TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

18-12-2025

सिंगल ट्रैक कॅरियर की हिमायती नहीं है Gen Z

  •  भारतीय परिवारों में दशकों से इंजीनियरिंग, मेडिसिन, सिविल सर्विसेज, सरकारी नौकरियों का के्रज देखा गया है। माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे उपरोक्त किसी जॉब को जॉइन कर लें ताकि लाइफ में कॅरियर को लेकर इज्जत और सिक्योरिटी दोनों बनी रहे। लेकिन जैनरेशन जेड की सोच तो इनसे जुदा है। वे जॉब में स्ट्रेस की कीमत पर लीगेसी को आगे बढ़ाना नहीं चाहते। जयपुर की 22 वर्षीय अनन्न्या से बात की गई। वे कहती हैं कि वे पूरी लाइफ एक ही जॉब को नहीं करना चाहती। उनके लिये यह सक्सेस आइडिया नहीं है। अनन्या की तरह की सोच जैन जी की है। रैंडस्टेड की ‘जैन जी वर्कप्लेस ब्लूप्रिंट 2025’ रिपोर्ट भी स्ट्राइकिंग रिजल्ट प्रस्तुत कर रही है। इसके अनुसार देश में केवल 16 प्रतिशत जैन जी ट्रेडीशनल फुल टाइम जॉब करना चाहती है, 43 प्रतिशत फुल टाइम जॉब के साथ साइड में अपनी पसंद का कोई काम करना चाहती है। सिंगल ट्रेक कॅरियर के बजाय कुछ अलग करना चाहती है। उनके लिये जॉब में फ्लैक्जीबिलिटी प्राथमिकता है। लीगेसी कॅरियर्स के लांग वर्किंग ऑवर्स, टेक जॉब के लेऑफ, बर्नआउट फेज के बजाय वे वर्क-लाइफ बैलेंस चाहते हैं। ड्रीम जॉब का आइडिया क्या हो रहा कॉलेप्स 2024 अनस्टॉप सर्वे के अनुसार 47 प्रतिशत जैन जी जॉब टाइटल, सैलरी से पहले वर्क-लाइफ बैलेंस चाहते हैं। हाइब्रिड वर्किंग, मीनिंगफुल टास्क, मेंटल वैलबीइंग सपोर्ट उनकी प्राथमिकता है। यदि जॉब में उन्हें संतुष्टि नहीं मिलती है तो वे एक वर्ष में ही जॉब से क्विट करने में पीछे नहीं हटते। दोनों ही रिपोर्ट्स यह साफ तौर पर बता रही हैं कि पारम्परिक रूप से ड्रीम जॉब का आइडिया जैन जी की दुनिया में कॉलेप्स कर रहा है। वे जॉब में स्ट्रेस से रिलेशनशिप बिल्ट नहीं करना चाहते। उनके माता-पिता के समय में पे्रस्टीज यानि जॉब सिक्योरिटी यानि सरवाइल का फंडा प्रमुख होता था। लेकिन जैनरेशन जेड ने माता-पिता को वर्कप्लेस में तनाव, ट्रांसफर, बर्नआउट से जूझते देखा है, शायद यही बात उन्हें खटकती है। ‘डिलॉइट 2024 जैन जी एंड मिलेनियल’ सर्वे के अनुसार यंग इन्डियंस उन जॉब्ज को वैल्यू करते हैं जिनमें ब्राण्ड पे्रस्टीज के बजाय लर्निंग, ग्रोथ, पर्सनल वैल्यूज के साथ तारतम्य हो। इसीलिये इन कॅरियर ऑप्शंस के लिये अपील बढ़ी रही है:- एन्वायरमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी, साइकोलॉजी एंड मेंटल हैल्थ, क्रिएटिव टेक्नोलॉजीज, सोशियल इम्पेक्ट, डिजाइन एंड यूजर एक्सपीरियंस, एआई, डेटा, न्यू एज टैक रोल्स। बेशक इन ऑप्शंस में पुरानी लीगेसी न हो, लेकिन यह क्रिएटिविटी, मीनिंगफुल वर्क सैटिस्फैक्शन दे रही हैं। एक-दो दशक पूर्व तक इन्डियन टीनेजर के सामने लिमिटेड प्रोफेशनल विकल्प थे लेकिन अब कंटेंट क्रिएशन, फ्रीलांस डिजाइन, कन्सल्टिंग, सोशियल मीडिया मैनेजमेंट, ग्लोबल क्लाइंट्स के लिये कोडिंग, ई-कॉमर्स, स्पोर्ट्स एनालिसिस, गेमिंग आदि अनेक न्यू एज जॉब रोल हैं। रैंडस्टेड रिपोर्ट के अनुसार जैन जी ऐसी एंटरप्रन्योर जैनरेशन है जो रिस्क लेने से नहीं डरती। एक्स्ट्रा इनकम के लिये साइड जॉब भी कर लेती है।

    एज्यूकेशन वर्क मिसमैच

    डिलॉइट सर्वे के अनुसार जैन जी एक और मिसमैच से परेशान है। कॉलेज में जो पढ़ाया जा रहा है वह वर्कप्लेस में काम नहीं आता। डिग्री स्किल की जरूरत से मैच नहीं कर रही। यह डिसकनैक्ट भी उन्हें परेशान कर रहा है। दोनों रिपोर्ट्स से क्लियर पिक्चर यह नजर आ रही है कि जैनरेशन जेड कन्फ्यूज्ड या कम महत्वकांक्षी नहीं है बल्कि उनकी महत्वकांक्षा की डेफीनेशन अलग है। वे मेंटल हैल्थ की कीमत पर सक्सेस नहीं चाहते, फ्रीडम छोडक़र पैसा नहीं चाहते, लाइफलांग एक जॉब के बजाय मीनिंगफुल जॉब चाहते हैं जिसमें मल्टीपल स्किल काम आये। ऐसा नहीं है कि ड्रीम जॉब की कल्पना समाप्त हो रही है, बल्कि वह नई शेप ले रही है, जो जैन जी के अनुसार तय हो रही है।

Share
सिंगल ट्रैक कॅरियर की हिमायती नहीं है Gen Z

 भारतीय परिवारों में दशकों से इंजीनियरिंग, मेडिसिन, सिविल सर्विसेज, सरकारी नौकरियों का के्रज देखा गया है। माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे उपरोक्त किसी जॉब को जॉइन कर लें ताकि लाइफ में कॅरियर को लेकर इज्जत और सिक्योरिटी दोनों बनी रहे। लेकिन जैनरेशन जेड की सोच तो इनसे जुदा है। वे जॉब में स्ट्रेस की कीमत पर लीगेसी को आगे बढ़ाना नहीं चाहते। जयपुर की 22 वर्षीय अनन्न्या से बात की गई। वे कहती हैं कि वे पूरी लाइफ एक ही जॉब को नहीं करना चाहती। उनके लिये यह सक्सेस आइडिया नहीं है। अनन्या की तरह की सोच जैन जी की है। रैंडस्टेड की ‘जैन जी वर्कप्लेस ब्लूप्रिंट 2025’ रिपोर्ट भी स्ट्राइकिंग रिजल्ट प्रस्तुत कर रही है। इसके अनुसार देश में केवल 16 प्रतिशत जैन जी ट्रेडीशनल फुल टाइम जॉब करना चाहती है, 43 प्रतिशत फुल टाइम जॉब के साथ साइड में अपनी पसंद का कोई काम करना चाहती है। सिंगल ट्रेक कॅरियर के बजाय कुछ अलग करना चाहती है। उनके लिये जॉब में फ्लैक्जीबिलिटी प्राथमिकता है। लीगेसी कॅरियर्स के लांग वर्किंग ऑवर्स, टेक जॉब के लेऑफ, बर्नआउट फेज के बजाय वे वर्क-लाइफ बैलेंस चाहते हैं। ड्रीम जॉब का आइडिया क्या हो रहा कॉलेप्स 2024 अनस्टॉप सर्वे के अनुसार 47 प्रतिशत जैन जी जॉब टाइटल, सैलरी से पहले वर्क-लाइफ बैलेंस चाहते हैं। हाइब्रिड वर्किंग, मीनिंगफुल टास्क, मेंटल वैलबीइंग सपोर्ट उनकी प्राथमिकता है। यदि जॉब में उन्हें संतुष्टि नहीं मिलती है तो वे एक वर्ष में ही जॉब से क्विट करने में पीछे नहीं हटते। दोनों ही रिपोर्ट्स यह साफ तौर पर बता रही हैं कि पारम्परिक रूप से ड्रीम जॉब का आइडिया जैन जी की दुनिया में कॉलेप्स कर रहा है। वे जॉब में स्ट्रेस से रिलेशनशिप बिल्ट नहीं करना चाहते। उनके माता-पिता के समय में पे्रस्टीज यानि जॉब सिक्योरिटी यानि सरवाइल का फंडा प्रमुख होता था। लेकिन जैनरेशन जेड ने माता-पिता को वर्कप्लेस में तनाव, ट्रांसफर, बर्नआउट से जूझते देखा है, शायद यही बात उन्हें खटकती है। ‘डिलॉइट 2024 जैन जी एंड मिलेनियल’ सर्वे के अनुसार यंग इन्डियंस उन जॉब्ज को वैल्यू करते हैं जिनमें ब्राण्ड पे्रस्टीज के बजाय लर्निंग, ग्रोथ, पर्सनल वैल्यूज के साथ तारतम्य हो। इसीलिये इन कॅरियर ऑप्शंस के लिये अपील बढ़ी रही है:- एन्वायरमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी, साइकोलॉजी एंड मेंटल हैल्थ, क्रिएटिव टेक्नोलॉजीज, सोशियल इम्पेक्ट, डिजाइन एंड यूजर एक्सपीरियंस, एआई, डेटा, न्यू एज टैक रोल्स। बेशक इन ऑप्शंस में पुरानी लीगेसी न हो, लेकिन यह क्रिएटिविटी, मीनिंगफुल वर्क सैटिस्फैक्शन दे रही हैं। एक-दो दशक पूर्व तक इन्डियन टीनेजर के सामने लिमिटेड प्रोफेशनल विकल्प थे लेकिन अब कंटेंट क्रिएशन, फ्रीलांस डिजाइन, कन्सल्टिंग, सोशियल मीडिया मैनेजमेंट, ग्लोबल क्लाइंट्स के लिये कोडिंग, ई-कॉमर्स, स्पोर्ट्स एनालिसिस, गेमिंग आदि अनेक न्यू एज जॉब रोल हैं। रैंडस्टेड रिपोर्ट के अनुसार जैन जी ऐसी एंटरप्रन्योर जैनरेशन है जो रिस्क लेने से नहीं डरती। एक्स्ट्रा इनकम के लिये साइड जॉब भी कर लेती है।

एज्यूकेशन वर्क मिसमैच

डिलॉइट सर्वे के अनुसार जैन जी एक और मिसमैच से परेशान है। कॉलेज में जो पढ़ाया जा रहा है वह वर्कप्लेस में काम नहीं आता। डिग्री स्किल की जरूरत से मैच नहीं कर रही। यह डिसकनैक्ट भी उन्हें परेशान कर रहा है। दोनों रिपोर्ट्स से क्लियर पिक्चर यह नजर आ रही है कि जैनरेशन जेड कन्फ्यूज्ड या कम महत्वकांक्षी नहीं है बल्कि उनकी महत्वकांक्षा की डेफीनेशन अलग है। वे मेंटल हैल्थ की कीमत पर सक्सेस नहीं चाहते, फ्रीडम छोडक़र पैसा नहीं चाहते, लाइफलांग एक जॉब के बजाय मीनिंगफुल जॉब चाहते हैं जिसमें मल्टीपल स्किल काम आये। ऐसा नहीं है कि ड्रीम जॉब की कल्पना समाप्त हो रही है, बल्कि वह नई शेप ले रही है, जो जैन जी के अनुसार तय हो रही है।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news