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06-08-2025

ईश्वर से मांगने में Clarity रखें

  •  फिक्की फ्लो समृद्धि- मेनिफेस्ट लाइक ए मिलेनियर विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में लाइफ कोच काव्यल सिडानी ने फ्लो मेम्बर्स के बीच ambulance को लेकर चर्चा की। काव्यल एक समय मिडिल क्लास गुजराती परिवार में पली-बढ़ी, एवरेज स्टूडेंट थी। बीस वर्ष की थी तो विवाह हो गया। उनका सरनेम हाथी था तो स्कूल के दिनों में बुली भी की गई। गणित में कमजोर थी और पिता ने कहा कि जो विषय पढऩे के लिये लडक़ों के बीच ना जाना पड़े, वह ले लो। तो होम साइंस में शिक्षा ली। मां ने बचपन में ही खाना बनाना सिखा दिया था, शेष गृह ज्ञान होम साइंस ने दे दिया। 25 वर्ष की थी तो गृहिणी से मां बन गई। एक वक्त के बाद, अब लाइफ में अकेलापन, डिपे्रशन से सामना होने लगा। दिनभर घर के रूटीन वर्क ने डिपे्रशन में डाल दिया। सोचा कुछ आता नहीं, प्रोफेशनल एज्यूकेशन नहीं है, तो अब क्या किया जाये। कान्फीडेंस की कमी थी वो अलग। एक दिन वे लाइफ कोच का सेशन अटेंड करने गई, तो वहां पर उन्होंने साथ काम करने का अवसर दे दिया। यह काम घर से ही करना था, तो समस्या नहीं आई। इस तरह से जर्नी स्टार्ट हुई। 2009 में जर्नी पूरी तरह से शुरू हुई। काव्यल ने कहा कि डिपे्रशन की जर्नी के दौरान कोई उनका सपोर्ट सिस्टम नहीं बना, तो उन्होंने सोचा कि वे वह काम करेंगी जो दूसरों को मेंटली सपोर्ट दे। अबंडेंस पर अपनी चर्चा के दौरान कहा कि हमें यह पता होना चाहिये कि हमें क्या करना है, कब करना है और कैसे करना है। यही पहला कदम है। पति पर निर्भर न रहकर अपनी पसंद का कोई काम अवश्य करें।

    जीवन में पैसा कमाना महत्वपूर्ण है लेकिन उससे भी ज्यादा उसे स्पेंड करना महत्वपूर्ण है। दूसरों की मदद करें तो दिल खोल कर करें, उसमें मन में जकडऩ महसूस न करें क्योंकि पैसा जितना खर्च किया जायेगा, उतना ही लौट कर आयेगा। इस नियम को याद रखें। यह भी कहा कि ईश्वर से जो मांगे वह क्लेरिटी के साथ मांगे। यह भी सोचें कि जो मांग रहे हैं वह हम डिजर्व करते हैं। जीवन में सामान्य जीवन यानि नॉर्मल जीवन भी एक ब्लेसिंग ही है। आप सोचिये कि एक प्लेन के्रश होता है, आप या आपका परिवार, मित्र उस दुर्घटना से बच गये, तो यह क्या ईश्वर की कृपा नहीं है। इसलिये आस्क--बिलीव--रिसीव रूल पर भरोसा करें। यही जीवन जीने की कला है। यह ध्यान रखें कि पैसा बंधन लेकर आता है, स्वतंत्रता नहीं। यह सोचें कि आपको कितना पैसा चाहिये, उसका क्या करेंगे। क्लेरिटी जीवन में बहुत जरूरी है। पैसे को खर्च करने पर चर्चा करते हुए काव्यल ने कहा कि हम पूरे दिन हर पेट्रोल पम्प पर रुककर कार में पेट्रोल ही तो नहीं भराते रहेंगे, उसे खर्च भी तो करना होगा। उसी प्रकार पैसे की संजत, बचत ही तो नहीं कर सकते। इसे जीवन जीने के लिये, दूसरों की मदद पर खर्च भी करना होगा। तभी वह लौटकर हमारे पास और आयेगा। यह जान लें कि जीवन में जो अमीर है, वह दुखी भी है। उसके पास पानी पीने तक का वक्त नहीं है। जिसके पास सीमित संसाधन है, वह बिंदास सोता है। ट्रांसफॉर्मेशनल गाइड काव्यल ने कहा कि हम जो मन से सोचते हैं, वह अवश्य होता है, इसलिये सोचने में क्लेरिटी रखें। हाई वाइबे्रशन के बारे में भी चर्चा की। यह कहा कि यदि पैसा अच्छे हाथों में जाता है तो वह अच्छे कार्यों में लगता है। वित्तीय समृद्धि काफी अहम है। अपने कर्मचारियों को सैलरी दें तो खुश होकर दें। इससे आपके जीवन में सम्पूर्णता आयेगी। योग, ध्यान करें। फिक्की फ्लो जयपुर चैप्टर की चेयरपर्सन डॉ.रिम्मी शेखावत, कमेटी मेम्बर्स, पास्ट चेयरपर्सन इस प्रोग्राम पर उपस्थित रही।

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ईश्वर से मांगने में Clarity रखें

 फिक्की फ्लो समृद्धि- मेनिफेस्ट लाइक ए मिलेनियर विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में लाइफ कोच काव्यल सिडानी ने फ्लो मेम्बर्स के बीच ambulance को लेकर चर्चा की। काव्यल एक समय मिडिल क्लास गुजराती परिवार में पली-बढ़ी, एवरेज स्टूडेंट थी। बीस वर्ष की थी तो विवाह हो गया। उनका सरनेम हाथी था तो स्कूल के दिनों में बुली भी की गई। गणित में कमजोर थी और पिता ने कहा कि जो विषय पढऩे के लिये लडक़ों के बीच ना जाना पड़े, वह ले लो। तो होम साइंस में शिक्षा ली। मां ने बचपन में ही खाना बनाना सिखा दिया था, शेष गृह ज्ञान होम साइंस ने दे दिया। 25 वर्ष की थी तो गृहिणी से मां बन गई। एक वक्त के बाद, अब लाइफ में अकेलापन, डिपे्रशन से सामना होने लगा। दिनभर घर के रूटीन वर्क ने डिपे्रशन में डाल दिया। सोचा कुछ आता नहीं, प्रोफेशनल एज्यूकेशन नहीं है, तो अब क्या किया जाये। कान्फीडेंस की कमी थी वो अलग। एक दिन वे लाइफ कोच का सेशन अटेंड करने गई, तो वहां पर उन्होंने साथ काम करने का अवसर दे दिया। यह काम घर से ही करना था, तो समस्या नहीं आई। इस तरह से जर्नी स्टार्ट हुई। 2009 में जर्नी पूरी तरह से शुरू हुई। काव्यल ने कहा कि डिपे्रशन की जर्नी के दौरान कोई उनका सपोर्ट सिस्टम नहीं बना, तो उन्होंने सोचा कि वे वह काम करेंगी जो दूसरों को मेंटली सपोर्ट दे। अबंडेंस पर अपनी चर्चा के दौरान कहा कि हमें यह पता होना चाहिये कि हमें क्या करना है, कब करना है और कैसे करना है। यही पहला कदम है। पति पर निर्भर न रहकर अपनी पसंद का कोई काम अवश्य करें।

जीवन में पैसा कमाना महत्वपूर्ण है लेकिन उससे भी ज्यादा उसे स्पेंड करना महत्वपूर्ण है। दूसरों की मदद करें तो दिल खोल कर करें, उसमें मन में जकडऩ महसूस न करें क्योंकि पैसा जितना खर्च किया जायेगा, उतना ही लौट कर आयेगा। इस नियम को याद रखें। यह भी कहा कि ईश्वर से जो मांगे वह क्लेरिटी के साथ मांगे। यह भी सोचें कि जो मांग रहे हैं वह हम डिजर्व करते हैं। जीवन में सामान्य जीवन यानि नॉर्मल जीवन भी एक ब्लेसिंग ही है। आप सोचिये कि एक प्लेन के्रश होता है, आप या आपका परिवार, मित्र उस दुर्घटना से बच गये, तो यह क्या ईश्वर की कृपा नहीं है। इसलिये आस्क--बिलीव--रिसीव रूल पर भरोसा करें। यही जीवन जीने की कला है। यह ध्यान रखें कि पैसा बंधन लेकर आता है, स्वतंत्रता नहीं। यह सोचें कि आपको कितना पैसा चाहिये, उसका क्या करेंगे। क्लेरिटी जीवन में बहुत जरूरी है। पैसे को खर्च करने पर चर्चा करते हुए काव्यल ने कहा कि हम पूरे दिन हर पेट्रोल पम्प पर रुककर कार में पेट्रोल ही तो नहीं भराते रहेंगे, उसे खर्च भी तो करना होगा। उसी प्रकार पैसे की संजत, बचत ही तो नहीं कर सकते। इसे जीवन जीने के लिये, दूसरों की मदद पर खर्च भी करना होगा। तभी वह लौटकर हमारे पास और आयेगा। यह जान लें कि जीवन में जो अमीर है, वह दुखी भी है। उसके पास पानी पीने तक का वक्त नहीं है। जिसके पास सीमित संसाधन है, वह बिंदास सोता है। ट्रांसफॉर्मेशनल गाइड काव्यल ने कहा कि हम जो मन से सोचते हैं, वह अवश्य होता है, इसलिये सोचने में क्लेरिटी रखें। हाई वाइबे्रशन के बारे में भी चर्चा की। यह कहा कि यदि पैसा अच्छे हाथों में जाता है तो वह अच्छे कार्यों में लगता है। वित्तीय समृद्धि काफी अहम है। अपने कर्मचारियों को सैलरी दें तो खुश होकर दें। इससे आपके जीवन में सम्पूर्णता आयेगी। योग, ध्यान करें। फिक्की फ्लो जयपुर चैप्टर की चेयरपर्सन डॉ.रिम्मी शेखावत, कमेटी मेम्बर्स, पास्ट चेयरपर्सन इस प्रोग्राम पर उपस्थित रही।


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