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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

12-07-2025

मगज तरबूज : फिर खरीद लाभदायक

  •  सरकार द्वारा पिछले महीने तरबूज बीज के आयात पर प्रतिबंध लगा दिए जाने से 150 रुपए प्रति किलो की तेजी आ गई थी, लेकिन मुनाफा वसूली बिकवाली चलने से इसमें 60/65 रुपए की गिरावट आ गई है। अब इन भावों मेंफिर व्यापार लाभदायक लग रहा है। देसी विदेशी तरबूज बीज का स्टॉक किसी भी मंडी में ज्यादा नहीं है। गौरतलब है कि लगभग एक पखवाड़े पहले सरकार द्वारा घरेलू इंडस्ट्रीज एवं किसानों को बचाने के लिए तरबूज बीज के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिस कारण मगज तरबूज 540 से छलांग लगाकर 690 रुपए प्रति किलो तक बन गया था, तत्पश्चात बढ़े हुए भाव में चालू सप्ताह के अंतराल मुनाफा वसूली बिकवाली आने से यह लुढक़कर 620/625 रुपए प्रति किलो पर आ गया है। देसी माल 610 रुपए भी बोल रहे हैं। गौरतलब है कि आगे मगज तरबूज की खपत अधिक रहेगी तथा नया माल कोई आने वाला अभी नहीं है। पिछले दिनों प्रतिस्पर्धात्मक खरीद स्टॉकिस्टों एवं प्रोसेसिंग उद्योगों की निकलने से बाजार में अप्रत्याशित तेजी 120/125 रुपए प्रति किलो की आ गई थी, जो कम समय में वास्तविक खपत के विपरीत यह तेजी आ गई थी, इस वजह से बाजार नीचे आ गया है। अब इन भावों में कुछ दिन बाजार ठहरने के बाद फिर तेज हो जाएगा। इसका मुख्य कारण यह है कि स्टॉक के माल ही कटने हैं, बाहर से कोई माल आने वाला नहीं है तथा अगले चार-पांच महीने से पहले कोई नई फसल आने वाली नहीं है। इस वजह से दोबारा 700 रुपए प्रति किलो को पार कर सकता है। राजस्थान में माल मुश्किल से 20 प्रतिशत बचा है, मध्य प्रदेश में भी माल ज्यादा नहीं है। इधर दिल्ली एनसीआर की मंडियों में पहले ही माल कट चुके थे, क्योंकि पिछले काफी दिनों से सटोरिए बाजार को इधर-उधर घूमा रहे थे। अब मीडियम एवं छोटे कारोबारियों का स्टाक कट चुका है, जो भी माल है, वह मजबूत हाथों में है, पीछे से कोई माल नहीं मिल रहा है। अत: एक बार फिर वर्तमान भाव पर खरीद वाला भाव दिखाई दे रहा है, इसमें भरपूर लाभ मिलने की संभावना है।

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मगज तरबूज : फिर खरीद लाभदायक

 सरकार द्वारा पिछले महीने तरबूज बीज के आयात पर प्रतिबंध लगा दिए जाने से 150 रुपए प्रति किलो की तेजी आ गई थी, लेकिन मुनाफा वसूली बिकवाली चलने से इसमें 60/65 रुपए की गिरावट आ गई है। अब इन भावों मेंफिर व्यापार लाभदायक लग रहा है। देसी विदेशी तरबूज बीज का स्टॉक किसी भी मंडी में ज्यादा नहीं है। गौरतलब है कि लगभग एक पखवाड़े पहले सरकार द्वारा घरेलू इंडस्ट्रीज एवं किसानों को बचाने के लिए तरबूज बीज के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिस कारण मगज तरबूज 540 से छलांग लगाकर 690 रुपए प्रति किलो तक बन गया था, तत्पश्चात बढ़े हुए भाव में चालू सप्ताह के अंतराल मुनाफा वसूली बिकवाली आने से यह लुढक़कर 620/625 रुपए प्रति किलो पर आ गया है। देसी माल 610 रुपए भी बोल रहे हैं। गौरतलब है कि आगे मगज तरबूज की खपत अधिक रहेगी तथा नया माल कोई आने वाला अभी नहीं है। पिछले दिनों प्रतिस्पर्धात्मक खरीद स्टॉकिस्टों एवं प्रोसेसिंग उद्योगों की निकलने से बाजार में अप्रत्याशित तेजी 120/125 रुपए प्रति किलो की आ गई थी, जो कम समय में वास्तविक खपत के विपरीत यह तेजी आ गई थी, इस वजह से बाजार नीचे आ गया है। अब इन भावों में कुछ दिन बाजार ठहरने के बाद फिर तेज हो जाएगा। इसका मुख्य कारण यह है कि स्टॉक के माल ही कटने हैं, बाहर से कोई माल आने वाला नहीं है तथा अगले चार-पांच महीने से पहले कोई नई फसल आने वाली नहीं है। इस वजह से दोबारा 700 रुपए प्रति किलो को पार कर सकता है। राजस्थान में माल मुश्किल से 20 प्रतिशत बचा है, मध्य प्रदेश में भी माल ज्यादा नहीं है। इधर दिल्ली एनसीआर की मंडियों में पहले ही माल कट चुके थे, क्योंकि पिछले काफी दिनों से सटोरिए बाजार को इधर-उधर घूमा रहे थे। अब मीडियम एवं छोटे कारोबारियों का स्टाक कट चुका है, जो भी माल है, वह मजबूत हाथों में है, पीछे से कोई माल नहीं मिल रहा है। अत: एक बार फिर वर्तमान भाव पर खरीद वाला भाव दिखाई दे रहा है, इसमें भरपूर लाभ मिलने की संभावना है।


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