गत सप्ताह उत्पादक मंडियों के तेज समाचार आने से जायफल राई मेथी मखाना काजू एवं गोले में सरपट तेजी का रुख बना रहा। वहीं बड़ी इलायची एवं मगज तरबूज लुढक़कर पानी-पानी हो गए। अन्य किराना में मिला-जुला रुख रहा। आलोच्य सप्ताह एर्नाकुलम लाइन से जायफल की आपूर्ति घट गई। दूसरी ओर इंडोनेशिया व श्रीलंका में ऊंचे भाव होने से निर्यातकों की पकड़ मजबूत हो गई, जिससे 20 रुपए बढक़र जायफल के भाव 525/530 रुपए प्रति किलो हो गए। इसके अलावा राई भी हाजिर माल की कमी होने तथा खपत वाले उद्योगों की चौतरफा लिवाली चलने से सात-आठ रूपए बढक़र 115/116 रुपए प्रति किलो की ऊंचाई पर पहुंच गई। मेथी में भी नीचे वाले भाव पर बिकवाली कमजोर पडऩे तथा नीमच के अलावा राजस्थान की मंडियों में भी भाव ऊंचे हो जाने से जो माल 64/65 रुपए प्रति किलो बिका था, उसके भाव 67/68 रुपए बोलने लगे। मशीन क्लीन माल और ऊंचा बोला गया। इधर मखाना बिहार के पूर्णिया गुलाब बाग दरभंगा एवं पश्चिम बंगाल के हरदा हरिशचंद्रपुर मालदा दालखोला आदि मंडियों में आपूर्ति घटकर एक चौथाई रह जाने से 250 रुपए छलांग लगाकर 1000/1050 रुपए प्रति किलो हो गया। गुडिय़ा के भाव 28/29 हजार रुपए से छलांग लगाकर 34/35 हजार रुपए प्रति क्विंटल वहां बोलने लगे, जिससे कारोबारी माल बेचने से पीछे हट गए। यहां भी मखाना एवरेज क्वालिटी का जो 1050/1100 रुपए बिका था, उसके भाव 1200/1300 रुपए प्रति किलो बोलने लगे। बढिय़ा माल 1700 रुपए तक बिकने की खबर थी। इधर काजू शेलर प्लांटों में कच्चे माल की भारी कमी हो जाने से 75 रुपए और बढक़र 320 नंबर का 900/925 रुपए प्रति किलो हो गया है। 180 नंबर का 1200 रुपए तक बोला गया। दो एवं आठ टुकड़े माल में भी भारी तेजी दर्ज की गई। इसके अलावा गोला, जो बीते सप्ताह नीचे में 135 रुपए बिका था, उसके भाव उछलकर 150/155 रुपए प्रति किलो हो गए। गत्ता बॉक्स में भी 175/190 रुपए तक व्यापार सुना गया। दूसरी ओर बड़ी इलायची में नये माल की आवक होने तथा सटोरियों की बिकवाली से 1425 से घटकर 1400 रुपए प्रति किलो भाव रह गए। छोटी इलायची भी एवरेज क्वालिटी की 2000/2025 रुपए पर सुस्त रही। हल्दी में भी एक रुपए की सुस्ती रही, जबकि मगज तरबूज देसी विदेशी माल की बिकवाली आने एवं सट्टेबाजी के चलते 465 से घटकर 420 रुपए प्रति किलो रह गया। थोक में 415 रुपए तक व्यापार सुना गया। हमने में स्थिरता रही।