TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

21-06-2025

क्या बूम पर है Midnight फूड डिलीवरी इकोनॉमी ?

  •  देश के बड़े शहरों में मिडनाइट फूड ऑर्डर्स, इसेंशियल आइटम्स डिलीवरी तेजी से आगे बढ़ रही है। बिजी वर्क शेड्यूअल से फ्री होकर प्रोफेशनल ही नहीं, स्टूडेंट्स भी लेट नाइट फूड आइटम्स का ऑर्डर प्लेस कर रहे हैं। इससे लेट नाइट डिलीवरी प्लेटफॉर्म इकोनॉमी को बूस्ट मिलने लगा है। दिल्ली की 37 वर्षीय रीना रात को मोमोज, डैजर्ट्स, बर्गर आदि ऑर्डर करती है। क्विक कॉमर्स सर्विस ने इस प्रकार के ऑर्डर को आसान बनाया है और कन्ज्यूमर्स के बीच इसीलिये यह ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। यह कह सकते हैं कि रेस्तरां और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स के लिये मिडनाइट डिलीवरी ‘प्राइम टाइम’ बन रही है। फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी लिमिटेड के क्विक कॉमर्स सर्विस डिविजन इन्स्टामार्ट लेट लाइट ऑर्डर्स विटनैस कर रही है। लास्ट मिनट इसेंशियल्स, स्नेक्स, अगले दिन की तैयारी वाली चीजें आदि के ऑर्डर ज्यादा आ रहे हैं। कस्टमर्स क्विक कॉमर्स को अपनी जरूरतों को जल्दी पूरी करने का टर्निंग पॉइंट जैसा मान रहे हैं। कम्पनी प्रवक्ता के अनुसार मैट्रो शहरों में ही नहीं अब तो स्मॉल सिटीज में भी यह ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। कम्पनी देश के करीब 25 शहरों में 24 घंटे डार्क स्टोर्स ऑपरेट कर रही है। स्नैक्स, बेवेरेजेज, आईसक्रीम्स, सेक्जुअल वैलनेस प्रोडक्ट्स आदि की डिमांड ज्यादा होती है। फेस्टीवल सीजन में तो ऑर्डर की संख्या ज्यादा हो जाती है। गत वर्ष की फूड ट्रेंड्स रिपोर्ट के अनुसार डिनर टाइम डिलीवरी करीब 215 मिलियन रही और यह लंच टाइम से करीब 29 प्रतिशत ज्यादा थी। इससे ऑर्डर ट्रेंड का पता चल रहा है एक रिपोर्ट के अनुसार लेट नाइट ऑर्डर्स में दिल्ली एनसीआर टॉप पर रहा, जबकि बे्रकफास्ट ऑर्डर में बैंगलुरु टॉप पर रहा। फूड इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स के अनुसार लेट नाइट ऑर्डर मैट्रो सिटीज का ट्रेंड है और अभी छोटे शहरों में इसका प्रसार कम है। फास्ट फूड चेन वाओ मोमो डिमांड को पूरा करने के लिये रात 11 बजे बाद भी कुछ लोकेशंस पर स्टोर को खुला रख रही है। को-फाउंडर के अनुसार लेट नाइट ऑर्डर्स लंच से भी ज्यादा संख्या में आने लगे हैं। विशेष रूप से आईपीएल मैच के दौरान तो संख्या काफी ज्यादा पहुंच गई। लेट नाइट सोशियलाइजिंग, कन्ज्यूमर हैबिट्स में परिवर्तन ने भी इस ट्रेंड हो हवा दी है। गत एक-डेढ़ वर्ष में इस ट्रेंड ने ज्यादा जोर पकड़ा है। रिबैल फूड्ज के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर के अनुसार हैदराबाद और बैंगलुरु में 11 बजे बाद ऑर्डर की डिमांड ज्यादा है। बीपीओ कम्पनियां आदि जो ऑफिस रात को ऑपरेट होते हैं, वहां से ऑर्डर ज्यादा आते हैं। हैदराबाद में तो बिरयानी पापूलर चॉइस होती है। इसके अलावा डैजर्ट्स, बर्गर, सिंगल सर्व आइटम्स की डिमांड ज्यादा होती है। ऐसे में ऑपरेटिंग ऑवर्स को एक्सटेंड किया गया है। जानकारों के अनुसार आजकल तो पीजी, होस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स भी काफी संख्या में स्नेक्स, बेवेरेजेज आदि ऑर्डर करते हैं। ऐसे में मिडनाइट फूड डिलीवरी का ट्रेंड देश में बढ़ रहा है। अभी मैट्रो और बड़े शहरों में प्रचलन ज्यादा है, हो सकता है कि आने वाले समय में छोटे शहरों में भी प्रसार बढ़ जाये।

Share
क्या बूम पर है Midnight फूड डिलीवरी इकोनॉमी ?

 देश के बड़े शहरों में मिडनाइट फूड ऑर्डर्स, इसेंशियल आइटम्स डिलीवरी तेजी से आगे बढ़ रही है। बिजी वर्क शेड्यूअल से फ्री होकर प्रोफेशनल ही नहीं, स्टूडेंट्स भी लेट नाइट फूड आइटम्स का ऑर्डर प्लेस कर रहे हैं। इससे लेट नाइट डिलीवरी प्लेटफॉर्म इकोनॉमी को बूस्ट मिलने लगा है। दिल्ली की 37 वर्षीय रीना रात को मोमोज, डैजर्ट्स, बर्गर आदि ऑर्डर करती है। क्विक कॉमर्स सर्विस ने इस प्रकार के ऑर्डर को आसान बनाया है और कन्ज्यूमर्स के बीच इसीलिये यह ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। यह कह सकते हैं कि रेस्तरां और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स के लिये मिडनाइट डिलीवरी ‘प्राइम टाइम’ बन रही है। फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी लिमिटेड के क्विक कॉमर्स सर्विस डिविजन इन्स्टामार्ट लेट लाइट ऑर्डर्स विटनैस कर रही है। लास्ट मिनट इसेंशियल्स, स्नेक्स, अगले दिन की तैयारी वाली चीजें आदि के ऑर्डर ज्यादा आ रहे हैं। कस्टमर्स क्विक कॉमर्स को अपनी जरूरतों को जल्दी पूरी करने का टर्निंग पॉइंट जैसा मान रहे हैं। कम्पनी प्रवक्ता के अनुसार मैट्रो शहरों में ही नहीं अब तो स्मॉल सिटीज में भी यह ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। कम्पनी देश के करीब 25 शहरों में 24 घंटे डार्क स्टोर्स ऑपरेट कर रही है। स्नैक्स, बेवेरेजेज, आईसक्रीम्स, सेक्जुअल वैलनेस प्रोडक्ट्स आदि की डिमांड ज्यादा होती है। फेस्टीवल सीजन में तो ऑर्डर की संख्या ज्यादा हो जाती है। गत वर्ष की फूड ट्रेंड्स रिपोर्ट के अनुसार डिनर टाइम डिलीवरी करीब 215 मिलियन रही और यह लंच टाइम से करीब 29 प्रतिशत ज्यादा थी। इससे ऑर्डर ट्रेंड का पता चल रहा है एक रिपोर्ट के अनुसार लेट नाइट ऑर्डर्स में दिल्ली एनसीआर टॉप पर रहा, जबकि बे्रकफास्ट ऑर्डर में बैंगलुरु टॉप पर रहा। फूड इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स के अनुसार लेट नाइट ऑर्डर मैट्रो सिटीज का ट्रेंड है और अभी छोटे शहरों में इसका प्रसार कम है। फास्ट फूड चेन वाओ मोमो डिमांड को पूरा करने के लिये रात 11 बजे बाद भी कुछ लोकेशंस पर स्टोर को खुला रख रही है। को-फाउंडर के अनुसार लेट नाइट ऑर्डर्स लंच से भी ज्यादा संख्या में आने लगे हैं। विशेष रूप से आईपीएल मैच के दौरान तो संख्या काफी ज्यादा पहुंच गई। लेट नाइट सोशियलाइजिंग, कन्ज्यूमर हैबिट्स में परिवर्तन ने भी इस ट्रेंड हो हवा दी है। गत एक-डेढ़ वर्ष में इस ट्रेंड ने ज्यादा जोर पकड़ा है। रिबैल फूड्ज के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर के अनुसार हैदराबाद और बैंगलुरु में 11 बजे बाद ऑर्डर की डिमांड ज्यादा है। बीपीओ कम्पनियां आदि जो ऑफिस रात को ऑपरेट होते हैं, वहां से ऑर्डर ज्यादा आते हैं। हैदराबाद में तो बिरयानी पापूलर चॉइस होती है। इसके अलावा डैजर्ट्स, बर्गर, सिंगल सर्व आइटम्स की डिमांड ज्यादा होती है। ऐसे में ऑपरेटिंग ऑवर्स को एक्सटेंड किया गया है। जानकारों के अनुसार आजकल तो पीजी, होस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स भी काफी संख्या में स्नेक्स, बेवेरेजेज आदि ऑर्डर करते हैं। ऐसे में मिडनाइट फूड डिलीवरी का ट्रेंड देश में बढ़ रहा है। अभी मैट्रो और बड़े शहरों में प्रचलन ज्यादा है, हो सकता है कि आने वाले समय में छोटे शहरों में भी प्रसार बढ़ जाये।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news