TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

02-06-2017

ग्रेनाइट व मार्बल पर जीएसटी की अधिक दर का विरोध

  •  पाली। ग्रेनाइट व मार्बल पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने के विरोध में जालोर ग्रेनाइट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अध्यक्ष लालसिंह के नेतृत्व में कलेक्टर एलएन सोनी को ज्ञापन सौंपा। ग्रेनाइट व मार्बल पर जीएसटी की दर कम से कम रखकर इस उद्योग को चीन की प्रतिस्पद्र्धा में रहने योग्य रखने की मांग करते हुए जीएसटी की दर 12 प्रतिशत रखने की मांग की। इससे पूर्व कलेक्ट्रेट के सामने दोपहर में ग्रेनाइट उद्यमी एकत्रित होकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि वर्तमान में ग्रेनाइट एवं मार्बल पर राजस्थान में लगभग 5 प्रतिशत टैक्स है एवं अन्य राज्यों में 5 से लगभग 14 प्रतिशत तक है। 5 से 14 प्रतिशत के बीच में जोड़ते हंै तो करीब 9 प्रतिशत होता है। इस लिहाज से कुल मिलाकर जीएसटी 12 प्रतिशत के दायरे में रखना उचित होगा।  ग्रेनाइट उद्योग में जिन फैक्ट्रियों पर उत्पादन शुल्क लगता है वह प्रदेश में करीब 10 प्रतिशत यूनिट है, जो 100 प्रतिशत निर्यातक यूनिट है। इसलिए वो उत्पादन शुल्क के दायरे में नहीं आते हैं। इसलिए उत्पादन शुल्क लगाना उचित नहीं है। ऐसे में टैक्स की दर सीएसटी एवं आरएसटी को ध्यान में रखकर 10 प्रतिशत के आस पास ही बनती है।            - निजी संवाददाता

Share
ग्रेनाइट व मार्बल पर जीएसटी की अधिक दर का विरोध

 पाली। ग्रेनाइट व मार्बल पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने के विरोध में जालोर ग्रेनाइट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अध्यक्ष लालसिंह के नेतृत्व में कलेक्टर एलएन सोनी को ज्ञापन सौंपा। ग्रेनाइट व मार्बल पर जीएसटी की दर कम से कम रखकर इस उद्योग को चीन की प्रतिस्पद्र्धा में रहने योग्य रखने की मांग करते हुए जीएसटी की दर 12 प्रतिशत रखने की मांग की। इससे पूर्व कलेक्ट्रेट के सामने दोपहर में ग्रेनाइट उद्यमी एकत्रित होकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि वर्तमान में ग्रेनाइट एवं मार्बल पर राजस्थान में लगभग 5 प्रतिशत टैक्स है एवं अन्य राज्यों में 5 से लगभग 14 प्रतिशत तक है। 5 से 14 प्रतिशत के बीच में जोड़ते हंै तो करीब 9 प्रतिशत होता है। इस लिहाज से कुल मिलाकर जीएसटी 12 प्रतिशत के दायरे में रखना उचित होगा।  ग्रेनाइट उद्योग में जिन फैक्ट्रियों पर उत्पादन शुल्क लगता है वह प्रदेश में करीब 10 प्रतिशत यूनिट है, जो 100 प्रतिशत निर्यातक यूनिट है। इसलिए वो उत्पादन शुल्क के दायरे में नहीं आते हैं। इसलिए उत्पादन शुल्क लगाना उचित नहीं है। ऐसे में टैक्स की दर सीएसटी एवं आरएसटी को ध्यान में रखकर 10 प्रतिशत के आस पास ही बनती है।            - निजी संवाददाता


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news