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10-06-2025

IPO मार्केट कमजोर ‘Listing Gain’ बना Pain Point!

  •  हाल ही में लांच हुए आईपीओ में ‘Listing Gain’ की ‘चमक फीकी’ पडऩे के कारण इंवेस्टरों के पार्टिसिपेशन में भी कमी देखी जा रही है। चालू कैलेंडर ईयर में मार्केट में देखी गई वोलेटिलिटी के कारण केवल 14 मेनबोर्ड आईपीओ लांच हुए हैं जबकि 2024 के समान पीरियड में 29 आईपीओ लांच हुए थे। इसी तरह इस वर्ष अब तक 72 एसएमई आईपीओ लांच हुए हैं जबकि पिछले वर्ष समान पीरियड में 92 एसएमई आईपीओ आए थे। आईपीओ से रिलेटेड डाटा का एनालिसिस करें तो फरवरी 2025 से अब तक आए 9 में से 4 मेनबोर्ड आईपीओ रिटेल इंवेस्टर कैटेगरी में 100 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन हासिल करने में असफल रहे। इसी तरह 9 में से 4 मेनबोर्ड आईपीओ की लिस्टिंग आईपीओ प्राइस से नीचे हुई। रिटेल के अलावा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) कैटगेरी में भी आईपीओ के प्रति सेंटीमेंट कमजोर ही बना हुआ है। फरवरी से अब तक 50 प्रतिशत आईपीओ में HNI कैटेगरी के तहत फुल सब्सक्रिप्शन देखने को नहीं मिला। हाल ही में आए एजिस वोपैक व एथर एनर्जी के आईपीओ में भी ॥हृढ्ढ कैटेगरी के तहत 100 प्रतिशत  सब्सक्रिप्शन प्राप्त नहीं हो पाया था। एसएमई आईपीओ सेगमेंट में भी फरवरी 2025 से अब तक आए आईपीओ में से करीब 40 प्रतिशत आईपीओ में रिटेल सब्सक्रिप्शन 2 गुना से अधिक नहीं रहा। असल में कई इंवेस्टर अब ऊंचे वेल्यूएशंस पर आ रहे आईपीओ को नजरअंदाज करने लगे हैं। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि पिछले वर्ष लांच हुए 90 प्रतिशत आईपीओ वर्तमान में उनकी लिस्टिंग प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहे हैं। इस वर्ष भी अब तक लांच हुए 500 करोड़ रुपये की इश्यू साइज से बड़े आईपीओ में से 4 कंपनियों के शेयर आईपीओ प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहे हैं। इस सेंटीमेंट के बावजूद आईपीओ पाइपलाइन बेहद मजबूत बनी हुई है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक दर्जन से अधिक कंपनियों ने अगले तीन से छह महीनों में अपना आईपीओ पेश करने की तैयारी कर ली है, जो कि सैकंडरी मार्केट में स्टेबिलिटी और जियोपॉलिटिकल तनाव में कमी के कारण संभव हो पाया है। मर्चेंट बैंकरों के मुताबिक कैपिटल मार्केट में उतरने की तैयारी कर रही कंपनियों में एचडीएफसी बैंक की सब्सिडियरी कंपनी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल), कल्पतरु, रूबिकॉन रिसर्च, ऑल टाइम प्लास्टिक्स, रीग्रीन-एक्सेल ईपीसी इंडिया और परमेसु बायोटेक शामिल हैं। इसके अलावा, क्रेडिला, एसके फाइनेंस, वेरिटास फाइनेंस, पारस हेल्थकेयर, सीआईईएल एचआर सर्विसेज, एवांसे फाइनेंशियल सर्विसेज, ड्रोफ-केटल केमिकल्स इंडिया, ब्रिगेड होटल वेंचर्स और श्रीजी शिपिंग भी अपने आईपीओ लांच करने की योजना बना रही हैं। इन सभी कंपनियों को पहले ही सेबी से मंजूरी मिल चुकी है। ये कंपनियां कैपेक्स आवश्यकताओं, खासकर विस्तार योजनाओं, डेब्ट रीपेमेंट और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए धन जुटा रही हैं।

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IPO मार्केट कमजोर ‘Listing Gain’ बना Pain Point!

 हाल ही में लांच हुए आईपीओ में ‘Listing Gain’ की ‘चमक फीकी’ पडऩे के कारण इंवेस्टरों के पार्टिसिपेशन में भी कमी देखी जा रही है। चालू कैलेंडर ईयर में मार्केट में देखी गई वोलेटिलिटी के कारण केवल 14 मेनबोर्ड आईपीओ लांच हुए हैं जबकि 2024 के समान पीरियड में 29 आईपीओ लांच हुए थे। इसी तरह इस वर्ष अब तक 72 एसएमई आईपीओ लांच हुए हैं जबकि पिछले वर्ष समान पीरियड में 92 एसएमई आईपीओ आए थे। आईपीओ से रिलेटेड डाटा का एनालिसिस करें तो फरवरी 2025 से अब तक आए 9 में से 4 मेनबोर्ड आईपीओ रिटेल इंवेस्टर कैटेगरी में 100 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन हासिल करने में असफल रहे। इसी तरह 9 में से 4 मेनबोर्ड आईपीओ की लिस्टिंग आईपीओ प्राइस से नीचे हुई। रिटेल के अलावा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) कैटगेरी में भी आईपीओ के प्रति सेंटीमेंट कमजोर ही बना हुआ है। फरवरी से अब तक 50 प्रतिशत आईपीओ में HNI कैटेगरी के तहत फुल सब्सक्रिप्शन देखने को नहीं मिला। हाल ही में आए एजिस वोपैक व एथर एनर्जी के आईपीओ में भी ॥हृढ्ढ कैटेगरी के तहत 100 प्रतिशत  सब्सक्रिप्शन प्राप्त नहीं हो पाया था। एसएमई आईपीओ सेगमेंट में भी फरवरी 2025 से अब तक आए आईपीओ में से करीब 40 प्रतिशत आईपीओ में रिटेल सब्सक्रिप्शन 2 गुना से अधिक नहीं रहा। असल में कई इंवेस्टर अब ऊंचे वेल्यूएशंस पर आ रहे आईपीओ को नजरअंदाज करने लगे हैं। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि पिछले वर्ष लांच हुए 90 प्रतिशत आईपीओ वर्तमान में उनकी लिस्टिंग प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहे हैं। इस वर्ष भी अब तक लांच हुए 500 करोड़ रुपये की इश्यू साइज से बड़े आईपीओ में से 4 कंपनियों के शेयर आईपीओ प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहे हैं। इस सेंटीमेंट के बावजूद आईपीओ पाइपलाइन बेहद मजबूत बनी हुई है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक दर्जन से अधिक कंपनियों ने अगले तीन से छह महीनों में अपना आईपीओ पेश करने की तैयारी कर ली है, जो कि सैकंडरी मार्केट में स्टेबिलिटी और जियोपॉलिटिकल तनाव में कमी के कारण संभव हो पाया है। मर्चेंट बैंकरों के मुताबिक कैपिटल मार्केट में उतरने की तैयारी कर रही कंपनियों में एचडीएफसी बैंक की सब्सिडियरी कंपनी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल), कल्पतरु, रूबिकॉन रिसर्च, ऑल टाइम प्लास्टिक्स, रीग्रीन-एक्सेल ईपीसी इंडिया और परमेसु बायोटेक शामिल हैं। इसके अलावा, क्रेडिला, एसके फाइनेंस, वेरिटास फाइनेंस, पारस हेल्थकेयर, सीआईईएल एचआर सर्विसेज, एवांसे फाइनेंशियल सर्विसेज, ड्रोफ-केटल केमिकल्स इंडिया, ब्रिगेड होटल वेंचर्स और श्रीजी शिपिंग भी अपने आईपीओ लांच करने की योजना बना रही हैं। इन सभी कंपनियों को पहले ही सेबी से मंजूरी मिल चुकी है। ये कंपनियां कैपेक्स आवश्यकताओं, खासकर विस्तार योजनाओं, डेब्ट रीपेमेंट और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए धन जुटा रही हैं।


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