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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

18-07-2025

BIG टिकट लोन में HIGH टिकट ग्रोथ...

  •  भारत का क्रेडिट मार्केट लगातार डिसक्रेडिट हो रहा है। कंज्यूमर लोन में एनपीए बढ़ रहे हैं। आरबीआई के ब्याज सस्ता करने के बावजूद कमजोर डिमांड को देखते हुए बैंक सरप्लस फंड आरबीआई की तिजोरी में जमा कर रहे हैं। सरकार चाहती है कि कंज्यूमर डिमांड बढ़े तो जीडीपी ग्रोथ रेट में सुधार हो तो जॉब्स जेनरेट करने का दबाव कम होगा और रेवेन्यू कलेक्शन बढऩे से बांटने के लिए पैसा आएगा। लेकिन क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी क्रिफ ने ...हाऊ इंडिया लैंड्स2025 रिपोर्ट में कहा है कि वित्तीय वर्ष 2025 में क्रेडिट मार्केट के लिए एक बड़े बदलाव का साल रहा है। भले ही कुल लोन वैल्यू घटी हो बिग टिकट लोन के शेयर में तेज ग्रोथ हो रही है। खासकर होमलोन में 75 लाख रुपये से ज्यादा के लोन को बिग टिकट कैटेगरी में रखा जाता है। रिपोर्ट के अनुसार भारत के क्रेडिट मार्केट में रिस्क बढ़ रहा है और क्रेडिट प्रिफरेंस भी बदल रहे हैं ऐसे में बैंक और एनबीएफसी ने स्ट्रेटेजी बदल बिग टिकट लोन पर फोकस बढ़ा दिया है। हालांकि बिग टिकट लोन की की संख्या बढ़ी है, लेकिन समग्र ऋण वितरण मूल्य (origination value) कई कैटेगरी में घटी है। जैसे पर्सनल लोन के वितरण मूल्य में 2.6 परसेंट की गिरावट आई जबकि हाउसिंग लोन में केवल 2.6' की ग्रोथ हुई। रिपोर्ट के अनुसार, 75 लाख से बड़े होम लोन मेनस्ट्रीम हो रहे हैं और अधिकांश बैंकों के लिए इस कैटेगरी में रिस्क इंडिकेटर घट रहे हैं। दूसरी ओर, 5 लाख से कम के छोटे लोन में डिफॉल्ट रेट्स अब भी ज्यादा हैं। रिपोर्ट कहती है कि माइक्रोफाइनेंस में रिस्क बहुत ज्यादा है। बैंक अब माइक्रोफाइनेंस फोकस वाली फाइनेंस कंपनियों को लोन देने से बच रहे हैं। इस सैक्टर में ग्रॉस लोन पोर्टफोलियो 13.9 परसेंट घटा है। वहीं 1-5 लाख की कैटेगरी में अर्ली और मिड टर्म (रीपेमेंट के शुरूआती और बीच के महीने) में डिफॉल्ट बढ़ रहा है। इसी तरह ऑटो लोन में ग्रोथ भारी गिरावट के साथ केवल 5.2 परसेंट रह गई। इस सैक्टर में भी डिमांड अब प्रीमियम वेहीकल्स की ओर शिफ्ट हो रही है। टू-व्हीलर कैटेगरी में लोन ग्रोथ और भी धीमी है जिसमें बैंकों ने बड़े डिफॉल्ट की आशंका के चलते हाथ पीछे खींच रखे हैं। साथ ही क्रेडिट की शर्तों को कड़ा कर देने से स्वरोजगार वाले कस्टमर के लिए टू-व्हीलर लोन लेना मुश्किल हो गया है। कंज्यूमर ड्यूरेबल कैटेगरी में भी केवल 3.3 परसेंट की मामूली ग्रोथ हुई जबकि क्रेडिट कार्ड लोन में तो 4.2 परसेंट की बड़ी गिरावट आ चुकी है।

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BIG टिकट लोन में HIGH टिकट ग्रोथ...

 भारत का क्रेडिट मार्केट लगातार डिसक्रेडिट हो रहा है। कंज्यूमर लोन में एनपीए बढ़ रहे हैं। आरबीआई के ब्याज सस्ता करने के बावजूद कमजोर डिमांड को देखते हुए बैंक सरप्लस फंड आरबीआई की तिजोरी में जमा कर रहे हैं। सरकार चाहती है कि कंज्यूमर डिमांड बढ़े तो जीडीपी ग्रोथ रेट में सुधार हो तो जॉब्स जेनरेट करने का दबाव कम होगा और रेवेन्यू कलेक्शन बढऩे से बांटने के लिए पैसा आएगा। लेकिन क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी क्रिफ ने ...हाऊ इंडिया लैंड्स2025 रिपोर्ट में कहा है कि वित्तीय वर्ष 2025 में क्रेडिट मार्केट के लिए एक बड़े बदलाव का साल रहा है। भले ही कुल लोन वैल्यू घटी हो बिग टिकट लोन के शेयर में तेज ग्रोथ हो रही है। खासकर होमलोन में 75 लाख रुपये से ज्यादा के लोन को बिग टिकट कैटेगरी में रखा जाता है। रिपोर्ट के अनुसार भारत के क्रेडिट मार्केट में रिस्क बढ़ रहा है और क्रेडिट प्रिफरेंस भी बदल रहे हैं ऐसे में बैंक और एनबीएफसी ने स्ट्रेटेजी बदल बिग टिकट लोन पर फोकस बढ़ा दिया है। हालांकि बिग टिकट लोन की की संख्या बढ़ी है, लेकिन समग्र ऋण वितरण मूल्य (origination value) कई कैटेगरी में घटी है। जैसे पर्सनल लोन के वितरण मूल्य में 2.6 परसेंट की गिरावट आई जबकि हाउसिंग लोन में केवल 2.6' की ग्रोथ हुई। रिपोर्ट के अनुसार, 75 लाख से बड़े होम लोन मेनस्ट्रीम हो रहे हैं और अधिकांश बैंकों के लिए इस कैटेगरी में रिस्क इंडिकेटर घट रहे हैं। दूसरी ओर, 5 लाख से कम के छोटे लोन में डिफॉल्ट रेट्स अब भी ज्यादा हैं। रिपोर्ट कहती है कि माइक्रोफाइनेंस में रिस्क बहुत ज्यादा है। बैंक अब माइक्रोफाइनेंस फोकस वाली फाइनेंस कंपनियों को लोन देने से बच रहे हैं। इस सैक्टर में ग्रॉस लोन पोर्टफोलियो 13.9 परसेंट घटा है। वहीं 1-5 लाख की कैटेगरी में अर्ली और मिड टर्म (रीपेमेंट के शुरूआती और बीच के महीने) में डिफॉल्ट बढ़ रहा है। इसी तरह ऑटो लोन में ग्रोथ भारी गिरावट के साथ केवल 5.2 परसेंट रह गई। इस सैक्टर में भी डिमांड अब प्रीमियम वेहीकल्स की ओर शिफ्ट हो रही है। टू-व्हीलर कैटेगरी में लोन ग्रोथ और भी धीमी है जिसमें बैंकों ने बड़े डिफॉल्ट की आशंका के चलते हाथ पीछे खींच रखे हैं। साथ ही क्रेडिट की शर्तों को कड़ा कर देने से स्वरोजगार वाले कस्टमर के लिए टू-व्हीलर लोन लेना मुश्किल हो गया है। कंज्यूमर ड्यूरेबल कैटेगरी में भी केवल 3.3 परसेंट की मामूली ग्रोथ हुई जबकि क्रेडिट कार्ड लोन में तो 4.2 परसेंट की बड़ी गिरावट आ चुकी है।


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