शेयर बाजारों में बेंचमार्क इंडेक्सों के रिकॉर्ड हाई के करीब होने के बावजूद अधिकतर शेयरों में आ रही व्यापक व समझ में न आने वाली गिरावट का दौर सोमवार को भी जारी रहा। सोमवार को बीएसई सेंसेक्स में 610 पाइंट व निफ्टी-50 इंडेक्स में 226 पाइंट की गिरावट दर्ज की गई। बगैर किसी कारण के शेयर बाजारों में आ रही इस गिरावट की व्यापकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सोमवार को बीएसई पर ट्रेड हुए कुल 4485 शेयरों में से 77' या 3460 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए व केवल 19' शेयर ही बढ़त के साथ बंद हुए। गिरने वाले शेयरों में भी मिड, स्मॉल व माइक्रो कैप समेत स्रूश्व प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड शेयरों में भारी बिकवाली देखी जा रही है। इंडिगो के संबंध में जारी डिसरप्शन के कारण कंपनी के शेयरों में भी सोमवार को बड़ी गिरावट दर्ज की गई। सोमवार को बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 609.68 अंक यानी 0.71 प्रतिशत गिरकर 85,102.69 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 836.78 अंक टूटकर 84,875.59 पर आ गया था। एनएसई का 50 शेयरों वाला मानक सूचकांक निफ्टी भी 225.90 अंक यानी 0.86 प्रतिशत गिरकर 25,960.55 अंक पर आ गया। सेंसेक्स के शेयर में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, इटर्नल, ट्रेंट, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, अदाणी पोट्र्स, बजाज फिनसर्व, भारतीय स्टेट बैंक, पावरग्रिड, एशियन पेंट्स, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स, टाइटन, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक, लार्सन एंड टूब्रो और भारती एयरटेल में उल्लेखनीय गिरावट हुई। दूसरी तरफ, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, बाजार में चौतरफा गिरावट देखने को मिली और निफ्टी 26,000 के स्तर के नीचे आ गया। नायर ने कहा कि मजबूत घरेलू वृद्धि आंकड़ों और आरबीआई की हालिया ब्याज दर कटौती के बावजूद छोटी अवधि की धारणा दबाव में है। ऐसा वैश्विक मौद्रिक नीति को लेकर चिंताओं, एफआईआई की लगातार बिकवाली और करंसी के कमजोर होने के चलते है। जापानी बॉन्ड इल्ड के कई वर्षों के उच्च स्तर तक उछल जाने से बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ गया, जिससे येन कैरी ट्रेड के वापस होने की आशंकाएं बढ़ीं।
