विंटर ट्रैवल सीजन को हमारे देश में बच्चों की विंटर वैकेशन से जोडक़र देखा जाता रहा है। यह गर्मियों की तरह पीक ट्रैवल सीजन होता है। ईयर एंड पर न्यू ईयर सेलीबे्रट करने के लिये के्रजी इंडियंस अब पापूलर नहीं पर्सनल चॉइस के अनुसार डेस्टीनेशन का सलैक्शन कर रहे हैं। पहले हिल स्टेशन, मेनस्ट्रीम सी बीच टॉप विंटर डेस्टीनेशंस माने जाते थे लेकिन अब पर्सनल टच को अहमियत दी जा रही है। भीड़-भाड़ से दूर अनएक्सप्लोर्ड डेस्टीनेशंस भी लोगों की चॉइस बन रहे हैं। यंग गु्रप्स, फैमिली गु्रप अपनी पसंद के अनुसार लोकेशन, अकोमोडेशन बुक करना पसंद कर रहे हैं। ट्रैवल सोशियल एप नाओयूनो के को-फाउंडर और सीईओ के अनुसार यंग ट्रैवलर्स जैनरिक ट्रैवल फॉर्मूला से दूर जा रहे हैं यानि कि अब वे अपने लिये यूनिक चॉइस सलैक्ट कर रहे हैं। सबसे ज्यादा लोकप्रिय, प्रमोटेड स्पॉट्स के स्थान पर बजट, पर्सनल चॉइस को महत्व दिया जा रहा है। अब विंटर बे्रक केवल शहर से दूर निकल जाने का मामला नहीं है बल्कि अपनी लाइफस्टाइल से मैच करते हुए डेस्टीनेशन, अकोमोडेशन, फूड और एंटरटेंमेंट को फॉलो करने का मामला है। एक्सपर्ट्स के अनुसार यंग इन्डियंस अब प्लेटफॉम्र्स, इन्फ्लूएंसर्स पर ज्यादा भरोसा न कर, अपने फे्रन्ड्स, परिवारवालों के रिव्यूज पर ज्यादा भरोसा करते हैं। एक सर्वे के अनुसार 98.5 प्रतिशत अपने फे्रन्ड्स, फैमिली मेम्बर्स से डिस्कस कर डेस्टीनेशन डिसाइड करते हैं। 89 प्रतिशत तो अकोमोडेशन और फूड के बारे में भी डिसकस करते हैं। केवल 3 प्रतिशत ही एप की सिफरिश पर ध्यान देते हैं। कहने का मतलब यह है कि यंगस्टर्स लोगों पर ज्यादा भरोसा करते हैं, न कि प्लेटफॉर्म रिव्यूज पर। ट्रेवल प्लान में पर्सनल टच को सबसे ज्यादा आगे बढ़ते हुए देखा जा सकता है।