बड़ी इलायची की कीमतों में हाल ही में तेजी आई हुई है, जिसका मुख्य कारण उत्पादक क्षेत्रों में फसल को हुए नुकसान के कारण आपूर्ति में कमी बनी हुई है। इस वर्ष असम, मेघालय, सिक्किम, भूटान और नेपाल जैसे इलाकों में बेमौसमी बारिश, बाढ़ के कारण पहली और दूसरी दोनों फसलें करीब 60-70 प्रतिशत तक प्रभावित हुई हैं। जिससे उत्पादन में भारी गिरावट बताई जा रहे हैं। अत: बाजार में उपलब्धता कम हो गई है।व्यापारियों ने बताया कि, दिल्ली मंडियों मे बड़ी इलायची के भाव 30 रुपए बढक़र 1520/1530 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। इसके अलावा पीछे भी बाजार तेज बोल रहे हैं। अगर व्यापारी वर्ग पीछे से माल मंगवाते हैं, तो उन्हें पड़ता नहीं लग रहा है। इसकी फसल सितंबर से अक्टूबर माह के मध्य में आएगी। लेकिन इस बार नई क्रॉप कमजोर बनी हुई है। जिससे तेजी के आसार दिखाई दे रहे हैं। आगामी अगस्त माह के अंतराल इसकी कीमतों में 50/100 रुपए प्रति किलो की तेजी दिखाई दे रही है। आगे उन्होंने बताया कि, अगर हम पीछे मंडियो से 1500 रुपए का माल उठाते हैं, तो हमें पड़ता नहीं लग रहा है, अगर 1500 रुपए वाला माल 1580 रुपए बिकेगा तभी व्यापारियों को पड़ता लगेगा। जिससे व्यापारी पीछे से मान लेने से इनकार कर रहे है। इसके अलावा जो जयपुर एवं ग्वालियर कि मंडिया है वहां से माल सस्ता मिल रहा है। वही माल दिल्ली मंडियों में बिक रहा है। जब ग्वालियर एवं जयपुर का माल खत्म हो जाएगा, तो व्यापारी वर्ग माल पीछे से खरीदेंगे। पीछे वाले व्यापारी भी बाजार तेज बोल रहे हैं। आगामी एक माह के अंतराल 100 रुपए प्रति किलो कि तेजी आने की उम्मीद है। एक अन्य व्यापारी ने बताया कि, भूटान में इलायची की कीमतें 1470/1480 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई हैं, जबकि नेपाल से आयातित इलायची की कीमत 1550/1600 प्रति किलो के आसपास बनी हुई है। हालांकि, नई फसल आने में कुछ समय बचा है, लेकिन यदि मौसम प्रतिकूल रहा तो कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। इसलिए, व्यापारी और उपभोक्ता दोनों को आगामी दिनों में तेजी देखने को मिल सकती है। नेपाल में बड़ी इलायची का सबसे बड़ा वैश्विक उत्पादक है। हाल ही में नेपाल में बड़ी इलायची के उत्पादन में भारी गिरावट आई है। भारत के प्रमुख उत्पादक राज्यों जैसे सिक्किम, मेघालय, असम, पश्चिम बंगाल में भी मौसम की प्रतिकूल स्थिति और सूखे के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है। फूलों के समय अत्यधिक वर्षा या सूखे का लंबा दौर फसल प्रभावित हुई थी, जिससे उत्पादन घट गया है। उत्पादन में कमी के बावजूद, बड़ी इलायची की निर्यात मांग मजबूत बनी हुई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के शुरुआती 8 महीनों में भारत से बड़ी इलायची का निर्यात बढ़ा है, जिससे घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता कम हुई है। प्रमुख आपूर्तिकर्ता देशों और भारत में भी बड़ी इलायची का स्टॉक कम बचा है, जबकि नई फसल आने में अभी समय है। उत्पादकों और स्टॉकिस्टों द्वारा कम उत्पादन की आशंका के चलते स्टॉक दबाकर रखने की प्रवृत्ति भी कीमतों में वृद्धि का कारण बन सकती है। नेपाल से भारत में बड़ी इलायची का आयात करना अब आर्थिक रूप से उतना लाभप्रद नहीं रहा है, क्योंकि नेपाल में भी कीमतें काफी ऊंची हो गई हैं। त्योहारी सीज़न और शादी-विवाह जैसे मांगलिक उत्सवों के दौरान बड़ी इलायची की मांग बढ़ जाती है, इससे भी कीमतों पर ऊपर की ओर दबाव पड़ता है। कम उत्पादन मुख्य रूप से नेपाल और भारत दोनों में मजबूत निर्यात मांग और सीमित स्टॉक बड़ी इलायची की कीमतों में मौजूदा तेजी के प्रमुख कारण हैं। हालांकि, नई फसल की आवक शुरू होने से पहले कीमतों मे और सुधार देखने को मिल सकती है।