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19-06-2025

‘इनोवेटिव ट्रैवल बिजनेस’ के लिए उपलब्ध है बड़ी अपॉच्र्युनिटी

  •  भारत के तेजी से बढ़ती ट्यूरिज्म इंडस्ट्री का विदेशी मुद्रा आय में योगदान वर्ष 2030 तक 4.5 लाख करोड़ को पार कर सकता है और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इसका हिस्सा सात प्रतिशत से अधिक हो सकता है। पर्यटन जगत के विशेषज्ञों ने यह बात कही। पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पर्यटन जगत से विदेशी मुद्रा आय 2023 में 2,31,927 करोड़ रुपये थी, जो 2024 में 2,77,842 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इंडियन एसोसिएशन ऑफ द ट्यूर ऑपरेटर (आईएटीओ) के अध्यक्ष ने कहा कि भारत में पर्यटन के बढऩे से विदेशी मुद्रा आय भी लगातार बढ़ रही है लेकिन अब भी यह क्षेत्र अपने उच्चतम स्तर पर नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि भारत का पर्यटन क्षेत्र अगले पांच वर्षों में मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है। 2024 में विदेशी मुद्रा आय 2,77,842 करोड़ रुपये रही और हम करीब 8-10 प्रतिशत की स्थिर वार्षिक वृद्धि दर की उम्मीद कर रहे हैं। यदि ये रुझान जारी रहे, तो 2030 तक पर्यटन क्षेत्र की विदेशी मुद्रा आय 4,50,000 करोड़ रुपये को पार कर सकती है। जीडीपी में योगदान पर उन्होंने कहा कि पर्यटन वर्तमान में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग पांच से छह प्रतिशत का योगदान देता है। पर्यटन मंत्रालय और विश्व यात्रा एवं पर्यटन परिषद (डब्ल्यूटीटीसी) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2030 तक इस क्षेत्र का योगदान सकल घरेलू उत्पाद में सात प्रतिशत से अधिक हो सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि अनुकूल नीतियों के साथ बुनियादी ढांचे, डिजिटलीकरण और कौशल विकास में निवेश को प्रोत्साहित करना जारी रखा जाए। रोजगार सृजन पर डब्ल्यूटीटीसी के आंकड़ों का हवाला देते हुए  कहा कि भारत में इस क्षेत्र में लगभग आठ करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। यह प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कुल रोजगार का लगभग 12 से 13 प्रतिशत है। प्रत्यक्ष रोजगार में होटल, एविएशन कंपनियां, यात्रा संबंधी एजेंसियों व यात्रा परिचालक और अप्रत्यक्ष रोजगार में निर्माण, खाद्य उत्पादन आदि जैसे क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने 2047 तक 10 करोड़ इंटरनेशनल ट्यूरिस्ट को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही डोमेस्टिक ट्यूरिज्म भी तेजी से बढ़ रहा है जिससे अगले पांच वर्ष में रोजगार सृजन में इसका योगदान 15 से 20 प्रतिशत हो सकता है, खासकर छोटे व मझोले शहरों में। व्यवसाय के दृष्टिकोण पर कहा कि यह क्षेत्र अधिक संगठित, प्रौद्योगिकी-संचालित और ग्राहक-केंद्रित होता जा रहा है।‘वेलनेस ट्यूरिज्म’, ‘एडवेंचर ट्रेवल’, ‘हेरिटेज सर्किट’ और ‘लक्जरी एक्सपीरियंस’ जैसे नए यात्रा रुझान उभरने से ‘इनोवेटिव ट्रैवल बिजनेस’ के लिए महत्वपूर्ण अवसर खुल रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर से 2024 में 96,57,003 लोग भारत आए। यह 2023 की तुलना में 19.80 प्रतिशत और 2023 की तुलना में 28.35 प्रतिशत की वृद्धि है। इनमें से सबसे अधिक 24.38 प्रतिशत लोग अमेरिका से आए थे। पयर्टन क्षेत्र के एक्सपर्ट डॉ. हिमांशु तलवार ने कहा कि यह क्षेत्र हमेशा से भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है। ताजा आंकड़ों से यह और स्पष्ट हो जाता है। भारत के सडक़, रेल एवं विमानन अवसंरचना के तेजी से विकसित होने से इसे और बल मिला है। इसके अलावा भारतीय पर्यटन स्थलों का सक्रिय प्रचार है, खासकर युवाओं द्वारा सोशल मीडिया के जरिये भारत की सुंदरता को दुनिया के सामने लाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार की बेहतरीन पहल एवं यात्रियों के समर्थन से भारत एक ‘प्रीमियम’ ग्लोबल ट्यूरिस्ट सेंटर के रूप में विकसित हुआ है और आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र के कई गुना बढऩे की उम्मीद है।   प्रमुख यात्रा समूह एसटीआईसी ट्रैवल गु्रप एवं आईसीसी विमानन एवं पर्यटन विशेषज्ञ समिति के चेयरमैन डॉ. सुभाष गोयल ने  कहा कि विमान सेवाएं कोविड के बाद काफी हद तक पटरी पर लौट आई हैं लेकिन यह पूरी तरह से शुरू नहीं हुई हैं। गोयल ने कहा कि सभी सेवाएं पूरी तरह बहाल होने और उनमें सुधार जारी रहने से पर्यटन क्षेत्र का विदेशी मुद्रा आय में योगदान आने वाले वर्षों में काफी बढ़ सकता है।

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‘इनोवेटिव ट्रैवल बिजनेस’ के लिए उपलब्ध है बड़ी अपॉच्र्युनिटी

 भारत के तेजी से बढ़ती ट्यूरिज्म इंडस्ट्री का विदेशी मुद्रा आय में योगदान वर्ष 2030 तक 4.5 लाख करोड़ को पार कर सकता है और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इसका हिस्सा सात प्रतिशत से अधिक हो सकता है। पर्यटन जगत के विशेषज्ञों ने यह बात कही। पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पर्यटन जगत से विदेशी मुद्रा आय 2023 में 2,31,927 करोड़ रुपये थी, जो 2024 में 2,77,842 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इंडियन एसोसिएशन ऑफ द ट्यूर ऑपरेटर (आईएटीओ) के अध्यक्ष ने कहा कि भारत में पर्यटन के बढऩे से विदेशी मुद्रा आय भी लगातार बढ़ रही है लेकिन अब भी यह क्षेत्र अपने उच्चतम स्तर पर नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि भारत का पर्यटन क्षेत्र अगले पांच वर्षों में मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है। 2024 में विदेशी मुद्रा आय 2,77,842 करोड़ रुपये रही और हम करीब 8-10 प्रतिशत की स्थिर वार्षिक वृद्धि दर की उम्मीद कर रहे हैं। यदि ये रुझान जारी रहे, तो 2030 तक पर्यटन क्षेत्र की विदेशी मुद्रा आय 4,50,000 करोड़ रुपये को पार कर सकती है। जीडीपी में योगदान पर उन्होंने कहा कि पर्यटन वर्तमान में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग पांच से छह प्रतिशत का योगदान देता है। पर्यटन मंत्रालय और विश्व यात्रा एवं पर्यटन परिषद (डब्ल्यूटीटीसी) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2030 तक इस क्षेत्र का योगदान सकल घरेलू उत्पाद में सात प्रतिशत से अधिक हो सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि अनुकूल नीतियों के साथ बुनियादी ढांचे, डिजिटलीकरण और कौशल विकास में निवेश को प्रोत्साहित करना जारी रखा जाए। रोजगार सृजन पर डब्ल्यूटीटीसी के आंकड़ों का हवाला देते हुए  कहा कि भारत में इस क्षेत्र में लगभग आठ करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। यह प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कुल रोजगार का लगभग 12 से 13 प्रतिशत है। प्रत्यक्ष रोजगार में होटल, एविएशन कंपनियां, यात्रा संबंधी एजेंसियों व यात्रा परिचालक और अप्रत्यक्ष रोजगार में निर्माण, खाद्य उत्पादन आदि जैसे क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने 2047 तक 10 करोड़ इंटरनेशनल ट्यूरिस्ट को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही डोमेस्टिक ट्यूरिज्म भी तेजी से बढ़ रहा है जिससे अगले पांच वर्ष में रोजगार सृजन में इसका योगदान 15 से 20 प्रतिशत हो सकता है, खासकर छोटे व मझोले शहरों में। व्यवसाय के दृष्टिकोण पर कहा कि यह क्षेत्र अधिक संगठित, प्रौद्योगिकी-संचालित और ग्राहक-केंद्रित होता जा रहा है।‘वेलनेस ट्यूरिज्म’, ‘एडवेंचर ट्रेवल’, ‘हेरिटेज सर्किट’ और ‘लक्जरी एक्सपीरियंस’ जैसे नए यात्रा रुझान उभरने से ‘इनोवेटिव ट्रैवल बिजनेस’ के लिए महत्वपूर्ण अवसर खुल रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर से 2024 में 96,57,003 लोग भारत आए। यह 2023 की तुलना में 19.80 प्रतिशत और 2023 की तुलना में 28.35 प्रतिशत की वृद्धि है। इनमें से सबसे अधिक 24.38 प्रतिशत लोग अमेरिका से आए थे। पयर्टन क्षेत्र के एक्सपर्ट डॉ. हिमांशु तलवार ने कहा कि यह क्षेत्र हमेशा से भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है। ताजा आंकड़ों से यह और स्पष्ट हो जाता है। भारत के सडक़, रेल एवं विमानन अवसंरचना के तेजी से विकसित होने से इसे और बल मिला है। इसके अलावा भारतीय पर्यटन स्थलों का सक्रिय प्रचार है, खासकर युवाओं द्वारा सोशल मीडिया के जरिये भारत की सुंदरता को दुनिया के सामने लाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार की बेहतरीन पहल एवं यात्रियों के समर्थन से भारत एक ‘प्रीमियम’ ग्लोबल ट्यूरिस्ट सेंटर के रूप में विकसित हुआ है और आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र के कई गुना बढऩे की उम्मीद है।   प्रमुख यात्रा समूह एसटीआईसी ट्रैवल गु्रप एवं आईसीसी विमानन एवं पर्यटन विशेषज्ञ समिति के चेयरमैन डॉ. सुभाष गोयल ने  कहा कि विमान सेवाएं कोविड के बाद काफी हद तक पटरी पर लौट आई हैं लेकिन यह पूरी तरह से शुरू नहीं हुई हैं। गोयल ने कहा कि सभी सेवाएं पूरी तरह बहाल होने और उनमें सुधार जारी रहने से पर्यटन क्षेत्र का विदेशी मुद्रा आय में योगदान आने वाले वर्षों में काफी बढ़ सकता है।


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