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19-06-2025

यंग बायर्स में लो-कैरेट ज्वैलरी का के्रज ज्यादा

  •  टाइटन कम्पनी के कैरेटलेन, कल्याण ज्वैलर्स के कैंडर बाण्ड को देखें तो एक बात कॉमन है। यह लो-कैरट ज्वैलरी ब्राण्ड हैं। टाटा तनिष्क के तहत प्रीमियम ज्वैलरी रेंज ऑफर की जाती है लेकिन कैरटलेन लाइट व्हेट गोल्ड एंड डायमंड ज्वैलरी पेश करता है। बे्रसलेट, रिंग्स, इयरपीसेज, मंगलसूत्र, पेंडल पीसेज आदि वजन में हल्के हैं और इसीलिये यह टीनेजर्स और 35 वर्ष की युवतियों की पसंद बन रहे हंै। गोल्ड की प्राइस को देखें तो वह एक लाख प्रति दस ग्राम के आसपास चल रही है। ऐसे में यंग गु्रप्स को लाइट व्हेट ज्वैलरी में ज्यादा रुचि है। यह डेली वियरेबल पीसेज होते हैं। कैरटलेन को गत वित्तीय वर्ष की रेवेन्यू ग्रोथ को सरपास करने की उम्मीद है। कल्याण ज्वैलर्स के केंडर ब्राण्ड को यंग इन्डियंस का अच्छा साथ मिल रहा है। ऐसे देश में जहां ज्वैलरी इन्वेस्टमेंट का हिस्सा रही है, वहां पर यंगस्टर्स ऐसे पीसेज को पहनना पसंद कर रहे हैं, जो वजन में हल्के हों। वैलेंटाइन डे के आसपास कैरटलेन ने नौ कैरेट की ज्वैलरी रेंज लांच की थी जबकि हमारे देश में 22 कैरेट गोल्ड लेने का ट्रेंड लम्बे समय से रहा है। केंडर ने आने वाले करीब एक वर्ष में 80 स्टोर्स लांच करने का विचार किया है। कैरेटलेन छोटे शहरों में चालीस स्टोर से ज्यादा खोलने का लक्ष्य कर रही है। मार्च अंत तक कैरेटलेन के स्टोर्स की संख्या 322 थी। टाटा गु्रप में यह संख्या दूसरी सबसे ज्यादा है। यह ब्राण्ड टाईटन के ओवरऑल रेवेन्यू का करीब 6 प्रतिशत योगदान कर रहा है। यह महत्वपूर्ण बात है। कैरेटलेन के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2026 में वे गत वर्ष के आंकड़े को तो निश्चित रूप से प्राप्त कर लेंगे। 31 मार्च, तक कैरेटलेन टॉपलाइन ने करीब 24 प्रतिशत का जम्प लिया और फिगर करीब 35.83 बिलियन रुपये तक पहुंच गया। जिस प्रकार से यंग इन्डियंस का साथ मिल रहा है, कैरेटलेन को बेहतर रूप में आगे बढऩे की उम्मीद है। छोटे शहरों में उनका एक्सपेंशन राह को आसान बना सकता है। जयपुर शहर की बात करें तो यहां पर तीन स्टोर हैं।

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यंग बायर्स में लो-कैरेट ज्वैलरी का के्रज ज्यादा

 टाइटन कम्पनी के कैरेटलेन, कल्याण ज्वैलर्स के कैंडर बाण्ड को देखें तो एक बात कॉमन है। यह लो-कैरट ज्वैलरी ब्राण्ड हैं। टाटा तनिष्क के तहत प्रीमियम ज्वैलरी रेंज ऑफर की जाती है लेकिन कैरटलेन लाइट व्हेट गोल्ड एंड डायमंड ज्वैलरी पेश करता है। बे्रसलेट, रिंग्स, इयरपीसेज, मंगलसूत्र, पेंडल पीसेज आदि वजन में हल्के हैं और इसीलिये यह टीनेजर्स और 35 वर्ष की युवतियों की पसंद बन रहे हंै। गोल्ड की प्राइस को देखें तो वह एक लाख प्रति दस ग्राम के आसपास चल रही है। ऐसे में यंग गु्रप्स को लाइट व्हेट ज्वैलरी में ज्यादा रुचि है। यह डेली वियरेबल पीसेज होते हैं। कैरटलेन को गत वित्तीय वर्ष की रेवेन्यू ग्रोथ को सरपास करने की उम्मीद है। कल्याण ज्वैलर्स के केंडर ब्राण्ड को यंग इन्डियंस का अच्छा साथ मिल रहा है। ऐसे देश में जहां ज्वैलरी इन्वेस्टमेंट का हिस्सा रही है, वहां पर यंगस्टर्स ऐसे पीसेज को पहनना पसंद कर रहे हैं, जो वजन में हल्के हों। वैलेंटाइन डे के आसपास कैरटलेन ने नौ कैरेट की ज्वैलरी रेंज लांच की थी जबकि हमारे देश में 22 कैरेट गोल्ड लेने का ट्रेंड लम्बे समय से रहा है। केंडर ने आने वाले करीब एक वर्ष में 80 स्टोर्स लांच करने का विचार किया है। कैरेटलेन छोटे शहरों में चालीस स्टोर से ज्यादा खोलने का लक्ष्य कर रही है। मार्च अंत तक कैरेटलेन के स्टोर्स की संख्या 322 थी। टाटा गु्रप में यह संख्या दूसरी सबसे ज्यादा है। यह ब्राण्ड टाईटन के ओवरऑल रेवेन्यू का करीब 6 प्रतिशत योगदान कर रहा है। यह महत्वपूर्ण बात है। कैरेटलेन के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2026 में वे गत वर्ष के आंकड़े को तो निश्चित रूप से प्राप्त कर लेंगे। 31 मार्च, तक कैरेटलेन टॉपलाइन ने करीब 24 प्रतिशत का जम्प लिया और फिगर करीब 35.83 बिलियन रुपये तक पहुंच गया। जिस प्रकार से यंग इन्डियंस का साथ मिल रहा है, कैरेटलेन को बेहतर रूप में आगे बढऩे की उम्मीद है। छोटे शहरों में उनका एक्सपेंशन राह को आसान बना सकता है। जयपुर शहर की बात करें तो यहां पर तीन स्टोर हैं।


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