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21-07-2025

एनसीएलएटी ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगाई

  • रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने कहा कि बिजली खरीद समझौते के अनुरूप 92.68 करोड़ रुपये चुका दिए जाने पर अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगा दी है। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने शेयर बाजार को दी एक सूचना में कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने उसकी तरफ से दायर एक अपील पर सुनवाई के बाद एनसीएलटी के आदेश पर रोक लगा दी है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने 30 मई को रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने और एक अंतरिम समाधान पेशेवर की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था। एनसीएलटी का यह आदेश अप्रैल, 2022 में आईडीबीआई ट्रस्टीशिप द्वारा एक याचिका दायर करने के बाद आया। इसमें 28 अगस्त, 2018 तक 88.68 करोड़ रुपये के भुगतान और ब्याज में चूक का आरोप लगाया गया था। इस साल दो जून को कंपनी ने कहा था कि एनसीएलटी का यह आदेश ‘पूरा भुगतान पहले ही कर दिए जाने के कारण’ निष्फल हो गया है। एनसीएलएटी ने चार जून को कंपनी की अपील पर सुनवाई करते हुए एनसीएलटी के आदेश को निलंबित कर दिया था। अपील में कहा गया था कि कंपनी ने धुरसर सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड (डीएसपीपीएल) को 92.68 करोड़ रुपये का पूरा भुगतान कर दिया है। आईडीबीआई ट्रस्टीशिप ने अपनी याचिका में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए डीएसपीपीएल द्वारा 2017 और 2018 के बीच जारी किए गए 10 बिलों पर भुगतान में चूक का आरोप लगाया था।

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एनसीएलएटी ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगाई

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने कहा कि बिजली खरीद समझौते के अनुरूप 92.68 करोड़ रुपये चुका दिए जाने पर अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगा दी है। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने शेयर बाजार को दी एक सूचना में कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने उसकी तरफ से दायर एक अपील पर सुनवाई के बाद एनसीएलटी के आदेश पर रोक लगा दी है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने 30 मई को रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने और एक अंतरिम समाधान पेशेवर की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था। एनसीएलटी का यह आदेश अप्रैल, 2022 में आईडीबीआई ट्रस्टीशिप द्वारा एक याचिका दायर करने के बाद आया। इसमें 28 अगस्त, 2018 तक 88.68 करोड़ रुपये के भुगतान और ब्याज में चूक का आरोप लगाया गया था। इस साल दो जून को कंपनी ने कहा था कि एनसीएलटी का यह आदेश ‘पूरा भुगतान पहले ही कर दिए जाने के कारण’ निष्फल हो गया है। एनसीएलएटी ने चार जून को कंपनी की अपील पर सुनवाई करते हुए एनसीएलटी के आदेश को निलंबित कर दिया था। अपील में कहा गया था कि कंपनी ने धुरसर सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड (डीएसपीपीएल) को 92.68 करोड़ रुपये का पूरा भुगतान कर दिया है। आईडीबीआई ट्रस्टीशिप ने अपनी याचिका में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए डीएसपीपीएल द्वारा 2017 और 2018 के बीच जारी किए गए 10 बिलों पर भुगतान में चूक का आरोप लगाया था।


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