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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

05-12-2025

क्या आप जानते हैं

  •  दाल-सब्जी बिना धनिये के अधूरी लगती है, लेकिन कम ही लोगों को पता होगा कि हरा धनिया सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि हमारी थाली में नेचुरल मेडिसिन है। सर्दी हो या गर्मी, हर मौसम में धनिया खाने का अपना अलग फायदा है। आयुर्वेद इसे त्रिदोष संतुलक, पाचन सुधारक और रक्त शुद्ध करने वाला पौधा मानता है। आधुनिक विज्ञान इसे माइक्रोन्यूट्रिएंट और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर सुपर हर्ब कहता है। धनिया की छोटी-सी पत्ती में विटामिन ए, सी, के, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और कई तरह के एंजाइम भरे होते हैं। इतना ही नहीं, एक मु_ी हरा धनिया एक सेब जितना एंटीऑक्सीडेंट देता है। यह शरीर की सफाई और कोशिकाओं की सुरक्षा में बेहद कारगर है। इसलिए भारतीय रसोई में इसे थाली का फ्रेश टॉनिक माना जाता है। अब सवाल है कि आखिर हर दाल-सब्जी में इसे डाला क्यों जाता है? सबसे बड़ा कारण है ताप-संतुलन। पकी हुई सब्जियां शरीर में थोड़ी गर्मी पैदा करती हैं, जबकि धनिया स्वभाव से ठंडा होता है। दोनों मिलकर पाचन को आरामदायक बनाते हैं ताकि भोजन भारी न लगे। इसके अलावा, धनिया शरीर से टॉक्सिन्स, भारी धातुएं और हानिकारक तत्व बाहर निकालने में मदद करता है। इसे नैचुरल चेलेटिंग एजेंट माना जाता है। यह शरीर की सफाई का आसान तरीका है। धनिये की खास खुशबू भी सिर्फ खुशबू नहीं है। इसे सूंघते ही दिमाग तुरंत डाइजेस्टिव एंजाइम्स एक्टिव कर देता है, जो भूख बढ़ाते हैं और पाचन तेज करते हैं। धनिया को लिवर का डिटॉक्स स्विच भी कहा जाता है। इसके एंजाइम लिवर की सफाई की प्रक्रिया को तेज करते हैं। पेट में जलन हो रही हो या गैस बन रही हो तो सिर्फ 15 मिनट में धनिया रस राहत देता है। सोडियम लेने वाले या हाई बीपी वालों के लिए यह खास फायदेमंद है क्योंकि यह ब्लड में सोडियम स्तर को कम करने में मदद करता है। त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करने वाले खाद्य पदार्थ बहुत कम मिले हैं, लेकिन धनिया उनमें से एक है।धनिया पानी यूरिक एसिड और अतिरिक्त नमक बाहर निकालकर किडनी के काम को आसान बनाता है। इसलिए इसे कई लोग सुबह खाली पेट पीते हैं। लेकिन फायदे दोगुने तभी मिलते हैं जब इसे सही तरीके से खाया जाए, जैसे धनिया को पकाकर न डालें, बल्कि गैस बंद करने के बाद ऊपर से डालें ताकि विटामिन सी और इसके एसेंशियल ऑयल्स नष्ट न हों। नींबू के साथ यह और भी ताकतवर हो जाता है क्योंकि नींबू आयरन की अवशोषण क्षमता बढ़ाता है।

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क्या आप जानते हैं

 दाल-सब्जी बिना धनिये के अधूरी लगती है, लेकिन कम ही लोगों को पता होगा कि हरा धनिया सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि हमारी थाली में नेचुरल मेडिसिन है। सर्दी हो या गर्मी, हर मौसम में धनिया खाने का अपना अलग फायदा है। आयुर्वेद इसे त्रिदोष संतुलक, पाचन सुधारक और रक्त शुद्ध करने वाला पौधा मानता है। आधुनिक विज्ञान इसे माइक्रोन्यूट्रिएंट और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर सुपर हर्ब कहता है। धनिया की छोटी-सी पत्ती में विटामिन ए, सी, के, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और कई तरह के एंजाइम भरे होते हैं। इतना ही नहीं, एक मु_ी हरा धनिया एक सेब जितना एंटीऑक्सीडेंट देता है। यह शरीर की सफाई और कोशिकाओं की सुरक्षा में बेहद कारगर है। इसलिए भारतीय रसोई में इसे थाली का फ्रेश टॉनिक माना जाता है। अब सवाल है कि आखिर हर दाल-सब्जी में इसे डाला क्यों जाता है? सबसे बड़ा कारण है ताप-संतुलन। पकी हुई सब्जियां शरीर में थोड़ी गर्मी पैदा करती हैं, जबकि धनिया स्वभाव से ठंडा होता है। दोनों मिलकर पाचन को आरामदायक बनाते हैं ताकि भोजन भारी न लगे। इसके अलावा, धनिया शरीर से टॉक्सिन्स, भारी धातुएं और हानिकारक तत्व बाहर निकालने में मदद करता है। इसे नैचुरल चेलेटिंग एजेंट माना जाता है। यह शरीर की सफाई का आसान तरीका है। धनिये की खास खुशबू भी सिर्फ खुशबू नहीं है। इसे सूंघते ही दिमाग तुरंत डाइजेस्टिव एंजाइम्स एक्टिव कर देता है, जो भूख बढ़ाते हैं और पाचन तेज करते हैं। धनिया को लिवर का डिटॉक्स स्विच भी कहा जाता है। इसके एंजाइम लिवर की सफाई की प्रक्रिया को तेज करते हैं। पेट में जलन हो रही हो या गैस बन रही हो तो सिर्फ 15 मिनट में धनिया रस राहत देता है। सोडियम लेने वाले या हाई बीपी वालों के लिए यह खास फायदेमंद है क्योंकि यह ब्लड में सोडियम स्तर को कम करने में मदद करता है। त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करने वाले खाद्य पदार्थ बहुत कम मिले हैं, लेकिन धनिया उनमें से एक है।धनिया पानी यूरिक एसिड और अतिरिक्त नमक बाहर निकालकर किडनी के काम को आसान बनाता है। इसलिए इसे कई लोग सुबह खाली पेट पीते हैं। लेकिन फायदे दोगुने तभी मिलते हैं जब इसे सही तरीके से खाया जाए, जैसे धनिया को पकाकर न डालें, बल्कि गैस बंद करने के बाद ऊपर से डालें ताकि विटामिन सी और इसके एसेंशियल ऑयल्स नष्ट न हों। नींबू के साथ यह और भी ताकतवर हो जाता है क्योंकि नींबू आयरन की अवशोषण क्षमता बढ़ाता है।


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