सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का देश के मीडिया एवं एंटरटेंमेंट क्षेत्र पर बेहद गहरा असर होने वाला है, लिहाजा उद्योग को यह प्रौद्योगिकी अपनाकर इसके पूरे लाभ उठाने चाहिए। जाजू ने यह बात उद्योग मंडल सीआईआई के बिग पिक्चर समिट 2025 के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में डायरेक्ट-टू-मोबाइल प्रसारण परियोजना के लिए कई अध्ययन जारी हैं और इनमें हितधारकों के साथ परामर्श भी शामिल है। सचिव ने मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि एआई का इस सेगमेंट पर बहुत गहरा असर होने वाला है। इसमें कई सकारात्मक बातें होंगी लेकिन कुछ नकारात्मक पहलू भी नजर आएंगे। इसलिए यह समझने के लिए कुछ नियंत्रण भी होने चाहिए ताकि हम अपनी सीमा को पार न करें। उन्होंने कहा कि एआई से जॉब और प्रोडक्टिविटी में बढ़ोतरी होगी। जाजू ने कहा कि यदि कोई काम एआई के इस्तेमाल से तय समय के दसवें हिस्से और लागत के सौंवें हिस्से में पूरा किया जा सके, तो यकीनन ही यह उत्पादकता को काफी बढ़ाएगा। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि हालांकि कुछ क्षेत्रों में इससे नुकसान और कुछ में लाभ होगा, लिहाजा एक संतुलित एवं समन्वित विकास सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। इसके पहले सूचना एवं प्रसारण सचिव ने सीआईआई की तरफ से भारतीय मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग पर तैयार एक श्वेतपत्र को जारी किया। इस श्वेतपत्र के मुताबिक, भारत की मीडिया-एंटरटेंमेंट इंडस्ट्री एन्युअली सात प्रतिशत की दर से बढ़ते हुए 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। देश में रचनात्मक गतिविधियों से जुड़ी अर्थव्यवस्था अब एक करोड़ से अधिक लोगों के लिए रोजगार का जरिया बन चुकी है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में करीब तीन लाख करोड़ रुपये का योगदान देती है।