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08-12-2025

लिवर को डिटॉक्स करने का काम करता है नीम

  •  आयुर्वेद में नीम की पत्तियों, फूल, टहनी और फल को बेहद लाभदायी माना जाता है। नीम में कई समस्याओं का समाधान छिपा है। नीम न सिर्फ लिवर को डिटॉक्स करता हैं, बल्कि मुहांसों और दाग-धब्बों से भी छुटकारा दिलाता है। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय नीम को प्रकृति का अनमोल उपहार बताता है। नीम की कड़वाहट शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है और सदियों से आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल होता आ रहा है। नीम की पत्तियां लिवर को साफ करने में अचूक हैं। रोजाना नीम की 5-7 पत्तियां चबाने या इनका रस पीने से लिवर में जमा विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर में एनर्जी आती है। नीम लिवर के कार्य को सुचारु बनाता है, जिससे थकान और सुस्ती दूर होती है। बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी नीम की अहम भूमिका है। नीम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण धमनियों में जमा गंदगी को साफ करते हैं। इससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है। चेहरे की सुंदरता के लिए भी नीम रामबाण है। मुहांसों, दाग-धब्बों और कील की समस्या से परेशान लोगों के लिए नीम की पत्तियों का पेस्ट लगाने या रस पीने की सलाह आयुर्वेदाचार्य देते हैं। नीम में मौजूद एजाडिरेक्टिन नामक तत्व बैक्टीरिया को मारता है और त्वचा को साफ-सुथरा रखता है। नीम को दिनचर्या में शामिल करना फायदेमंद है। यह सस्ता, सुरक्षित और प्राकृतिक उपचार है। रोजाना नीम के पानी से चेहरा धोने से त्वचा में निखार आती है और मुहांसे दूर होते हैं। न केवल सर्दी बल्कि गर्मी और बरसात के मौसम में भी नीम का सेवन फायदेमंद होता है। नीम की पत्तियों को उबालकर बनाया गया काढ़ा भी पीया जा सकता है। वहीं, गर्मियों में इसके फूल से बने शर्बत को पीना कई लाभ देता है। इसे सुबह खाली पेट लेने से पूरे शरीर का डिटॉक्स होता है। हालांकि, सेवन से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

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लिवर को डिटॉक्स करने का काम करता है नीम

 आयुर्वेद में नीम की पत्तियों, फूल, टहनी और फल को बेहद लाभदायी माना जाता है। नीम में कई समस्याओं का समाधान छिपा है। नीम न सिर्फ लिवर को डिटॉक्स करता हैं, बल्कि मुहांसों और दाग-धब्बों से भी छुटकारा दिलाता है। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय नीम को प्रकृति का अनमोल उपहार बताता है। नीम की कड़वाहट शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है और सदियों से आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल होता आ रहा है। नीम की पत्तियां लिवर को साफ करने में अचूक हैं। रोजाना नीम की 5-7 पत्तियां चबाने या इनका रस पीने से लिवर में जमा विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर में एनर्जी आती है। नीम लिवर के कार्य को सुचारु बनाता है, जिससे थकान और सुस्ती दूर होती है। बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी नीम की अहम भूमिका है। नीम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण धमनियों में जमा गंदगी को साफ करते हैं। इससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है। चेहरे की सुंदरता के लिए भी नीम रामबाण है। मुहांसों, दाग-धब्बों और कील की समस्या से परेशान लोगों के लिए नीम की पत्तियों का पेस्ट लगाने या रस पीने की सलाह आयुर्वेदाचार्य देते हैं। नीम में मौजूद एजाडिरेक्टिन नामक तत्व बैक्टीरिया को मारता है और त्वचा को साफ-सुथरा रखता है। नीम को दिनचर्या में शामिल करना फायदेमंद है। यह सस्ता, सुरक्षित और प्राकृतिक उपचार है। रोजाना नीम के पानी से चेहरा धोने से त्वचा में निखार आती है और मुहांसे दूर होते हैं। न केवल सर्दी बल्कि गर्मी और बरसात के मौसम में भी नीम का सेवन फायदेमंद होता है। नीम की पत्तियों को उबालकर बनाया गया काढ़ा भी पीया जा सकता है। वहीं, गर्मियों में इसके फूल से बने शर्बत को पीना कई लाभ देता है। इसे सुबह खाली पेट लेने से पूरे शरीर का डिटॉक्स होता है। हालांकि, सेवन से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी चाहिए।


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