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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

01-06-2017

कालीमिर्च बढ़ सकती है......................

  •  नई दिल्ली। केरल में आधिकारिक रूप से मानसून पहुंच गया है। इसकी वजह से राज्य की प्रमुख मंडियों में कालीमिर्च की आवक बुरी तरह से घटकर नगण्य रह गई। आगामी दिनों में कालीमिर्च थोड़ी-बहुत बढ़ सकती है। गत दो दिनों से केरल में हो रही भारी वर्षा के बाद मौसम विभाग ने आधिकारिक रूप से राज्य में मानसून आने की सार्वजनिक घोषणा कर दी। चालू सप्ताह के आरम्भ से ही हो रही भारी वर्षा के कारण कोच्चि सहित केरल की विभिन्न मंडियों में कालीमिर्च की आवक बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कोच्चि मंडी में वर्तमान सप्ताह के आरम्भिक कारोबारी दिन जहां 100 बोरी कालीमिर्च की आवक हुई थी, वहीं दूसरे दिन यह घटकर नगण्य रह गई। आवक नगण्य होने के बाद भी इसकी कीमत 500/510 रुपए प्रति किलोग्राम के पूर्वस्तर पर ही बनी होने की जानकारी मिली। इंटरनेशनल पीपर कम्युनिटी (आईपीसी) के अनुमानों पर यदि विश्वास किया जाए तो वर्तमान सीजन में वियतनाम के इतिहास में पहली बार कालीमिर्च का 1.85 लाख टन उत्पादन होने की सम्भावना है। इतना ही नहीं, यदि इसमें 15 हजार टन के पिछले सीजन के बकाया स्टॉक को भी शामिल कर लिया जाए तो इस बार वियतनाम में कालीमिर्च की कुल उपलब्धता बढ़कर 2 लाख टन हो जाएगी। इसकी वजह से अंतर्राष्टï्रीय और घरेलू, दोनों ही, बाजारों में, कालीमिर्च  दबाव में आ गई थी। इधर, देश में भी इस बार कालीमिर्च का उत्पादन बढऩे की सम्भावनाएं व्यक्त की जा रही हैं। हालांकि उत्पादन बढऩे के अनुमानों के बाद भी उत्पादक वर्तमान कीमत पर अपनी इस उपज की बिक्री करने के इच्छुक नजर नहीं आ रहे हैं। 

     
    कोच्चि मंडी में इन पंंक्तियों के लिखे जाने के समय कालीमिर्च की आवक नगण्य होने की जानकारी मिली। कोच्चि में सामान्य क्वालिटी की कालीमिर्च 500/510 रुपए प्रति किलोग्राम के पूर्वस्तर पर ही बनी होने की जानकारी मिली।  इसी प्रकार, कर्नाटक की मंडियों में मरकरा भी 480/490 रुपए प्रति किलोग्राम पर बनी होने की खबरें हैं। अंतर्राष्टï्रीय बाजार में भारतीय कालीमिर्च पिछले कुछ समय से 5.95 डॉलर प्रति किलोग्राम पर बनी हुई है। एक महीना पूर्व यह 6.28 डॉलर पर बोली जा रही थी। इस आधार पर देखें तो पिछले एक महीने में कालीमिर्च की वर्तमान अंतर्राष्टï्रीय कीमत 0.33 डॉलर या 5.25 प्रतिशत नीची हैं। बीते वर्ष की आलोच्य अवधि में यह 8.82 डॉलर पर बिक रही थी। दूसरे शब्दों में, बीते एक वर्ष में अंतर्राष्टï्रीय बाजार में भारतीय कालीमिर्च में 2.87 डॉलर या 32.53 प्रतिशत टूटी है। रुपए-डॉलर की विनिमय दर से देखें तो अंतर्राष्टï्रीय बाजार में भारतीय कालीमिर्च की कीमत घरेलू बाजारों की तुलना में नीची है। इधर, स्टॉकिस्टों की लिवाली कमजोर ही बनी होने से स्थानीय थोक किराना बाजार में कालीमिर्च मरकरा पिछले कुछ समय से 525/530 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बनी हुई है। वर्तमान वित्त वर्ष के आरम्भिक नौ महीनों में कालीमिर्च के निर्यात में भारी गिरावट आई है। मसाला बोर्ड के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 की अप्रैल-दिसम्बर अवधि में 903.37 करोड़ रुपए कीमत की 14,100 टन कालीमिर्च का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 23,450 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 1438.15 करोड़ रुपए की आय हुई थी। स्पष्टï है कि इस बार कालीमिर्च के मात्रात्मक निर्यात में 40 प्रतिशत तथा आय में 37 प्रतिशत की गिरावट आई है।   - एनएनएस
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कालीमिर्च बढ़ सकती है......................

 नई दिल्ली। केरल में आधिकारिक रूप से मानसून पहुंच गया है। इसकी वजह से राज्य की प्रमुख मंडियों में कालीमिर्च की आवक बुरी तरह से घटकर नगण्य रह गई। आगामी दिनों में कालीमिर्च थोड़ी-बहुत बढ़ सकती है। गत दो दिनों से केरल में हो रही भारी वर्षा के बाद मौसम विभाग ने आधिकारिक रूप से राज्य में मानसून आने की सार्वजनिक घोषणा कर दी। चालू सप्ताह के आरम्भ से ही हो रही भारी वर्षा के कारण कोच्चि सहित केरल की विभिन्न मंडियों में कालीमिर्च की आवक बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कोच्चि मंडी में वर्तमान सप्ताह के आरम्भिक कारोबारी दिन जहां 100 बोरी कालीमिर्च की आवक हुई थी, वहीं दूसरे दिन यह घटकर नगण्य रह गई। आवक नगण्य होने के बाद भी इसकी कीमत 500/510 रुपए प्रति किलोग्राम के पूर्वस्तर पर ही बनी होने की जानकारी मिली। इंटरनेशनल पीपर कम्युनिटी (आईपीसी) के अनुमानों पर यदि विश्वास किया जाए तो वर्तमान सीजन में वियतनाम के इतिहास में पहली बार कालीमिर्च का 1.85 लाख टन उत्पादन होने की सम्भावना है। इतना ही नहीं, यदि इसमें 15 हजार टन के पिछले सीजन के बकाया स्टॉक को भी शामिल कर लिया जाए तो इस बार वियतनाम में कालीमिर्च की कुल उपलब्धता बढ़कर 2 लाख टन हो जाएगी। इसकी वजह से अंतर्राष्टï्रीय और घरेलू, दोनों ही, बाजारों में, कालीमिर्च  दबाव में आ गई थी। इधर, देश में भी इस बार कालीमिर्च का उत्पादन बढऩे की सम्भावनाएं व्यक्त की जा रही हैं। हालांकि उत्पादन बढऩे के अनुमानों के बाद भी उत्पादक वर्तमान कीमत पर अपनी इस उपज की बिक्री करने के इच्छुक नजर नहीं आ रहे हैं। 

 
कोच्चि मंडी में इन पंंक्तियों के लिखे जाने के समय कालीमिर्च की आवक नगण्य होने की जानकारी मिली। कोच्चि में सामान्य क्वालिटी की कालीमिर्च 500/510 रुपए प्रति किलोग्राम के पूर्वस्तर पर ही बनी होने की जानकारी मिली।  इसी प्रकार, कर्नाटक की मंडियों में मरकरा भी 480/490 रुपए प्रति किलोग्राम पर बनी होने की खबरें हैं। अंतर्राष्टï्रीय बाजार में भारतीय कालीमिर्च पिछले कुछ समय से 5.95 डॉलर प्रति किलोग्राम पर बनी हुई है। एक महीना पूर्व यह 6.28 डॉलर पर बोली जा रही थी। इस आधार पर देखें तो पिछले एक महीने में कालीमिर्च की वर्तमान अंतर्राष्टï्रीय कीमत 0.33 डॉलर या 5.25 प्रतिशत नीची हैं। बीते वर्ष की आलोच्य अवधि में यह 8.82 डॉलर पर बिक रही थी। दूसरे शब्दों में, बीते एक वर्ष में अंतर्राष्टï्रीय बाजार में भारतीय कालीमिर्च में 2.87 डॉलर या 32.53 प्रतिशत टूटी है। रुपए-डॉलर की विनिमय दर से देखें तो अंतर्राष्टï्रीय बाजार में भारतीय कालीमिर्च की कीमत घरेलू बाजारों की तुलना में नीची है। इधर, स्टॉकिस्टों की लिवाली कमजोर ही बनी होने से स्थानीय थोक किराना बाजार में कालीमिर्च मरकरा पिछले कुछ समय से 525/530 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बनी हुई है। वर्तमान वित्त वर्ष के आरम्भिक नौ महीनों में कालीमिर्च के निर्यात में भारी गिरावट आई है। मसाला बोर्ड के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 की अप्रैल-दिसम्बर अवधि में 903.37 करोड़ रुपए कीमत की 14,100 टन कालीमिर्च का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 23,450 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 1438.15 करोड़ रुपए की आय हुई थी। स्पष्टï है कि इस बार कालीमिर्च के मात्रात्मक निर्यात में 40 प्रतिशत तथा आय में 37 प्रतिशत की गिरावट आई है।   - एनएनएस

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