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12-04-2025

क्विक कॉमर्स के Rise ने मॉर्डन ट्रेड के वॉल्यूम को किया Drop

  •  अरबन शॉपिंग में कन्वीनियंस फैक्टर ने मॉडर्न ट्रेड वॉल्यूम को प्रभावित किया है। कन्ज्यूमर्स अपने कन्वीनियंस को देखते हुए क्यू कॉमर्स पर आकर्षित हो रहे हैं। मार्केट रिसर्च एजेन्सी नीलसन आईक्यू के डेटा के अनुसार अक्टूबर-दिसम्बर, 2024 की अवधि में मॉर्डन ट्रेड वॉल्यूम करीब 1.1 प्रतिशत घटा है। यह लास्ट दस क्वार्टर में पहली बार हुआ है। मॉर्डन ट्रेड में फास्ट मूविंग कन्ज्यूमर गुड्ज (एफएमसीजी) करीब 12 प्रतिशत का योगदान कर रहा है जबकि ट्रेडीशनल ट्रेड शेयर 80 प्रतिशत के करीब है। ई-कॉमर्स फिलहाल 5-8 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। ई-कॉमर्स में क्यू कॉमर्स की हिस्सेदारी करीब एक तियाही है। एक्सपर्ट्स के अनुसार एफएमसीजी के लिये यह शेयर तेजी से बढ़ रहा है। इसीलिये वे चैनल प्राथमिकताओं को रीअलाइन कर रहे हैं। गत कुछ तिमाहियों से मॉर्डन ट्रेड में स्लोडाउन देखने को मिल रहा है। इससे यह पता चल रहा है कि क्यू कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स का दायरा किस तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुम्बई बेस्ड मार्केटिंग एंड रिटेल कन्सल्टेंट के अनुसार कन्ज्यूमर्स में क्विक कॉमर्स के प्रति स्वीकार्यता यानि असेप्टेंस बढ़ रही है। नीलसनआईक्यू डेटा के अनुसार जून, 2024 तिमाही से मॉर्डन ट्रेड में वॉल्यूम ग्रोथ घट रही है। जून क्वार्टर में यह 6.7 प्रतिशत रही थी। मार्च, 2024 से कम रही थी। सितम्बर तिमाही में तो यह 3.8 प्रतिशत ही रह गई। ऑर्गेनाइज्ड रिटेलर्स जैसे डीमार्ट, रिलायंस रिटेल, स्पेंसर्स रिटेल इस बात को काफी गम्भीरता से स्वीकार कर रहे हैं कि क्विक कॉमर्स की ग्रोथ मैट्रो शहरों में मॉर्डन ट्रेड सेल्स को प्रभावित कर सकती है। एवेन्यू सुपरमार्ट्स जो कि डीमार्ट का संचालन करती है के सीईओ के अनुसार क्विक कॉमर्स ने मैट्रो शहरों में एक-दो प्रतिशत तक रिटेलर्स की सेल्स को प्रभावित किया है लेकिन एक्सपर्ट्स के अनुसार डिस्काउंटिंग बढऩे, अनप्लांड शॉपिंग, प्रोडक्ट्स पोर्टफोलियो बढऩा, क्विक कॉमर्स सेगमेंट के फेवर में जा रहा है। कन्ज्यूमर्स इसके प्रति आकर्षित हो रहे हैं। रिलांयस रिटेल और स्पेंसर्स भी इस ट्रेंड के बारे में यही मत रख रहे हैं कि कन्वीनियंस क्विक कॉमर्स को बढ़ाने का काम कर रही है। स्पेंसर्स रिटेल के चेयरमैन के अनुसार क्विक कॉमर्स को अब इग्नोर नहीं किया जा सकता। अरबर सेंटर्स में क्विक कॉमर्स तेजी से आगे बढ़ रही है और आगे डिलीवरी का यह चैनल तेजी गति से आगे बढऩे की सम्भावना रख रहा है। लेटेस्ट सीएलएसए रिपोर्ट के अनुसार क्विक कॉमर्स प्लेयर्स की ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू वित्तीय वर्ष 2027 में तीन गुना बढक़र 18 बिलियन डॉलर हो सकती है। वर्तमान में छह बिलियन डॉलर है। वित्तीय वर्ष 2034 में यह 78 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार सकती है।

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क्विक कॉमर्स के Rise ने मॉर्डन ट्रेड के वॉल्यूम को किया Drop

 अरबन शॉपिंग में कन्वीनियंस फैक्टर ने मॉडर्न ट्रेड वॉल्यूम को प्रभावित किया है। कन्ज्यूमर्स अपने कन्वीनियंस को देखते हुए क्यू कॉमर्स पर आकर्षित हो रहे हैं। मार्केट रिसर्च एजेन्सी नीलसन आईक्यू के डेटा के अनुसार अक्टूबर-दिसम्बर, 2024 की अवधि में मॉर्डन ट्रेड वॉल्यूम करीब 1.1 प्रतिशत घटा है। यह लास्ट दस क्वार्टर में पहली बार हुआ है। मॉर्डन ट्रेड में फास्ट मूविंग कन्ज्यूमर गुड्ज (एफएमसीजी) करीब 12 प्रतिशत का योगदान कर रहा है जबकि ट्रेडीशनल ट्रेड शेयर 80 प्रतिशत के करीब है। ई-कॉमर्स फिलहाल 5-8 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। ई-कॉमर्स में क्यू कॉमर्स की हिस्सेदारी करीब एक तियाही है। एक्सपर्ट्स के अनुसार एफएमसीजी के लिये यह शेयर तेजी से बढ़ रहा है। इसीलिये वे चैनल प्राथमिकताओं को रीअलाइन कर रहे हैं। गत कुछ तिमाहियों से मॉर्डन ट्रेड में स्लोडाउन देखने को मिल रहा है। इससे यह पता चल रहा है कि क्यू कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स का दायरा किस तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुम्बई बेस्ड मार्केटिंग एंड रिटेल कन्सल्टेंट के अनुसार कन्ज्यूमर्स में क्विक कॉमर्स के प्रति स्वीकार्यता यानि असेप्टेंस बढ़ रही है। नीलसनआईक्यू डेटा के अनुसार जून, 2024 तिमाही से मॉर्डन ट्रेड में वॉल्यूम ग्रोथ घट रही है। जून क्वार्टर में यह 6.7 प्रतिशत रही थी। मार्च, 2024 से कम रही थी। सितम्बर तिमाही में तो यह 3.8 प्रतिशत ही रह गई। ऑर्गेनाइज्ड रिटेलर्स जैसे डीमार्ट, रिलायंस रिटेल, स्पेंसर्स रिटेल इस बात को काफी गम्भीरता से स्वीकार कर रहे हैं कि क्विक कॉमर्स की ग्रोथ मैट्रो शहरों में मॉर्डन ट्रेड सेल्स को प्रभावित कर सकती है। एवेन्यू सुपरमार्ट्स जो कि डीमार्ट का संचालन करती है के सीईओ के अनुसार क्विक कॉमर्स ने मैट्रो शहरों में एक-दो प्रतिशत तक रिटेलर्स की सेल्स को प्रभावित किया है लेकिन एक्सपर्ट्स के अनुसार डिस्काउंटिंग बढऩे, अनप्लांड शॉपिंग, प्रोडक्ट्स पोर्टफोलियो बढऩा, क्विक कॉमर्स सेगमेंट के फेवर में जा रहा है। कन्ज्यूमर्स इसके प्रति आकर्षित हो रहे हैं। रिलांयस रिटेल और स्पेंसर्स भी इस ट्रेंड के बारे में यही मत रख रहे हैं कि कन्वीनियंस क्विक कॉमर्स को बढ़ाने का काम कर रही है। स्पेंसर्स रिटेल के चेयरमैन के अनुसार क्विक कॉमर्स को अब इग्नोर नहीं किया जा सकता। अरबर सेंटर्स में क्विक कॉमर्स तेजी से आगे बढ़ रही है और आगे डिलीवरी का यह चैनल तेजी गति से आगे बढऩे की सम्भावना रख रहा है। लेटेस्ट सीएलएसए रिपोर्ट के अनुसार क्विक कॉमर्स प्लेयर्स की ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू वित्तीय वर्ष 2027 में तीन गुना बढक़र 18 बिलियन डॉलर हो सकती है। वर्तमान में छह बिलियन डॉलर है। वित्तीय वर्ष 2034 में यह 78 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार सकती है।


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