 4600/4700 रु पए तथा चाकू के भाव 4700/4800 रूपये प्रति कुंतल पर सुस्त रहे। ग्राहकी निकलने तथा आपूर्ति कमज़ोर होने से शक्कर के भाव 4900/5000 रुपए व खांडसारी के भाव 5200/5300 रुपए कुंतल पर टिके रहे।
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