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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

06-06-2017

धनिया में और मंदी संभव

  •  नई दिल्ली। आगामी एक जुलाई से लागू होने वाले गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लेकर व्यापारिक वर्ग में घबराहट का वातावरण बना हुआ है। इससे अन्य जिंसों के साथ-साथ धनिया का व्यापार भी प्रभावित हुआ है। बिकवाली का दबाव बना होने जबकि लिवाली नगण्य होने से हाल ही में धनिया मंदा हुआ है। आगामी दिनों में यह थोड़ा-बहुत और मंदा होने की आशंका है। राजस्थान की बारां मंडी में धनिया की आवक घटकर करीब ढाई/तीन हजार बोरियों की होने की जानकारी मिली। आवक सामान्य से कमजोर होने के बाद वहां बादामी धनिया पिछले कुछ दिनों से 3600/3800 रुपए तथा ईगल 3800/4000 रुपए पर आ गया। इसी प्रकार रामगंज में यह क्रमश: 3700/3900 रुपए एवं 3900/4200 रुपए पर बना होने की जानकारी मिली। यहां पर करीब पांच/सात हजार बोरियों की आवक होने की सूचनाएं हैं। उधर, मध्य प्रदेश की मनासा मंडी में धनिए की करीब तीन सौ बोरियों की आवक होने की जानकारी मिली। नमी एवं क्वालिटी के आधार पर 3800/5300 रुपए पर बना होने की सूचनाएं हैं। आगामी एक जुलाई से देशभर में जीएसटी लागू होना है। जीएसटी के अंतर्गत अधिकतर किराना जिंसों को 5 प्रतिशत टैक्स श्रेणी में रखा है। बहरहाल, उत्पादक राज्यों की मंडियों में आई इस मंदी की सहानुभूति में स्थानीय थोक किराना बाजार में धनिया बादामी हाल ही में मंदा होने के बाद फिलहाल 6000/6200 रुपए प्रति क्विंटल पर बना हुआ है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में धनिया में आई मंदी का प्रमुख कारण यह है कि इसका उत्पादन बढऩे के साथ-साथ फिलहाल घरेलू और अंतर्राष्टï्रीय मांग सामान्य की तुलना में कमजोर बनी हुई है। बीते सीजन में इसकी करीब एक करोड़ बोरियों का उत्पादन होने की सूचनाएं था। उधर, पिछले एक महीने से अंतर्राष्टï्रीय बाजारों में पिछले करीब एक महीने से धनिया 1.37 डॉलर प्रति किलोग्राम के स्तर पर अपरिवर्तित बना हुआ है। बीते वर्ष की आलोच्य अवधि में यह 1.32 डॉलर प्रति किलोग्राम पर बना हुआ था। दूसरे शब्दों में, धनिया में 0.05 डॉलर या 3.78 प्रतिशत की तेजी आई है। रुपए की तुलना में अमेरिकी डॉलर 64 के आसपास बना हुआ है। निर्यातकों के लिए यह स्तर आकर्षक माना जा रहा है। घरेलू बाजारों में धनिया की कीमत तुलनात्मक रूप से ऊंची होने का इसके निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ा है। मसाला बोर्ड के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2016-17 की प्रथम नौ महीनों यानी अप्रैल-दिसम्बर में 225.07 करोड़ रुपए मूल्य के 23,450 टन धनिया का निर्यात हुआ। बीते वित्त वर्ष की आलोच्य अवधि में इसकी 29,600 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 305.64 करोड़ रुपए की आय हुई थी। स्पष्टï है कि इस बार धनिया के मात्रात्मक निर्यात में 21 प्रतिशत तथा आय में 26 प्रतिशत की गिरावट आई है। बोर्ड ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 360 करोड़ रुपए मूल्य के 40 हजार टन धनिया के निर्यात का लक्ष्य तय किया था। आने वाले दिनों में धनिया थोड़ा-बहुत और मंदा हो सकता है।

     
    - एनएनएस
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धनिया में और मंदी संभव

 नई दिल्ली। आगामी एक जुलाई से लागू होने वाले गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लेकर व्यापारिक वर्ग में घबराहट का वातावरण बना हुआ है। इससे अन्य जिंसों के साथ-साथ धनिया का व्यापार भी प्रभावित हुआ है। बिकवाली का दबाव बना होने जबकि लिवाली नगण्य होने से हाल ही में धनिया मंदा हुआ है। आगामी दिनों में यह थोड़ा-बहुत और मंदा होने की आशंका है। राजस्थान की बारां मंडी में धनिया की आवक घटकर करीब ढाई/तीन हजार बोरियों की होने की जानकारी मिली। आवक सामान्य से कमजोर होने के बाद वहां बादामी धनिया पिछले कुछ दिनों से 3600/3800 रुपए तथा ईगल 3800/4000 रुपए पर आ गया। इसी प्रकार रामगंज में यह क्रमश: 3700/3900 रुपए एवं 3900/4200 रुपए पर बना होने की जानकारी मिली। यहां पर करीब पांच/सात हजार बोरियों की आवक होने की सूचनाएं हैं। उधर, मध्य प्रदेश की मनासा मंडी में धनिए की करीब तीन सौ बोरियों की आवक होने की जानकारी मिली। नमी एवं क्वालिटी के आधार पर 3800/5300 रुपए पर बना होने की सूचनाएं हैं। आगामी एक जुलाई से देशभर में जीएसटी लागू होना है। जीएसटी के अंतर्गत अधिकतर किराना जिंसों को 5 प्रतिशत टैक्स श्रेणी में रखा है। बहरहाल, उत्पादक राज्यों की मंडियों में आई इस मंदी की सहानुभूति में स्थानीय थोक किराना बाजार में धनिया बादामी हाल ही में मंदा होने के बाद फिलहाल 6000/6200 रुपए प्रति क्विंटल पर बना हुआ है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में धनिया में आई मंदी का प्रमुख कारण यह है कि इसका उत्पादन बढऩे के साथ-साथ फिलहाल घरेलू और अंतर्राष्टï्रीय मांग सामान्य की तुलना में कमजोर बनी हुई है। बीते सीजन में इसकी करीब एक करोड़ बोरियों का उत्पादन होने की सूचनाएं था। उधर, पिछले एक महीने से अंतर्राष्टï्रीय बाजारों में पिछले करीब एक महीने से धनिया 1.37 डॉलर प्रति किलोग्राम के स्तर पर अपरिवर्तित बना हुआ है। बीते वर्ष की आलोच्य अवधि में यह 1.32 डॉलर प्रति किलोग्राम पर बना हुआ था। दूसरे शब्दों में, धनिया में 0.05 डॉलर या 3.78 प्रतिशत की तेजी आई है। रुपए की तुलना में अमेरिकी डॉलर 64 के आसपास बना हुआ है। निर्यातकों के लिए यह स्तर आकर्षक माना जा रहा है। घरेलू बाजारों में धनिया की कीमत तुलनात्मक रूप से ऊंची होने का इसके निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ा है। मसाला बोर्ड के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2016-17 की प्रथम नौ महीनों यानी अप्रैल-दिसम्बर में 225.07 करोड़ रुपए मूल्य के 23,450 टन धनिया का निर्यात हुआ। बीते वित्त वर्ष की आलोच्य अवधि में इसकी 29,600 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 305.64 करोड़ रुपए की आय हुई थी। स्पष्टï है कि इस बार धनिया के मात्रात्मक निर्यात में 21 प्रतिशत तथा आय में 26 प्रतिशत की गिरावट आई है। बोर्ड ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 360 करोड़ रुपए मूल्य के 40 हजार टन धनिया के निर्यात का लक्ष्य तय किया था। आने वाले दिनों में धनिया थोड़ा-बहुत और मंदा हो सकता है।

 
- एनएनएस

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