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24-07-2025

कई एयरलाइन कंपनियां पैसेंजर सेफ्टी से ज्यादा खर्च करती हैं मार्केटिंग पर

  •  अखिल भारतीय ऑनलाइन सर्वेक्षण में करीब 76 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि भारत में कई विमानन कंपनियां यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने की तुलना में प्रचार पर अधिक खर्च कर रही हैं। लोकलसर्किल्स द्वारा किए गए ऑनलाइन सर्वेक्षण में 64 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने गत तीन वर्ष में कम से कम एक बार उड़ान के समय मुश्किल अनुभव करने की बात कही। इसमें उडऩ भरते एवं उतरते समय या उसके दौरान जटिल परिस्थितियों का सामना करना शामिल है। सर्वेक्षण में 322 जिलों के नागरिकों से 44,000 प्रतिक्रियाएं मिलीं। हाल ही में सामने आईं हवाई और जमीनी स्तर की घटनाओं के मद्देनजर यह सर्वेक्षण काफी महत्वपूर्ण है। इन घटनाओं में टाटा समूह द्वारा संचालित एयर इंडिया की बोइंग 787-8 विमान दुर्घटना शामिल है। यह विमान पिछले महीने अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई थी तथा जमीन पर घटनास्थल पर मौजूद अन्य 19 लोगों ने भी जान गंवा दी थी। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) इस दुर्घटना की जांच कर रहा है और उसने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट पहले ही प्रस्तुत कर दी है। इसके अलावा एयर इंडिया की कोच्चि-मुंबई उड़ान में सवार यात्री बाल-बाल बच गए, जब जमीन पर उतरते समय विमान रनवे से बाहर निकल गया जिससे विमान को भारी नुकसान पहुंचा। सोमवार को ही एयर इंडिया की दिल्ली से कोलकाता की उड़ान को तकनीकी खराबी के कारण अंतिम समय में रद्द कर दिया गया जबकि गोवा से इंडिगो की उड़ान को लैंडिंग गियर संबंधी समस्या के कारण आपात स्थिति में उतारा गया। इसी दौरान गोवा-पुणे के बीच उड़ान भरने वाली स्पाइसजेट की एक उड़ान की बाहरी खिडक़ी का ‘फ्रेम’ हवा में ही टूट गया, जिससे बॉम्बार्डियर क्यू400 विमान में सवार यात्रियों में दहशत फैल गई। सर्वेक्षण में हवाई यात्रा करने वाले लोगों से पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि भारत स्थित विमानन कंपनियां सुरक्षा की तुलना में प्रचार पर अधिक खर्च कर रही हैं? प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस प्रश्न का उत्तर देने वाले 26,696 लोगों में से 43 प्रतिशत ने कहा कि हां, सभी विमानन कंपनियां ऐसा करती हैं, 33 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि हां, उनमें से कुछ ऐसा करती हैं और 11 प्रतिशत ने कहा कि नहीं, ऐसा कोई नहीं करता। वहीं 13 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। इसमें कहा गया कि संक्षेप में, सर्वेक्षण में शामिल 76 प्रतिशत भारतीय यात्रियों का मानना है कि कई विमानन कंपनियां सुरक्षा की तुलना में प्रचार पर अधिक खर्च कर रही हैं। सर्वेक्षण में शामिल कुल उत्तरदाताओं में से 63 प्रतिशत पुरुष और 37 प्रतिशत महिलाएं हैं।

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कई एयरलाइन कंपनियां पैसेंजर सेफ्टी से ज्यादा खर्च करती हैं मार्केटिंग पर

 अखिल भारतीय ऑनलाइन सर्वेक्षण में करीब 76 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि भारत में कई विमानन कंपनियां यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने की तुलना में प्रचार पर अधिक खर्च कर रही हैं। लोकलसर्किल्स द्वारा किए गए ऑनलाइन सर्वेक्षण में 64 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने गत तीन वर्ष में कम से कम एक बार उड़ान के समय मुश्किल अनुभव करने की बात कही। इसमें उडऩ भरते एवं उतरते समय या उसके दौरान जटिल परिस्थितियों का सामना करना शामिल है। सर्वेक्षण में 322 जिलों के नागरिकों से 44,000 प्रतिक्रियाएं मिलीं। हाल ही में सामने आईं हवाई और जमीनी स्तर की घटनाओं के मद्देनजर यह सर्वेक्षण काफी महत्वपूर्ण है। इन घटनाओं में टाटा समूह द्वारा संचालित एयर इंडिया की बोइंग 787-8 विमान दुर्घटना शामिल है। यह विमान पिछले महीने अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई थी तथा जमीन पर घटनास्थल पर मौजूद अन्य 19 लोगों ने भी जान गंवा दी थी। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) इस दुर्घटना की जांच कर रहा है और उसने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट पहले ही प्रस्तुत कर दी है। इसके अलावा एयर इंडिया की कोच्चि-मुंबई उड़ान में सवार यात्री बाल-बाल बच गए, जब जमीन पर उतरते समय विमान रनवे से बाहर निकल गया जिससे विमान को भारी नुकसान पहुंचा। सोमवार को ही एयर इंडिया की दिल्ली से कोलकाता की उड़ान को तकनीकी खराबी के कारण अंतिम समय में रद्द कर दिया गया जबकि गोवा से इंडिगो की उड़ान को लैंडिंग गियर संबंधी समस्या के कारण आपात स्थिति में उतारा गया। इसी दौरान गोवा-पुणे के बीच उड़ान भरने वाली स्पाइसजेट की एक उड़ान की बाहरी खिडक़ी का ‘फ्रेम’ हवा में ही टूट गया, जिससे बॉम्बार्डियर क्यू400 विमान में सवार यात्रियों में दहशत फैल गई। सर्वेक्षण में हवाई यात्रा करने वाले लोगों से पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि भारत स्थित विमानन कंपनियां सुरक्षा की तुलना में प्रचार पर अधिक खर्च कर रही हैं? प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस प्रश्न का उत्तर देने वाले 26,696 लोगों में से 43 प्रतिशत ने कहा कि हां, सभी विमानन कंपनियां ऐसा करती हैं, 33 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि हां, उनमें से कुछ ऐसा करती हैं और 11 प्रतिशत ने कहा कि नहीं, ऐसा कोई नहीं करता। वहीं 13 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। इसमें कहा गया कि संक्षेप में, सर्वेक्षण में शामिल 76 प्रतिशत भारतीय यात्रियों का मानना है कि कई विमानन कंपनियां सुरक्षा की तुलना में प्रचार पर अधिक खर्च कर रही हैं। सर्वेक्षण में शामिल कुल उत्तरदाताओं में से 63 प्रतिशत पुरुष और 37 प्रतिशत महिलाएं हैं।


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