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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

07-04-2025

बंगाल की मिठाई नोलेन गुड़ संदेश को मिला विशेष जीआई टैग

  •  पश्चिम बंगाल की मशहूर मिठाई नोलेन गुड़ संदेश और बरुईपुर अमरूद सहित राज्य के सात उत्पादों को विशेष भौगोलिक पहचान (जीआई) का दर्जा मिला है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस कदम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने और राज्य के पारंपरिक प्रसाद को वैश्विक पहचान मिलने की उम्मीद है। ताजा छेना और नोलेन गुड़ (खजूर का गुड़) से बना सर्दियों का मीठा व्यंजन नोलेन गुड़ संदेश की बंगाली घरों में खास अहमियत है। दक्षिण कोलकाता के एक मिठाई बनाने वाले ने कहा कि यह गुड़ सर्दियों में बनने वाले संदेश मिठाई की जान है। इसके बिना सर्दियों का संदेश वैसा नहीं हो पाएगा। खजूर के गुड़ को अब आधुनिक पैकेजिंग में बेचा जाता है और इसकी उपयोगिता अवधि भी लंबी होती है, जिससे भविष्य में इसके विस्तार की उम्मीद जगी है। खजूर के इस गुड़ का इस्तेमाल एक और पारंपरिक मिठाई जॉयनगर मोया में भी किया जाता है, जिसे कुछ साल पहले ‘जीआई टैग’ मिला था। इस बार पश्चिम बंगाल के कुल सात उत्पादों को जीआई टैग मिला है। इसमें कमरपुकुर का सफेद बोंडे, मुर्शिदाबाद का छनबोरा, बिष्णुपुर का मोतीचूर लड्डू, राधुनीपगल चावल और मालदा का निस्तारी रेशमी धागा भी शामिल हैं। फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ कॉटेज एंड स्मॉल इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष एचके गुहा ने कहा कि सात नए उत्पादों के लिए जीआई टैग की घोषणा एक बड़ा कदम है। विभिन्न क्षेत्रों में पाये जाने वाले कई खाद्य उत्पादों को अभी भी अपनी पहचान का इंतजार है। पश्चिम बंगाल को अब तक हस्तशिल्प, वस्त्र, चाय, खाद्य पदार्थ और कला रूपों सहित 26 उत्पादों के लिए जीआई पहचान मिल चुके हैं। पूरे भारत में 500 से अधिक उत्पादों को जीआई मान्यता मिल चुकी है। 

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बंगाल की मिठाई नोलेन गुड़ संदेश को मिला विशेष जीआई टैग

 पश्चिम बंगाल की मशहूर मिठाई नोलेन गुड़ संदेश और बरुईपुर अमरूद सहित राज्य के सात उत्पादों को विशेष भौगोलिक पहचान (जीआई) का दर्जा मिला है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस कदम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने और राज्य के पारंपरिक प्रसाद को वैश्विक पहचान मिलने की उम्मीद है। ताजा छेना और नोलेन गुड़ (खजूर का गुड़) से बना सर्दियों का मीठा व्यंजन नोलेन गुड़ संदेश की बंगाली घरों में खास अहमियत है। दक्षिण कोलकाता के एक मिठाई बनाने वाले ने कहा कि यह गुड़ सर्दियों में बनने वाले संदेश मिठाई की जान है। इसके बिना सर्दियों का संदेश वैसा नहीं हो पाएगा। खजूर के गुड़ को अब आधुनिक पैकेजिंग में बेचा जाता है और इसकी उपयोगिता अवधि भी लंबी होती है, जिससे भविष्य में इसके विस्तार की उम्मीद जगी है। खजूर के इस गुड़ का इस्तेमाल एक और पारंपरिक मिठाई जॉयनगर मोया में भी किया जाता है, जिसे कुछ साल पहले ‘जीआई टैग’ मिला था। इस बार पश्चिम बंगाल के कुल सात उत्पादों को जीआई टैग मिला है। इसमें कमरपुकुर का सफेद बोंडे, मुर्शिदाबाद का छनबोरा, बिष्णुपुर का मोतीचूर लड्डू, राधुनीपगल चावल और मालदा का निस्तारी रेशमी धागा भी शामिल हैं। फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ कॉटेज एंड स्मॉल इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष एचके गुहा ने कहा कि सात नए उत्पादों के लिए जीआई टैग की घोषणा एक बड़ा कदम है। विभिन्न क्षेत्रों में पाये जाने वाले कई खाद्य उत्पादों को अभी भी अपनी पहचान का इंतजार है। पश्चिम बंगाल को अब तक हस्तशिल्प, वस्त्र, चाय, खाद्य पदार्थ और कला रूपों सहित 26 उत्पादों के लिए जीआई पहचान मिल चुके हैं। पूरे भारत में 500 से अधिक उत्पादों को जीआई मान्यता मिल चुकी है। 


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