TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

02-06-2017

निर्यात वृद्धि के लिए सेज को तुरंत दी जाए सुविधाएं : जेसीसीआई

  •  जयपुर। चीन की तर्ज पर वर्ष 2000 में देश में विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) कायम किए थे, जिससे देश में जहां निर्यात को बढ़ावा मिला वहीं रोजगार के नए-नए अवसर भी सृजित हुए, लेकिन वहां दी जा रही सुविधाओं के समाप्त होने से सेज की वित्तीय एवं आर्थिक स्थिति पर विपरित प्रभाव पडऩे से वे बंद होते गए। जयपुर चैंबर ने सरकार से मांग की है कि सेज को विशेष सुविधाएं दिए जाने की जरूरत है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजेार में देश का माल ठहर सके। जयपुर चैंबर ऑफ  कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष अशोक धूत एवं मानद सचिव अजय काला के अनुसार देश में 430 विशेष आर्थिक क्षेत्र चल रहे थ,े जिनमें से 226 बेकार पड़े हैं क्योंकि अब तक उन्हें जो सुविधाएं दी जाती थीं वे समाप्त कर दी गई हैं। जयपुर चैंबर के अनुसार पहले 5 वर्ष तक सेज को 100 प्रतिशत आयकर में छूट दी गई। इसके बाद 5 वर्षों तक 50 प्रतिशत छूट दी गई तथा शेष 5 वर्ष की अवधि में 50 प्रतिशत प्लोग्ड बैंक निर्यात लाभ की छूट दी गई। इसके बाद वर्ष 2011 के दौरान सरकार ने 20 प्रतिशत मेट लगा दिया और डीडीजी भी 20 प्रतिशत प्रारंभ कर देने से सेज में आकर्षण ही कम होने से वे बंद होते गए। उल्लेखनीय है कि सेज द्वारा वर्ष 2013-14 में 4.90 लाख करोड़ का निर्यात हुआ था जो वर्ष 2014-15 में 4.62 लाख करोड़, वर्ष 2015-16 में 4.70 लाख करोड़ एवं 2016-17 में 5.24 लाख करोड़ का निर्यात हुआ। अभी इनमें करीब 4.23 लाख करोड़ का निवेश हो रहा है और 17.31 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध हंै। जयपुर चैंबर ने सरकार से मांग की है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के अंतर्गत सेज को हरसंभव सुविधाएं पुन: दी जाएं ताकि उसका विस्तारीकरण एवं सुधारीकरण मार्ग प्रशस्त हो और निर्यात बढ़े। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रत्न एवं रत्न आभूषण उद्योग, आई.टी., आटो कंपोनेंटस, कृषि आधारित उत्पाद, चिकित्सा, पर्यटन, हैंडीक्राफ्ट वस्त्र और परिधान तथा मार्बल क्षेत्र में सेज स्थापित करने के वृहत अवसर हैं, इसलिए पूर्व की भांति ही करों में छूट दी जाए ताकि निर्यातकों में सेज के प्रति आकर्षण बढ़े और निर्यात बढ़े। - कार्यालय संवाददाता  

     
Share
निर्यात वृद्धि के लिए सेज को तुरंत दी जाए सुविधाएं : जेसीसीआई

 जयपुर। चीन की तर्ज पर वर्ष 2000 में देश में विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) कायम किए थे, जिससे देश में जहां निर्यात को बढ़ावा मिला वहीं रोजगार के नए-नए अवसर भी सृजित हुए, लेकिन वहां दी जा रही सुविधाओं के समाप्त होने से सेज की वित्तीय एवं आर्थिक स्थिति पर विपरित प्रभाव पडऩे से वे बंद होते गए। जयपुर चैंबर ने सरकार से मांग की है कि सेज को विशेष सुविधाएं दिए जाने की जरूरत है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजेार में देश का माल ठहर सके। जयपुर चैंबर ऑफ  कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष अशोक धूत एवं मानद सचिव अजय काला के अनुसार देश में 430 विशेष आर्थिक क्षेत्र चल रहे थ,े जिनमें से 226 बेकार पड़े हैं क्योंकि अब तक उन्हें जो सुविधाएं दी जाती थीं वे समाप्त कर दी गई हैं। जयपुर चैंबर के अनुसार पहले 5 वर्ष तक सेज को 100 प्रतिशत आयकर में छूट दी गई। इसके बाद 5 वर्षों तक 50 प्रतिशत छूट दी गई तथा शेष 5 वर्ष की अवधि में 50 प्रतिशत प्लोग्ड बैंक निर्यात लाभ की छूट दी गई। इसके बाद वर्ष 2011 के दौरान सरकार ने 20 प्रतिशत मेट लगा दिया और डीडीजी भी 20 प्रतिशत प्रारंभ कर देने से सेज में आकर्षण ही कम होने से वे बंद होते गए। उल्लेखनीय है कि सेज द्वारा वर्ष 2013-14 में 4.90 लाख करोड़ का निर्यात हुआ था जो वर्ष 2014-15 में 4.62 लाख करोड़, वर्ष 2015-16 में 4.70 लाख करोड़ एवं 2016-17 में 5.24 लाख करोड़ का निर्यात हुआ। अभी इनमें करीब 4.23 लाख करोड़ का निवेश हो रहा है और 17.31 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध हंै। जयपुर चैंबर ने सरकार से मांग की है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के अंतर्गत सेज को हरसंभव सुविधाएं पुन: दी जाएं ताकि उसका विस्तारीकरण एवं सुधारीकरण मार्ग प्रशस्त हो और निर्यात बढ़े। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रत्न एवं रत्न आभूषण उद्योग, आई.टी., आटो कंपोनेंटस, कृषि आधारित उत्पाद, चिकित्सा, पर्यटन, हैंडीक्राफ्ट वस्त्र और परिधान तथा मार्बल क्षेत्र में सेज स्थापित करने के वृहत अवसर हैं, इसलिए पूर्व की भांति ही करों में छूट दी जाए ताकि निर्यातकों में सेज के प्रति आकर्षण बढ़े और निर्यात बढ़े। - कार्यालय संवाददाता  

 

Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news