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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

12-07-2025

साठी धान की आपूर्ति घटने एवं निर्यातकों की पूछ परख से चावल फिर बढऩे लगा

  •  उत्तराखंड एवं यूपी के तराई वाले क्षेत्रों में साठी धान की आपूर्ति बहुत ही कम हो रही है। मंडियों में जो आवक पिछले सप्ताह औसतन गदरपुर मंडी में 3500-3600 बोरी हो गई थी, वह घटकर 2000-2200 रुपए बोरी रह गई है। इसके अलावा अन्य मंडियों में 1800-2000 बोरी दैनिक हो रही थी, वह आवक घटकर 1000/1500 बोरी रह गई। इसके प्रभाव से धान के भाव 75/100 रुपए प्रति कुंतल मजबूत रहे। इसके प्रभाव से पुन: बासमती चावल में लिवाली निकलने से 200 रुपए की तेजी आ गई है। धान एवं चावल का स्टॉक कम होने से आगे बाजार फिर यहां से 600 रुपए तेज लग रहा है पुराने धान की आपूर्ति पहले ही मंडियों में समाप्त हो गई थी। अमृतसर जंडियालागुरु करनाल कुरुक्षेत्र टोहाना चीका तरावड़ी सफीदों आदि मंडियों में पुराने धान का स्टॉक समाप्त हो गया है। इधर नई साठी की बिजाई केवल 18-20 प्रतिशत हुई थी, उसमें भी उत्पादन और कम हो जाने से मुश्किल से 15-16 प्रतिशत रह जाने की ताजा रिपोर्ट आ रही है। यही कारण है कि गदरपुर बिलासपुर रुद्रपुर काशीपुर रामपुर साइड में आवक घटकर गत वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत ही रह गई है। उक्त मंडियों में आवक घटने से वहां सूखे धान की आवक 1509 के 2900/3000 रुपए तथा 14-15 प्रतिशत नमी वाला धान 2600/2660 रुपए प्रति कुंतल हो गया है। चावल 1509 में पिछले सप्ताह 200 प्रति कुंतल की बढक़र 6200 का व्यापार हो गया है, जो नीचे में 6000 बिक गया था?। आज उसमें 200 रुपए की बढ़त दर्ज की गई। चावल 1718 सेला भी नीचे में 6200 रुपए बिकने के बाद 6500 रुपए ऊपर में बन गया है। अन्य चावलों में भी आज बाजार सुधार पर रहे। आगे चलकर इसमें बाजार और तेज लग रहा है, क्योंकि नए धान आने में अभी 3-4 महीने से ऊपर का समय बाकी है। हम मानते हैं की नये धान की बिजाई हरियाणा पंजाब में अच्छी हुई है, लेकिन हाजिर में माल की भारी कमी होने तथा निर्यातकों की पूछ परख आने से यहां से बाजार फिर से तेज लग रहा है। पुराना चावल लगभग समाप्ति की ओर है, जो भारतीय बंदरगाहों पर माल निर्यातकों के पड़े थे, उसमें 70 प्रतिशत शिपमेंट हो गये हैं तथा धीरे-धीरे माल जाने लगा है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय चावल सस्ते पड़ रहे हैं, इसलिए निर्यातकों की पूछपरख आने लगी है। उधर खाड़ी देशों में भी अब धीरे-धीरे युद्ध तइनकी स्थिति समाप्त होने वाली है तथा पाकिस्तान की व्यापारिक स्थिति पिछले दिनों की सर्जिकल स्ट्राइक से खराब हो चुकी है।, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान भाव के बारीक चावल में यहां से फिर तेजी के आसार बन रहे हैं।

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साठी धान की आपूर्ति घटने एवं निर्यातकों की पूछ परख से चावल फिर बढऩे लगा

 उत्तराखंड एवं यूपी के तराई वाले क्षेत्रों में साठी धान की आपूर्ति बहुत ही कम हो रही है। मंडियों में जो आवक पिछले सप्ताह औसतन गदरपुर मंडी में 3500-3600 बोरी हो गई थी, वह घटकर 2000-2200 रुपए बोरी रह गई है। इसके अलावा अन्य मंडियों में 1800-2000 बोरी दैनिक हो रही थी, वह आवक घटकर 1000/1500 बोरी रह गई। इसके प्रभाव से धान के भाव 75/100 रुपए प्रति कुंतल मजबूत रहे। इसके प्रभाव से पुन: बासमती चावल में लिवाली निकलने से 200 रुपए की तेजी आ गई है। धान एवं चावल का स्टॉक कम होने से आगे बाजार फिर यहां से 600 रुपए तेज लग रहा है पुराने धान की आपूर्ति पहले ही मंडियों में समाप्त हो गई थी। अमृतसर जंडियालागुरु करनाल कुरुक्षेत्र टोहाना चीका तरावड़ी सफीदों आदि मंडियों में पुराने धान का स्टॉक समाप्त हो गया है। इधर नई साठी की बिजाई केवल 18-20 प्रतिशत हुई थी, उसमें भी उत्पादन और कम हो जाने से मुश्किल से 15-16 प्रतिशत रह जाने की ताजा रिपोर्ट आ रही है। यही कारण है कि गदरपुर बिलासपुर रुद्रपुर काशीपुर रामपुर साइड में आवक घटकर गत वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत ही रह गई है। उक्त मंडियों में आवक घटने से वहां सूखे धान की आवक 1509 के 2900/3000 रुपए तथा 14-15 प्रतिशत नमी वाला धान 2600/2660 रुपए प्रति कुंतल हो गया है। चावल 1509 में पिछले सप्ताह 200 प्रति कुंतल की बढक़र 6200 का व्यापार हो गया है, जो नीचे में 6000 बिक गया था?। आज उसमें 200 रुपए की बढ़त दर्ज की गई। चावल 1718 सेला भी नीचे में 6200 रुपए बिकने के बाद 6500 रुपए ऊपर में बन गया है। अन्य चावलों में भी आज बाजार सुधार पर रहे। आगे चलकर इसमें बाजार और तेज लग रहा है, क्योंकि नए धान आने में अभी 3-4 महीने से ऊपर का समय बाकी है। हम मानते हैं की नये धान की बिजाई हरियाणा पंजाब में अच्छी हुई है, लेकिन हाजिर में माल की भारी कमी होने तथा निर्यातकों की पूछ परख आने से यहां से बाजार फिर से तेज लग रहा है। पुराना चावल लगभग समाप्ति की ओर है, जो भारतीय बंदरगाहों पर माल निर्यातकों के पड़े थे, उसमें 70 प्रतिशत शिपमेंट हो गये हैं तथा धीरे-धीरे माल जाने लगा है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय चावल सस्ते पड़ रहे हैं, इसलिए निर्यातकों की पूछपरख आने लगी है। उधर खाड़ी देशों में भी अब धीरे-धीरे युद्ध तइनकी स्थिति समाप्त होने वाली है तथा पाकिस्तान की व्यापारिक स्थिति पिछले दिनों की सर्जिकल स्ट्राइक से खराब हो चुकी है।, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान भाव के बारीक चावल में यहां से फिर तेजी के आसार बन रहे हैं।


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