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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi
RAJASTHAN
JAIPUR
Free Economy and Free Society, दोनों के मिलन से जिस नयी बाजार व्यवस्था का निर्माण हो रहा है उसे हम Decisional Disturbance या निर्णय लेने में परेशानी का काल......
यह संसार एक उद्यान है जहां अनेक प्रकार के पुष्प खिलते हैं। उनमें कुछ सुगंधित होते हैं तथा कुछ निर्जीव व कंटीले होते हैं तो कुछ में सुगंध नहीं होती फिर भी...
विकास के नये दौर को हम जिस तरह Labour v/s Leisure (परिश्रम के स्थान पर आराम) इकोनॉमी और उससे पैदा होने वाली बेरोजगारी बढ़ाने वाली समाज व्यवस्था के नाम से...
जब कोई देश Global Capitalist System की व्यवस्था को अपना लेता है तो वहां पूंजी प्रधान ऐसे अनेक घटनाक्रम घटित होते चले जाते हैं जो दिखने में व्यक्ति की सफलता......
जब कोई देश Creative के स्थान पर Distributive Capitalism या जो रुपैया जमा है उसे ही नहीं वरन अप्रत्याशित उधार लेकर विकास करने की प्रक्रिया को अपनाते हुए गति......