वो गाना नहीं है बहुत देर कर दी हुजूर आते-आते। लगता है जीएसटी कट को लेकर भी ऑटो इंक अब यही कह रही है। कहा जा रहा है कि जीएसटी कट के बाद ऑटो इंक इंफ्लेक्शन पॉइंट (प्रस्थान बिंदु या रास्ता बदलने का मोड) तक पहुंच चुकी है। फेस्टिव सीजन बीत जाने के बाद नवंबर में पैसेंजर वेहीकल डिस्पैच 20.7 परसेंट बढ़े हैं। ईयर इंड नजदीक आने को देखते हुए डीलर डिस्पैच का यह डेटा गैर-मामूली है। रिपोर्ट्स के अनुसार जीएसटी कट के साथ ही रूरल डिमांड ऑटो सेल्स में ग्रोथ के लिए फ्यूल का सा काम कर रही है और वित्त वर्ष 2027 की शुरुआत पॉजिटिव पॉइंट के साथ होगी। ऑटो इंक का यह रिवाइवल इसलिए और भी अहम है क्योंकि ग्लोबल ऑटो सीनारियो में स्लोडाउन दिख रहा है। रिसर्च एजेंसी नुवामा के अनुसार महिंद्रा एंड महिंद्रा और एस्कॉर्ट्स कुबोटा ने वित्त वर्ष 26 के लिए ट्रेक्टर इंडस्ट्री की ग्रोथ का अनुमान 10-12 परसेंट कर दिया है। ट्रेक्टर बढ़ेगी यानी रूरल सेंटिमेंट पॉजिटिव है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी कट और बेहतरीन मॉनसून के कारण रूरल डिमांड में रिवाइवल हो रहा है। यहां तक कि ऑटोटेक या फिर कंपोनेंट कंपनी बॉश ने भी ट्रैक्टर प्रोडक्शन लगभग 10 परसेंट बढऩे की उम्मीद जताई है। टू-व्हीलर के लिए भी वित्त वर्ष26 मजबूत रहेगा। बॉश का मानना है कि टू-व्हीलर प्रोडक्शन में 9-10 परसेंट की ग्रोथ होगी जो पिछले 6-9 परसेंट के अनुमान से अधिक है। दूसरी ओर जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार का कैपेक्स अप्रेल से अब तक 32 परसेंट बढ़ा है, जो पूरे वर्ष के 6 परसेंट टार्गेट से काफी अधिक है। सडक़ और रेल दोनों क्षेत्रों में पूंजीगत निवेश (कैपेक्स) टार्गेट को बीट कर चुका है। भारत सरकार के इस इंफ्रास्ट्रक्चर पुश से सीवी डिमांड भी पुश स्टार्ट हो सकती है। टाटा मोटर्स ने उम्मीद जताई है कि कंस्ट्रक्शन और माइनिंग एक्टिविटी मानसून के बाद बढऩे से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कमर्शियल वेहीकल्स का सेल्स वॉल्यूम हाई सिंगल डिजिट (6 से 9 परसेंट) बढ़ेगा। जेफरीज के अनुसार चालू वित्त वर्ष में एमएचसीवी (मीडियम एंड हेवी कमर्शियल वेहीकल्स) का प्रोडक्शन 7-10 परसेंट और एलसीवी प्रोडक्शन में 5-6 परसेंट की ग्रोथ होगी। यहां तक कि वोल्वो ने भी एमएचसीवी मार्केट में 6 परसेंट ग्रोथ का अनुमान जताया है। जहां तक कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट (सीई) की बात है तो इनकी सेल्स लंबे चले मानसून और एमिशन नॉम्र्स में बदलाव के कारण प्राइस में बढ़ोतरी होने के कारण स्लो थी। लेकिन रिपोट्र्स में कहा गया है कि वित्त वर्र्ष26 की दूसरी छमाही से सीई सेल्स वॉल्यूम में तेजी आएगी। वहीं इंडस्ट्री के लिए ब्रेड एंड बटर पैसेंजर वेहीकल्स की बात है तो कैलेंडर वर्ष 26 में यूरोप में पीवी प्रोडक्शन फ्लैट रहेगा वहीं नॉर्थ अमेरिका में 3 परसेंट की गिरावट आएगी। लेकिन इंडिया ग्रोथ पाथ और तेज आगे बढ़ेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार वित्त वर्र्ष26 में कार प्रोडक्शन में 7 परसेंट की ग्रोथ होने का अनुमान है। एनेलिस्ट्स ने कहा है कि घरेलू मांग में मजबूती बनी रहने का फायदा मारुति और ह्यूंदे दोनों को मिलेगा।