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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi
‘‘दृष्टव्य है कि क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भम्र से बुद्धि व्यग्र होती है जो मनुष्य के पतन का कारण है।’’
Every man who possibly can should force himself to a holiday of a full month in a year, whether he feels like taking it or not.
Free Economy and Freedom of People के साथ-साथ Freedom of Capital के जिस दौर में हम प्रवेश कर चुके हैं वह चूंकि Freedom Produces Invisibles की व्यवस्था...
संसार में एक जीव दूसरे का सहायक है,एक दूसरे पर प्रभाव भी डालते हैं। कहते हैं-खरबूजा खरबूजे को देखकर रंग बदलता है। संसार में दो प्रकार के जीव हैं-जड़ और चेतन।...
विकास के नये दौर को हम जिस तरह Labour v/s Leisure (परिश्रम के स्थान पर आराम) इकोनॉमी और उससे पैदा होने वाली बेरोजगारी बढ़ाने वाली समाज व्यवस्था के नाम से...
जब कोई देश Global Capitalist System की व्यवस्था को अपना लेता है तो वहां पूंजी प्रधान ऐसे अनेक घटनाक्रम घटित होते चले जाते हैं जो दिखने में व्यक्ति की सफलता......
जब कोई देश Creative के स्थान पर Distributive Capitalism या जो रुपैया जमा है उसे ही नहीं वरन अप्रत्याशित उधार लेकर विकास करने की प्रक्रिया को अपनाते हुए गति......