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15-05-2025

केंद्रीय कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर यूनिट को मंजूरी दी, 3,700 करोड़ रुपए का निवेश करेगी आकर्षित

  •  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना को मंजूरी दी। इससे 3,700 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित होगा। यह यूनिट एचसीएल और फॉक्सकॉन का संयुक्त उद्यम है। दोनों मिलकर यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट ऑथोरिटी (यीडा) एरिया में जेवर हवाई अड्डे के पास प्लांट स्थापित करेंगे। यह प्लांट 20,000 वेफर्स प्रति माह के लिए डिजाइन किया गया है और डिजाइन आउटपुट क्षमता 36 मिलियन यूनिट प्रति माह है। इस प्लांट में मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पीसी और डिस्प्ले वाले दूसरे डिवाइस के लिए डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण होगा। कैबिनेट नोट के अनुसार, ‘भारत में लैपटॉप, मोबाइल, सर्वर, मेडिकल डिवाइस, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के तेजी से विकास के साथ सेमीकंडक्टर की मांग बढ़ रही है, यह नई यूनिट प्रधानमंत्री मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को और आगे बढ़ाएगी।’ एचसीएल हार्डवेयर डेवलप करने और मैन्युफैक्चर करने को लेकर वर्षों से काम कर रही है। जबकि, फॉक्सकॉन इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में एक प्रमुख वैश्विक कंपनी है। कैबिनेट ने कहा, ‘पांच सेमीकंडक्टर यूनिट निर्माण के एडवांस स्टेज में हैं। इस छठी यूनिट के साथ भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर उद्योग को विकसित करने की अपनी यात्रा में आगे बढ़ता है।’ कैबिनेट नोट में आगे कहा गया, ‘सेमीकंडक्टर उद्योग अब पूरे देश में आकार ले रहा है। देश भर के कई राज्यों में विश्व स्तरीय डिजाइन सुविधाएं सामने आई हैं।’ 270 शैक्षणिक संस्थानों और 70 स्टार्टअप में छात्र और उद्यमी नए उत्पादों को विकसित करने के लिए विश्व स्तरीय नवीनतम डिजाइन तकनीकों पर काम कर रहे हैं। इन शैक्षणिक छात्रों द्वारा विकसित लगभग 20 उत्पादों को एससीएल मोहाली ने अपने साथ जोड़ा है। जैसे-जैसे देश सेमीकंडक्टर की यात्रा में आगे बढ़ रहा है, इकोसिस्टम पार्टनर्स ने भी भारत में अपने प्लांट स्थापित किए हैं। एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च दो सबसे बड़े उपकरण निर्माता हैं। मर्क, लिंडे, एयर लिक्विड, आईनॉक्स और कई दूसरे गैस और रासायनिक आपूर्तिकर्ता देश में सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास के लिए कमर कस रहे हैं।

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केंद्रीय कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर यूनिट को मंजूरी दी, 3,700 करोड़ रुपए का निवेश करेगी आकर्षित

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना को मंजूरी दी। इससे 3,700 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित होगा। यह यूनिट एचसीएल और फॉक्सकॉन का संयुक्त उद्यम है। दोनों मिलकर यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट ऑथोरिटी (यीडा) एरिया में जेवर हवाई अड्डे के पास प्लांट स्थापित करेंगे। यह प्लांट 20,000 वेफर्स प्रति माह के लिए डिजाइन किया गया है और डिजाइन आउटपुट क्षमता 36 मिलियन यूनिट प्रति माह है। इस प्लांट में मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पीसी और डिस्प्ले वाले दूसरे डिवाइस के लिए डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण होगा। कैबिनेट नोट के अनुसार, ‘भारत में लैपटॉप, मोबाइल, सर्वर, मेडिकल डिवाइस, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के तेजी से विकास के साथ सेमीकंडक्टर की मांग बढ़ रही है, यह नई यूनिट प्रधानमंत्री मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को और आगे बढ़ाएगी।’ एचसीएल हार्डवेयर डेवलप करने और मैन्युफैक्चर करने को लेकर वर्षों से काम कर रही है। जबकि, फॉक्सकॉन इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में एक प्रमुख वैश्विक कंपनी है। कैबिनेट ने कहा, ‘पांच सेमीकंडक्टर यूनिट निर्माण के एडवांस स्टेज में हैं। इस छठी यूनिट के साथ भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर उद्योग को विकसित करने की अपनी यात्रा में आगे बढ़ता है।’ कैबिनेट नोट में आगे कहा गया, ‘सेमीकंडक्टर उद्योग अब पूरे देश में आकार ले रहा है। देश भर के कई राज्यों में विश्व स्तरीय डिजाइन सुविधाएं सामने आई हैं।’ 270 शैक्षणिक संस्थानों और 70 स्टार्टअप में छात्र और उद्यमी नए उत्पादों को विकसित करने के लिए विश्व स्तरीय नवीनतम डिजाइन तकनीकों पर काम कर रहे हैं। इन शैक्षणिक छात्रों द्वारा विकसित लगभग 20 उत्पादों को एससीएल मोहाली ने अपने साथ जोड़ा है। जैसे-जैसे देश सेमीकंडक्टर की यात्रा में आगे बढ़ रहा है, इकोसिस्टम पार्टनर्स ने भी भारत में अपने प्लांट स्थापित किए हैं। एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च दो सबसे बड़े उपकरण निर्माता हैं। मर्क, लिंडे, एयर लिक्विड, आईनॉक्स और कई दूसरे गैस और रासायनिक आपूर्तिकर्ता देश में सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास के लिए कमर कस रहे हैं।


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