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22-07-2025

UKमें इंडियन गारमेंट्स को मिलेगा Free Access

  •  भारत और यूके के बीच मई 2021 में ट्रेड डील की बातचीत शुरू हुई थी। इन चार सालों में यूके में तीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, लि•ा ट्रस और ऋषि सुनक आए और चले गए। लेकिन लेबर पार्ट के कीएर स्टार्मर ने भारत के साथ ट्रेड डील को अपनी बड़ी कामयाबी बताया। चर्चा है कि बातचीत पूरी हो चुकी है और जुलाई में और बहुत संभव हुआ तो इसी सप्ताह इसकी आधिकारिक  घोषणा की जा सकती है। भारतीय सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इस ट्रेड डील (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) के तहत भारत के गारमेंट्स और टेक्सटाइल्स व इलेक्ट्रिक वेहीकल्स को यूके के मार्केट में टेक्सफ्री एक्सैस मिलेगा। वहीं यूके की व्हिस्की, कार और फूड प्रॉडक्ट्स पर भारत टेक्स में कटौती करेगा। दोनों देशों ने मई में कहा था कि बातचीत पूरी हो गई है। एक भारतीय अधिकारी के अनुसार ट्रेड एग्रीमेंट की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इसी सप्ताह  (23-24 जुलाई) लंदन यात्रा के दौरान की जा सकती है। यूरोप की संसद और भारत की केबिनेट से औपचारिक मंजूरी मिल जाने के बाद करीब एक साल बाद यह समझौता लागू होगा।  साथ में लगी टेबल से पता चलता है कि भारत और यूके के बाइलेटरल ट्रेड में भारत का पलड़ा भारी है। पिछले वर्ष भारत से 14.29 बिलियन डॉलर के प्रॉडक्ट्स यूके को एक्सपोर्ट किए गए जबकि 8.4 बिलियन डॉलर के ब्रिटिश प्रॉडक्ट्स भारत ने इंपोर्ट किए। इस तरह यूके के साथ भारत का ट्रेड सरप्लस (फायदा) 5.89 बिलियन डॉलर रहा। रिपोर्ट के अनुसार दोनों देश इस डील को विन-विन कह रहे हैं। स्कॉच व्हिस्की पर अभी भारत में 150 परसेंट इंपोर्ट ड्यूटी लगती है जिसे तुरंत घटाकर  75 परसेंट और दस वर्ष में 40 परसेंट पर लाया जाना है। लिमिटेड कोटा में कार इंपोर्ट पर भारत 100 परसेंट से घटाकर 10 परसेंट टैरिफ लगाएगा। इसके बदले में, भारत से इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को भी कोटा आधारित ब्रिटेन के बाजार में प्रवेश मिलेगा। भारत की कॉमर्स मिनिस्ट्री ने कहा है कि समझौते के तहत 99 परसेंट इंडियन एक्सपोर्ट को ब्रिटेन में जीरो ड्यूटी का फायदा मिलेगा जिसमें टेक्सटाइल्स और गारमेंट्स प्रमुख हैं। वहीं ब्रिटेन को 90 परसेंट प्रॉडक्ट्स पर शुल्क रियायत मिलेगी। ब्रिटिश सरकार के आकलन के अनुसार, 2030 तक भारत का मिडिल क्लास 6 करोड़ तक पहुंच सकता है और 2050 तक यह संख्या 25 करोड़ हो सकती है। भारत की कुल आयात मांग 2021 की तुलना में 2035 तक 144 परसेंट बढक़र 1.88 लाख करोड़ डॉलर हो जाने की उम्मीद है। यूके 95 परसेंट एग्री प्रॉडक्ट्स (फल, सब्जियां, प्रोसेस्ड फूड और अनाज) पर भी •ाीरो टेक्स लगाएगा।

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UKमें इंडियन गारमेंट्स को मिलेगा Free Access

 भारत और यूके के बीच मई 2021 में ट्रेड डील की बातचीत शुरू हुई थी। इन चार सालों में यूके में तीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, लि•ा ट्रस और ऋषि सुनक आए और चले गए। लेकिन लेबर पार्ट के कीएर स्टार्मर ने भारत के साथ ट्रेड डील को अपनी बड़ी कामयाबी बताया। चर्चा है कि बातचीत पूरी हो चुकी है और जुलाई में और बहुत संभव हुआ तो इसी सप्ताह इसकी आधिकारिक  घोषणा की जा सकती है। भारतीय सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इस ट्रेड डील (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) के तहत भारत के गारमेंट्स और टेक्सटाइल्स व इलेक्ट्रिक वेहीकल्स को यूके के मार्केट में टेक्सफ्री एक्सैस मिलेगा। वहीं यूके की व्हिस्की, कार और फूड प्रॉडक्ट्स पर भारत टेक्स में कटौती करेगा। दोनों देशों ने मई में कहा था कि बातचीत पूरी हो गई है। एक भारतीय अधिकारी के अनुसार ट्रेड एग्रीमेंट की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इसी सप्ताह  (23-24 जुलाई) लंदन यात्रा के दौरान की जा सकती है। यूरोप की संसद और भारत की केबिनेट से औपचारिक मंजूरी मिल जाने के बाद करीब एक साल बाद यह समझौता लागू होगा।  साथ में लगी टेबल से पता चलता है कि भारत और यूके के बाइलेटरल ट्रेड में भारत का पलड़ा भारी है। पिछले वर्ष भारत से 14.29 बिलियन डॉलर के प्रॉडक्ट्स यूके को एक्सपोर्ट किए गए जबकि 8.4 बिलियन डॉलर के ब्रिटिश प्रॉडक्ट्स भारत ने इंपोर्ट किए। इस तरह यूके के साथ भारत का ट्रेड सरप्लस (फायदा) 5.89 बिलियन डॉलर रहा। रिपोर्ट के अनुसार दोनों देश इस डील को विन-विन कह रहे हैं। स्कॉच व्हिस्की पर अभी भारत में 150 परसेंट इंपोर्ट ड्यूटी लगती है जिसे तुरंत घटाकर  75 परसेंट और दस वर्ष में 40 परसेंट पर लाया जाना है। लिमिटेड कोटा में कार इंपोर्ट पर भारत 100 परसेंट से घटाकर 10 परसेंट टैरिफ लगाएगा। इसके बदले में, भारत से इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को भी कोटा आधारित ब्रिटेन के बाजार में प्रवेश मिलेगा। भारत की कॉमर्स मिनिस्ट्री ने कहा है कि समझौते के तहत 99 परसेंट इंडियन एक्सपोर्ट को ब्रिटेन में जीरो ड्यूटी का फायदा मिलेगा जिसमें टेक्सटाइल्स और गारमेंट्स प्रमुख हैं। वहीं ब्रिटेन को 90 परसेंट प्रॉडक्ट्स पर शुल्क रियायत मिलेगी। ब्रिटिश सरकार के आकलन के अनुसार, 2030 तक भारत का मिडिल क्लास 6 करोड़ तक पहुंच सकता है और 2050 तक यह संख्या 25 करोड़ हो सकती है। भारत की कुल आयात मांग 2021 की तुलना में 2035 तक 144 परसेंट बढक़र 1.88 लाख करोड़ डॉलर हो जाने की उम्मीद है। यूके 95 परसेंट एग्री प्रॉडक्ट्स (फल, सब्जियां, प्रोसेस्ड फूड और अनाज) पर भी •ाीरो टेक्स लगाएगा।


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